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मायावती के धर्म परिवर्तन पर BJP नेता का वार, कहा- बौद्ध बनने से किसने रोका?

बीजेपी के उपाध्यक्ष दुष्यंत कुमार गौतम ने मायावती के धर्म परिवर्तन करने की बात पर कहा कि संविधान हर किसी को धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करता है. आखिर मायावती कब बौद्ध नहीं थीं, लोग तो उन्हें बौद्ध ही समझते हैं. सही से अगर वह बौद्ध धर्म के आदर्शों को अपनाएं तो डॉ. अंबेडकर की आत्मा को भी शांति मिलेगी.

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (फाइल-IANS) उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (फाइल-IANS)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 8:19 PM IST

  • हिंदुओं और दलितों को गुमराह करना बंद करें मायावती-BJP
  • 'धर्म अपनाना न अपनाना निजी मसला, कोई समय निर्धारित नहीं होता'

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उपाध्यक्ष दुष्यंत कुमार गौतम ने आज मंगलवार को बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती के उस बयान पर निशाना साधा है, जिसमें उन्होंने भविष्य में बौद्ध धर्म अपनाने की बात कही थी. गौतम ने कहा कि मायावती धर्म के नाम पर हिंदुओं और दलितों को गुमराह करना बंद करें. उन्हें बौद्ध धर्म अपनाने से कौन रोक रहा है?

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बीजेपी के उपाध्यक्ष दुष्यंत कुमार गौतम ने मायावती के धर्म परिवर्तन करने की बात पर कहा कि संविधान हर किसी को धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करता है. आखिर मायावती कब बौद्ध नहीं थीं, लोग तो उन्हें बौद्ध ही समझते हैं. सही से अगर मायावती बौद्ध धर्म के आदर्शों को अपनाएं तो डॉ. अंबेडकर की आत्मा को भी शांति मिलेगी.

'मायावती अनर्गल बयान दे रहीं'

दरअसल, मायावती ने सोमवार को नागपुर की एक रैली में कहा था कि उचित समय आने पर वह बाबा साहेब की तरह बौद्ध धर्म अपना लेंगी. मायावती के इस बयान पर गौतम ने कहा, 'लगता है कि मायावती की राजनीतिक महत्वाकांक्षा धर्म के आड़े आ रही है. यही वजह है कि वह अनर्गल बयान दे रही हैं. जनमानस में धर्म किसी तरह राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करता. धर्म अपनाना न अपनाना एक निजी मसला है. इसके लिए कोई उचित और अनुचित समय नहीं होता है. धर्म के नाम पर राजनीति करने से बाज आना चाहिए.'

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'गुमराह करना बंद करें मायावती'

बीजेपी उपाध्यक्ष गौतम ने कहा कि मायावती को राजनीति में धर्म का घालमेल बंद करना चाहिए. बेहतर हो कि वह बौद्ध धर्म और डॉ. अंबेडकर के सिद्धांतों और आदर्शों को अपने आचरण में उतारें तो भला होगा. इससे अंबेडकर की आत्मा को भी शांति मिलेगी.

उन्होंने कहा कि भीमराव अंबेडकर को मानने वाले ज्यादातर बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं, मगर वे मायावती की तरह धर्म के नाम पर गुमराह करने की राजनीति नहीं करते.

बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने सोमवार को नागपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि वह बाबा साहेब की तरह बौद्ध धर्म की दीक्षा लेंगी. उन्होंने यह भी कहा कि सही समय पर इसका फैसला करेंगी.

कब करेंगी धर्म परिवर्तन

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा, 'बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने अपने देहांत से कुछ वक्त पहले धर्म परिवर्तन किया था. आप लोग मेरे धर्म परिवर्तन के बारे में भी सोचते होंगे. मैं भी बौद्ध धर्म की अनुयायी बनने के लिए दीक्षा अवश्य लूंगी, लेकिन यह तब होगा जब इसका सही समय आ जाए.'

नागपुर में मायावती ने कहा कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत की बात से सहमत नहीं हैं कि भारत एक हिंदू राष्ट्र था. बाबा साहेब अंबेडकर ने सेकुलरिज्म के आधार पर संविधान की रचना की थी. मायावती इन दिनों महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीएसपी उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार कर रही हैं. महाराष्ट्र में हरियाणा के साथ-साथ 21 अक्टूबर को मतदान होना है जबकि वोटों की गिनती 24 अक्टूबर को होगी.

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