
पूर्वोत्तर में कांग्रेस का आखिरी किला मिजोरम पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है. मिजोरम के सियासी इतिहास में पहली बार बीजेपी खाता खोलती हुई नजर आ रही है. जबकि 10 साल से मिजोरम की सत्ता पर काबिज कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में बुरी तरह से हार का मुंह देखना पड़ा है.
बता दें कि मिजोरम में बीजेपी पांच बार विधानसभा चुनाव लड़ने के बावजूद अपना खाता खोलने में नाकाम रही थी. लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का कमल खिलता हुआ दिख रहा है. मिजोरम की 40 सीटों में से बीजेपी को एक सीट मिल सकती है.
हालांकि बीजेपी के कट्टर हिंदुत्व की छवि को देखते हुए एमएनएफ ने उसके साथ मिलकर चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था.
बीजेपी के पास राज्य में खोने के लिए कुछ नहीं है. इसी को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारा था. प्रदेश की 40 सीटों के रुझान के मुताबकि एमएनएफ को 29, कांग्रेस को 6, बीजेपी को एक और अन्य को 4 सीटों पर बढ़त है.
बता दें कि कांग्रेस नॉर्थ ईस्ट के असम, त्रिपुरा, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और नागालैंड चुनाव हार चुकी हैं. इसमें असम, त्रिपुरा, मणिपुर और अरुणाचल में तो बीजेपी सत्ता हासिल करने में कामयाब रही है. कांग्रेस के पास 40 में से 34 सीटें थी. वहीं, 5 सीट मिजोरम नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) और मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस के पास 1 सीट थी.