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समर्थकों की जीत-हार से जुड़ी सिंधिया की साख, जानिए कौन-कौन हारा और जीता?

MP Result Live Update: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणामों पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का राजनीतिक भविष्य भी दांव पर लगा है. इसकी वजह है उनके करीब 20 समर्थक उम्मीदवार. जिन्हें मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल सहित दूसरे इलाकों से बीजेपी का टिकट मिला है. इन्हीं समर्थकों की हार-जीत सिंधिया के राजनीतिक कद में उतार-चढ़ाव लाएगी.

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया. (फाइल फोटो) केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • भोपाल ,
  • 03 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 6:03 PM IST

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं. बीजेपी ने प्रदेश में दो तिहाई से अधिक 163 सीटें जीतकर बड़ी जीत दर्ज कर ली है. कांग्रेस सिमटकर 66 सीटों पर पहुंच गई है. एक सीट भारत आदिवासी पार्टी के खाते में गई है. प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को मतदान हुआ था. खास बात यह रही कि काउंटिंग की शुरुआत से लेकर खत्म होने तक लोगों की केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों की हार-जीत के बारे में जानने को लेकर उत्सुकता बनी रही. आइए, जानेंगे एमपी की उन्हीं 'स्पेशल 20' सीटों का Update...    

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मध्य प्रदेश में 2020 के उलटफेर के वक्त ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में जिन विधायकों ने कांग्रेस छोड़ी थी, उनमें अधिकतर को बीजेपी ने रिपीट (उपचुनाव के बाद फिर टिकट) कर दिया, तो वहीं 7 समर्थक टिकट पाने से वंचित रह गए थे. देखें सिंधिया समर्थक मंत्रियों की सीटों के रिजल्ट...    

प्रद्युम्न सिंह तोमर:-  ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से कट्टर सिंधिया समर्थक प्रद्म्युन सिंह तोमर 19140 वोटों से जीते. तोमर ने कांग्रेस के सुनील शर्मा को हराया.  

तुलसी सिलावट :-  तुलसीराम सिलावट को बीजेपी के टिकट पर सांवेर सीट से विजयश्री हासिल हुई. सिलावट ने कांग्रेस की रीना बौरासी को 68 हजार 854 वोटों से हराया. 

राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव:- बदनावर से BJP उम्मीदवार राजवर्धन सिंह दत्तीगांव कांग्रेस के भंवरसिंह शेखावत से 2976 वोटों से चुनाव हार गए. 

प्रभुराम चौधरी:- रायसेन जिले की सांची विधानसभा सीट से डॉ प्रभुराम चौधरी चुनाव जीते. कांग्रेस उम्मीदवार डॉ जीसी गौतम को  डॉक्टर चौधरी से शिकस्त खानी पड़ी. 

गोविंद सिंह राजपूत:-  सागर जिले की सुरखी सीट से बीजेपी प्रत्याशी गोविंद सिंह राजपूत ने 2178 वोटों से चुनाव जीता. कांग्रेस के उम्मीदवार नीरज शर्मा को हराया. 

बिसाहूलाल सिंह:- ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी बिसाहूलाल साहू ने भी अनूपपुर सीट से जीत दर्ज की.  साहू ने कांग्रेस के रमेश कुमार सिंह को 20 हजार 419 वोटों से पराजित किया. 

हरदीप सिंह डंग:- मंदसौर जिले की सुवासरा सीट से भी सिंधिया समर्थक हरदीप सिंह डंग की जीत हुई. डंग ने 22 हजार 669 वोटों से कांग्रेस के राकेश पाटीदार को पराजित किया. 

महेंद्र सिंह सिसौदिया:-  गुना जिले की बमोरी सीट से सिंधिया के बेहद करीबी महेंद्र सिंह सिसौदिया अपनी सीट नहीं बचा पाए.  कांग्रेस के ऋषि अग्रवाल ने सिसौदिया को 14 हजार 796 वोटों से हरा दिया. 

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अशोकनगर के मुंगावली से बृजेंद्र सिंह यादव:- अशोकनगर की मुंगावली सीट से बृजेंद्र सिंह यादव अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे. सिंधिया गुट के यादव ने कांग्रेस के राव यादवेंद्र सिंह को 5422 मतों से चुनाव हराया. 

सुरेश धाकड़:-  सुरेश धाकड़ रांठखेड़ा को भी करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. कांग्रेस के कैलाश कुशवाह ने बीजेपी प्रत्याशी सुरेश को 49 हजार 481 वोटों से हार का स्वाद चखाया. 

