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मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सोमवार की देर शाम बीजेपी ने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की तो उसने सबको हैरान कर दिया. उसमें कुछ नाम केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के भी हैं. लेकिन इनमें से दो नाम ऐसे हैं जिनके बेटे या भाई वर्तमान में विधायक हैं और अब टिकट के दावेदार भी हैं. ये नाम है बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और केंद्रीय राजयमंत्री प्रह्लाद पटेल.
कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय फिलहाल इंदौर-3 से विधायक हैं लेकिन अब पिता कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर-1 से टिकट मिलने के बाद आकाश विजयवर्गीय के टिकट कटने के संकेत मिल रहे हैं. इसी तरह केंद्रीय राजयमंत्री प्रह्लाद पटेल को बीजेपी ने नरसिंहपुर से उम्मीदवार बनाया है जबकि इस सीट से वर्तमान में उनके भाई जालम सिंह पटेल विधायक हैं. अब प्रह्लाद पटेल को टिकट मिलने के बाद उनके विधायक भाई का टिकट कटना तय माना जा रहा है.
मारपीट को लेकर विवाद में आए थे आकाश विजयवर्गीय
बता दें कि आकाश विजयवर्गीय उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने निगम अधिकारी पर बैट से हमला कर दिया था. इंदौर के गंजी कंपाउंड इलाके में तोड़फोड़ को लेकर बहस होने के बाद आकाश विजयवर्गीय का निगम अधिकारी पर क्रिकेट बैट से हमले का वीडियो वायरल हुआ था. इसके बाद उन्हें पुलिस ने उस वक्त गिरफ्तार कर लिया था. इसको लेकर मध्य प्रदेश में उस वक्त खूब राजनीति हुई थी.
सिंधिया का दम बरकरार
बीजेपी की दूसरी सूची में जहां जीते हुए विधायकों के टिकट काटे गए हैं तो वहीं सिंधिया समर्थक नेता जो पिछले उपचुनाव में हार चुके हैं उन्हें एक बार फिर टिकट दिया गया है. दूसरी सूची में सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए 5 नेताओं को टिकट मिला है. इनमें इमरती देवी, रघुराज कंसाना, हीरेन्द्र सिंह बंटी, मोहन राठौर और श्रीकांत चतुर्वेदी का नाम हैं. इमरती देवी और रघुराज कंसाना 2020 में हुए उपचुनाव हार गए थे लेकिन उन्हें फिर से टिकट मिलने से यह साफ हो गया है कि बीजेपी में सिंधिया का दबदबा कायम है.
बीजेपी ने इन बड़े चेहरों को मैदान में उतारा
नरेंद्र सिंह तोमर, मंत्री
प्रहलाद पटेल, मंत्री
फग्गन सिंह कुलस्ते, मंत्री
राकेश सिंह, सांसद
रीति पाठक, सांसद
गणेश सिंह, सांसद
उदय प्रताप सिंह, सांसद
कैलाश विजयवर्गीय, महासचिव
पहली लिस्ट में भी 39 नेताओं को मिली थी टिकट
कुछ दिन पहले भी भाजपा ने 39 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी. इस सूची की खास बात यह देखी गई थी कि पहली बार में बीजेपी ने जो सूची जारी की थी वो उन जगहों की थी जहां पार्टी को 2018 में हार का सामना करना पड़ा था. इस सूची में कई पुराने चेहरों के साथ नए लोगों को मौका दिया गया.