
बुलढाणा जिला महाराष्ट्र के 36 जिलों में से एक है. यह शहर शेगांव स्थित श्री गजानन महाराज मंदिर समेत कई प्रसिद्ध मंदिरों की वजह से जाना जाता है. इस शहर का उल्लेख महाभारत काल में हुआ था. मौर्य युग में अशोक के काल में बीरर राज्य की स्थापना की गई थी, जिसके तहत बुलढाणा शहर बसा. इस शहर का नाम भील (भील आदिवासी समाज) ढाणा के नाम पर पड़ा.
यह जिला 9661 स्क्वायर किलोमीटर के दायरे में फैला है. इस जिले के तहत 6 सब डिवीजन, 13 तहसील और 877 पंचायत आते हैं. यह जिला अमरावती कमिश्नरी के तहत आता है.
प्रदेश की कुल आबादी का 2.30 फीसदी
2011 की जनगणना के आधार पर देखें तो बुलढाणा की आबादी 25,86,258 है जिसमें पुरुषों की 13,37,560 और महिलाओं की 12,48,698 संख्या है. जबकि 2001 में बुलढाणा की आबादी 22,32,480 थी. महाराष्ट्र की कुल आबादी का 2.30 फीसदी आबादी बुलढाणा में रहती है.लिंगानुपात के आधार पर देखा जाए तो प्रति हजार पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या 934 है जबकि 2001 में यह संख्या 946 थी यानी कि गुजरे 10 सालों में लिंगानुपात में कमी आई है. जिले की साक्षरता दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है और यहां की 83.40 फीसदी आबादी साक्षर है. जिनमें से पुरुषों की 90.54 फीसदी आबादी तो महिलाओं की 75.84 फीसदी आबादी साक्षर है. धर्म के आधार पर देखा जाए तो 71.35% आबादी हिंदुओं की है तो 13.70% आबादी मुसलमानों की है.
बुलढाणा लोकसभा सीट के तहत 6 विधानसभा सीटें आती हैं जिसमें बुलढाणा, छिखाली, सिंधखेड राजा, मेहकार, खामगांव और जलगांव शामिल हैं.
बुलढाणा पर शिवसेना का कब्जा
बुलढाणा लोकसभा सीट पर शिवसेना का कब्जा है. इस साल अप्रैल-मई में हुए चुनाव में शिवसेना के प्रत्याशी जाधव प्रतापराव गणपतराव ने शानदार जीत हासिल की थी. उन्होंने चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रत्याशी डॉ. राजेंद्र भास्करराव शिंगणे को 1,33,287 वोटों के बड़े अंतर से हराया. गणपतराव को 5,21,977 तो राजेंद्र भास्करराव शिंगणे को 3,88,690 वोट मिले.
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी शिवसेना के टिकट पर जाधव प्रताप राव ने जीत हासिल की थी. बुलढाणा लोकसभा सीट पर सबसे पहले चुनाव 1951 में हुआ था. शुरुआत में इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा था, और 1977 में करीब 30 साल में पहली बार कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा.
1977 के आम चुनाव में रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया ने कांग्रेस को हराया और पहली बार दौलत गुंजाजी गवई चुनाव जीते. वहीं इस लोकसभा सीट पर सिर्फ एक बार बीजेपी (1989) ने जीत हासिल की है.
हरियाणा के साथ-साथ महाराष्ट्र में भी विधानसभा चुनाव कराए जा रहे हैं . दोनों ही राज्यों में 21 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे जबकि 24 अक्टूबर को चुनाव के नतीजे आएंगे.