अन्य 5 सिंधिया समर्थक मौजूदा विधायकों की भी किस्मत का भी हुआ फैसला:-

अशोकनगर से जयपाल सिंह जज्जी:-  जजपाल सिंह जज्जी यह चुनाव नहीं जीत सके. कांग्रेस के हरिबाबू राय ने बीजेपी के जज्जी को 8373 वोटों से हरा दिया. 

मुरैना के अंबाह से कमलेश जाटव:- बीजेपी प्रत्याशी कमलेश जाटव भी चुनाव हार गए. कांग्रेस के देवेंद्र रामनारायण सखवार ने सिंधिया समर्थक जाटव को 22 हजार 627 वोटों से पराजित किया. 

प्रद्युम्न सिंह लोधी:- कांग्रेस की रामसिया भारती ने मल्हरा सीट से बीजेपी के कुंवर प्रद्युम्न सिंह लोधी को चुनाव हरा दिया है. सिंधिया गुट के लोधी 67 हजार 521 मत ही हासिल कर पाए थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को 89 हजार 053 वोट प्राप्त हुए. 

देवास के हाटपिपलिया से मनोज चौधरी:-  देवास जिले की हाटपिपलिया सीट से मनोज चौधरी कांग्रेस के राजवीर सिंह राजेंद्र सिंह बघेल को हराकर चुनाव जीत गए.  

निमाड़ के मंधाता से नारायण पटेल:- खंडवा जिले की मांधाता सीट से सिंधिया के करीबी नारायण पटेल भी अपनी सीट को बचाने में कामयाब हो गए.  इस कांटे के मुकाबले में कांग्रेस प्रत्याशी उत्तम राजनारायण सिंह को हरा दिया. 

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इतना ही नहीं, बीजेपी ने सिंधिया समर्थक उन तीन नेताओं को भी फिर से टिकट दिया था, जो 2020 के उपचुनाव में हार गए थे.

डबरा (ग्वालियर) से इमरती देवी:- सिंधिया की कट्टर समर्थक बीजेपी प्रत्याशी इमरती देवी चुनाव हार गईं. कांग्रेस उम्मीदवार सुरेश राजे ने यह कांटे का मुकाबला 2267 वोटों से जीत लिया.  

सुमावली (मुरैना) से ऐंदल सिंह कंषाना:-  सिंधिया समर्थक ऐदल सिंह कंषाना ने 16008 वोटों से बहुजन समाज पार्टी के कुलदीप सिंह सिकरवार को पराजित किया. जबकि तीसरे नंबर कांग्रेस के अजब सिंह कुशवाह रहे.  

मुरैना से रघुराज सिंह कंषाना:- मुरैना सीट से रघुराज सिंह कंषाना चुनाव हार गए. कांग्रेस के दिनेश गुर्जर ने 19 हजार 871 वोटों से जीत हासिल कर इस विधानसभा पर कब्जा जमा लिया. तीसरे नंबर पर यहां बीजेपी के बागी राकेश रुस्तम सिंह रहे.

दो अन्य सिंधिया समर्थकों पर भी नजर 

ग्वालियर पूर्व से माया सिंह:-  सिंधिया परिवार की खास माया सिंह को इस बार कांग्रेस उम्मीदवार सतीश सिकरवार के खिलाफ लड़ाया गया था. लेकिन सिकरवार ने यह मुकाबला 15 हजार 353 वोटों से जीत लिया.  

ग्वालियर की भितरवार सीट से मोहनसिंह राठौड़:- इस सीट पर सिंधिया के कट्टर समर्थक मोहनसिंह राठौड़ ने मुकाबला जीत लिया. राठौड़ ने यह चुनाव 22354 वोटों से जीता. इस सीट से पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव लगातार चुनाव जीतते आ रहे थे.     

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7 नेताओं को नहीं मिला टिकट

इसके अलावा, नवंबर 2020 में उपचुनाव जीतने के बावजूद सिंधिया समर्थक 7 नेताओं को बीजेपी से टिकट नहीं मिला है. इनमें शहरी विकास और आवास मंत्री ओपीएस भदौरिया (मेहगांव), पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल (ग्वालियर पूर्व), रक्षा सरोनिया (भांडेर), सुमित्रा देवी कास्डेकर (नेपानगर), गिरिराज दंडौतिया (दिमनी), रणवीर जाटव (गोहद), जसवंत जाटव (करैरा) का नाम शामिल है.

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