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महाराष्ट्र चुनाव: पुणे में एनसीपी के गढ़ में बीजेपी ने झोंकी ताकत

2011 जनगणना के मुताबिक, यहां की जनसंख्या 94.29 लाख से अधिक है. वहीं, साक्षरता 86.15 फीसदी है. जिसमें पुरुष 90.84 और महिलाएं 81.05 फीसदी साक्षर हैं.

Maharashtra Assembly Election 2019 Maharashtra Assembly Election 2019
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 01 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 7:30 PM IST

  • पुणे जिले के तहत 21 विधानसभा सीटें आती हैं
  • बारामती सीट पूर्व सीएम शरद पवार का गढ़ रहा है

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है. राज्य में एक ही चरण में 21 अक्टूबर को वोटिंग होनी है. चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है. पुणे जिले के तहत जुन्नर, अंबेगांव, खेड़ अलंदी, शिरूर, दौंड, इंदापुर, बारामती, पुरंदर, भोर, मावल, चिंचवड, पिंपरी, भोसरी, वडगांव, शिवाजीनगर, कोठरुड, खडकवासला, पार्वती, हडपसर, कैन्टोमेंट, कस्बा पेठ विधानसभा सीट आती है.

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2011 जनगणना के मुताबिक, यहां की जनसंख्या 94.29 लाख से अधिक है. वहीं, साक्षरता 86.15 फीसदी है, जिसमें पुरुष 90.84 और महिलाएं 81.05 फीसदी साक्षर हैं. बता दें कि 288 सदस्‍यीय महाराष्‍ट्र विधानसभा में भाजपा के 122, शिवसेना के 63, कांग्रेस के 42 और एनसीपी के 41 सदस्‍य हैं. वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को खत्‍म होगा.

ये विधानसभा सीटें हैं

बारामती- बीजेपी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शरद पवार के गढ़ में कद्दावर नेता उतारने का फैसला किया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को ऐलान किया कि गोपीचंद पड़ालकर बारामती विधानसभा क्षेत्र से अजीत पवार के खिलाफ उतरेंगे. गोपीचंद पड़ालकर शक्तिशाली मराठी नेता संभाजी भिड़े के शिष्य रहे हैं. पड़ालकर प्रकाश अंबेडकर की पार्टी वंचित बहुजन अगाड़ी (VBA) में थे. बता दें कि बारामती मराठा नेता और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम शरद पवार का गढ़ रहा है.

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बारामती से शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले इस बार लगातार तीसरी बार सांसद बनी हैं. शरद पवार के भतीजे अजीत पवार भी इस सीट से 1995, 1999, 2004, 2009, और 2014 में विधानसभा का चुनाव जीते हैं. इस बार अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले ही अजीत पवार ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. यहां वोटरों की संख्या 3,09,993 से अधिक है. बीते चुनाव में 15 प्रत्याशी यहां से मैदान में थे और एनसीपी के अजीत पवार ने जीत हासिल की थी.

ये विधानसभा सीटें हैं

जुन्नर, अंबेगांव, खेड़ अलंदी, शिरूर, दौंड, इंदापुर, बारामती, पुरंदर, भोर, मावल, चिंचवड, पिंपरी, भोसरी, वडगांव, शिवाजीनगर, कोठरुड, खडकवासला, पार्वती, हडपसर, कैन्टोमेंट, कस्बा पेठ

Maharashtra: 2014 में नासिक जिले से BJP-शिवसेना को मिली थीं बराबर सीटें

इन सीटों पर भी रहेंगी नजरें

जुन्नर- यहां वोटरों की संख्या 2,75,914 से अधिक है. इस सीट पर शिवसेना और एमएनसी के बीच टक्कर हुई थी, जिसमें एमएनएस ने बाजी मारी थी. यहां से 11 उम्मीदवार मैदान में थे और कुल वोटिंग 71.40 हुई थी.

अंबेगांव- इस सीट पर वोटरों की संख्या 270133 से अधिक है. यहां एनसीपी के दलीप पाटिल ने एकतरफा जीत हासिल की थी. उन्हें 62.12 फीसदी वोट मिले थे. यहां से 9 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे और कुल वोटिंग 71.65 फीसदी हुई थी.

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शिरूर- यहां वोटरों की संख्या 3,10,489 से अधिक है. 2014 में बीजेपी के बाबूराव काशीनाथ ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने एनसीपी के अशोक पवार को मात दी थी. यहां से 14 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे और कुल 69.64 फीसदी हुई थी.

खेड़ अलंदी- इस विधानसभा सीट पर वोटरों की संख्या 283248 से अधिक है. पिछले चुनाव में शिवसेना ने अपना परचम लहराया था. दूसरे स्थान पर एनसीपी और तीसरे पर बीजेपी थी. यहां से 13 उम्मीदवार मैदान में उतरे थे और कुल वोटिंग 70.62 फीसदी हुई थी.

दौंड- इस विधानसभा सीट के तहत 271999 से अधिक वोटर हैं. 2014 चुनाव में  RSPS के राहुल सुभाषराव ने एनसीपी के रमेश किशन थोराट को हराया था. बीते चुनाव में यहां से 19 प्रत्याशी मैदान में थे और कुल वोटिंग 73.32 फीसदी हुई थी.

इंदापुर- इस सीट के तहत 276911 से अधिक वोटर हैं. बीते चुनाव में इंदापुर सीट से एनसीपी उम्मीदवार को जीत मिली थी. वहीं, कांग्रेस को दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था. 2014 में इस सीट से 22 प्रत्याशी मैदान में किस्मत आजमा रहे थे और कुल वोटिंग 78.74 फीसदी हुई थी.

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