
भोपाल में सजे पंचायत आजतक के मंच पर बीजेपी की वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शिरकत की. जब उनसे पूछा गया कि क्या वह 2024 में लोकसभा चुनाव लड़ेंगी, तो इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि न मैं टायर्ड हूं न रिटायर्ड हूं. लेकिन चुनाव लड़ने की बात पर कहा कि बेहतर है कि जेपी नड्डा इसका जवाब दें. मध्य प्रदेश में बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा को लेकर उमा भारती ने कहा कि उन्होंने (बीजेपी नेता) मुझे इसके लिए निमंत्रण नहीं भेजा. लेकिन मुझे इससे फर्क नहीं पड़ता. मैं पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करूंगी. उन्होंने कहा मैं ये भी बता दू्ं कि इस घटना के 2 दिन बाद मुझे छत्तीसगढ़ से निमंत्रण आ गया है. मुझसे कहा गया कि पूरी यात्रा को लीड करूं, लेकिन मैंने कह दिया कि अब मैं किसी भी यात्रा में शामिल नहीं होऊंगी.
उमा भारती ने कहा कि मैं न पार्टी से नाराज हूं न किसी व्यक्ति से. लेकिन जो भूल हुई मैंने उसकी ओर इशारा किया था. मैं यात्रा में न भी रहूं, तो भी जनता से मेरा कनेक्ट है. एमपी बीजेपी के कार्यक्रमों में पोस्टर से उमा भारती की नदारदगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम बचपन से प्रवचन करते थे, तब पोस्टर, होर्डिंग, लंच पैकेट, गाड़ियां 500 रुपये प्रति व्यक्ति, एक करोड़ के पंडाल ये सब नहीं होता था, लोग स्वेच्छा से आते थे, हम पोस्टरों के मोहताज नहीं हैं.
'पीएम मोदी व्यक्ति नहीं, विचार हैं'
शिवराज सरकार की वापसी को लेकर उन्होंने कहा कि अब व्यक्ति का महत्व खत्म हो चुका है. अब पार्टी में व्यक्ति नहीं, विचार और पार्टी के एजेंडे का महत्व है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी एक विचार हैं. पूरी दुनिया उनके विचार की मुरीद है. ऐसा पहली बार हुआ है जिसने एक विचार दिया है, उसे पूरी दुनिया अपना रही है. उन्होंने पूछा कि क्या अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक को भी बीजेपी का कार्यकर्ता कहेंगे? कई देशों के राष्ट्रपति उनके चरण स्पर्श कर रहे हैं, तो क्या वो सभी बीजेपी के कार्यकर्ता हैं.
विपक्ष के सवालों का उमा भारती ने दिया ये जवाब
विपक्ष कहता है कि बीजेपी एक व्यक्ति के इर्दगिर्द होकर रह गई है, इस सवाल के जवाब में उमा भारती ने कहा कि कांग्रेस को नेहरू गांधी परिवार, सपा को मुलायम और अखिलेश परिवार, आरजेडी को बिहार में लालू और उनके परिवार के आसपास घूमने की आदत है. वह इसलिए ऐसा कहते हैं. उमा भारती ने पीएम मोदी को लेकर कहा कि महात्मा गांधी के बाद पहली बार ऐसे व्यक्ति का उदय हुआ है, जिसका पब्लिक के साथ सीधा कनेक्ट है, लोग उनका सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ये तय नहीं करते कि पोस्टर में किसका चेहरा होगा. ये तो भोपाल में तय होता है. अपनी नाराजगी के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम एक ही विचार को मानते हैं कि महिलाएं नाराज हैं, ये छवि इसलिए बन गई है, क्योंकि समाज सर्विंग वुमन को देखने का आदी है, लेकिन कमांडिंग वुमन को देखने का आदी नहीं है. उन्होंने कहा कि मुझे और ममता बनर्जी को नाराज बताया जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है.
उमा भारती बोलीं- मेरी आस्थाएं उधार की नहीं
क्या उमा भारती को किसी ने कमांड किया है, इस पर उन्होंने कहा कि मैं अपने गुरुजी, अटलजी, आडवाणी जी, दत्तोपंत ठेंगड़ीजी, अशोक सिंघलजी की बात मानती थी. उन्होंने कहा कि मेरी आस्थाएं उधार की नहीं हैं. मैं राम मंदिर के निर्माण में संघ या बीएचपी के कहने पर नहीं जुड़ी थी. उन्होंने कहा कि मुझे लगा कि मेरे मन-वचन और कर्म में संगत नहीं है. मैं कहती हूं कि क्रोध मत करो, लेकिन मुझे गुस्सा आ जाता है, मैं कहती हूं लोभ मत करो, लेकिन मुझे अच्छी गाड़ियां पसंद हैं. इसलिए मैंने सोचा कि मैं उपदेश नहीं दे सकती. लेकिन राजनीति के क्षेत्र में मेरे मन-वचन और कर्म में संगति है. जो मैं सोचती हूं वैसा ही करती हूं.
एमपी में बीजेपी सरकार के लौटने पर कही ये बात
क्या एमपी में बीजेपी लौट रही है, चाहे सीएम कोई भी हो, इसपर उन्होंने कहा कि मैं इसमें नहीं पड़ूंगी. हमारी पार्टी में अब विचारधारा का महत्व है. कार्यकर्ता आधारित पार्टी है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार यहां बने, इसका पूरा प्रयास रहेगा. एंटी इन्कंबेंसी के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो पार्टी सत्ता में होती है उसे लेकर लोगों में असंतोष हो जाता है, इसे संभालने के लिए हमारे कार्यकर्ता घर-घर जा रहे हैं. उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर कहा कि वह बीजेपी में ऐसे शामिल हो गए जैसे पानी में मिशरी घुल जाती है. उन्होंने कहा कि उनके साथ जो लोग आए, वो चिह्नित हो गए कि ये सिंधिया गुट का है. जब मैं कही जाती तो पूछती कि यहां का विधायक कौन है, तो कहतीं कि वह सिंधिया गुट के हैं, लेकिन मैंने कहा कि यहां कोई गुट नहीं है. इसे भी हमें बदलना होगा.