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महाराष्ट्र चुनाव: बीजेपी ने मराठा और पिछड़ा वर्ग में साधा संतुलन

बीजेपी पार्टी के 125 प्रत्याशियों की सूची पर नजर डालें तो आसानी से देखा जा सकता है कि बीजेपी ने पश्चिमी महाराष्ट्र में अच्छा जातीय समीकरण बनाया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
साहिल जोशी/कमलेश सुतार
  • मुंबई,
  • 02 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 11:53 PM IST

  • बीजेपी ने 47 मराठाओं को दिया टिकट
  • 17 टिकट सवर्ण जातियों को दिया गया

जनसंघ के दिनों से लेकर कुछ साल पहले तक बीजेपी की पहचान अगड़ी जातियों की पार्टी की थी. महाराष्ट्र में भी इसे ब्राह्मण-बनिया पार्टी के रूप में जाना जाता था लेकिन प्रमोद महाजन और गोपीनाथ मुंडे जैसे दिग्गजों ने इसकी छवि बदल दी जब उन्होंने बीजेपी में 'माधव' को जगह दी. 'माधव' तीन ओबीसी जातियों- माली, धनगर और वनजारी का गठजोड़ है.

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हालांकि, इन तीन जातियों को मिलाकर की गई सोशल इंजीनियरिंग के बाद भी पार्टी बहुमत से दूर रही क्योंकि मराठाओं में बीजेपी की स्वीकार्यता नहीं बन पाई. मराठाओं के लंबे आंदोलन के बाद हाल ही में देवेंद्र फडणवीस सरकार ने उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (SCBC) में डालते हुए 16 फीसदी आरक्षण दिया है.

मोदी ने सभी समुदायों तक बनाई अपनी पहुंच?

बीजेपी के लिए 2014 का चुनाव ऐसा मौका था जब नरेंद्र मोदी की लहर पर सवार बीजेपी ने न सिर्फ लोकसभा चुनाव, बल्कि विधानसभा चुनाव में भी सभी समुदायों तक अपनी पहुंच बनाई. इस बार जब देवेंद्र फडणवीस बतौर मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद पहले चुनाव का सामना करने जा रहे हैं, बीजेपी ने अपना मूल जनाधार कायम रखते हुए नये जातीय समूहों तक अपनी पहुंच बना ली है.

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अगर पार्टी के 125 प्रत्याशियों की सूची पर नजर डालें तो आसानी से देखा जा सकता है कि बीजेपी ने पश्चिमी महाराष्ट्र में अच्छा जातीय समीकरण बनाया है. मराठाओं के गढ़ रूप में मशहूर पश्चिमी महाराष्ट्र ने मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस और एनसीपी को जिंदा रखा था, क्योंकि मराठा समुदाय में शरद पवार की अच्छी पकड़ थी.

47 मराठाओं को मिला टिकट

इस बार होने जा रहे चुनाव में बीजेपी ने 125 प्रत्याशियों की लिस्ट में 47 मराठाओं को टिकट दिया है. इनमें से ज्यादातर पश्चिमी महाराष्ट्र से प्रत्याशी हैं. लेकिन विदर्भ, मराठवाड़ा और उत्तरी महाराष्ट्र में बीजेपी ने अपने ओबीसी जनाधार का ख्याल रखते हुए इस वर्ग से 31 प्रत्याशी उतारे हैं. इनमें से ज्यादातर सिटिंग विधायक हैं. ऐसा लगता है कि चार सीट बीजेपी बंजारा समुदाय को देगी जिसके लिए उसकी सहयोगी राष्ट्रीय समाज पार्टी (RSP) से प्रत्याशी उतारे जाएंगे.

बीजेपी ने सवर्ण जातियों से भी अधिकतम उम्मीदवार उतारे हैं, लेकिन इसमें बेहद सावधानी बरती गई है. जैसे पुणे और नागपुर से ब्राह्मण उम्मीदवार तो मुंबई से जैन, मारवाड़ी और गुजराती को उतारा गया है. कुल मिलाकर 17 टिकट सवर्ण जातियों को दिया है. 12 सीटें शिड्यूल कास्ट और 11 सीटें शिड्यूट ट्राइब्स को दी गई हैं जिनमें से ज्यादातर आरक्षित सीटें हैं.

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