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Punjab Assembly Election: पंजाब में 65.32 फीसदी मतदान, 2017 से कम हुई वोटिंग, क्या इशारा?

राज्य में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, अकाली दल-बसपा और भाजपा-पंजाब लोक कांग्रेस के साथ बहुकोणीय मुकाबला है. पार्टियों की ओर से उठाए गए प्रमुख मुद्दों में ड्रग्स, भ्रष्टाचार और रोजगार शामिल था.

पंजाब में 2017 से कम हुई वोटिंग (PTI) पंजाब में 2017 से कम हुई वोटिंग (PTI)
aajtak.in
  • अमृतसर,
  • 20 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 8:49 AM IST
  • ग्रामीण पंजाब में शहरी इलाकों की तुलना में अधिक मतदान
  • पंजाब विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई
  • 2017 में कांग्रेस ने पंजाब विधानसभा चुनाव में 80 सीटें जीतीं
  • 2017 में AAP ने 17 और शिअद ने 14 सीटें जीतीं थी

पंजाब में मतदाताओं ने रविवार को जमकर वोट डाले. देर शाम निर्वाचन आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 65.32 फीसदी मतदान हुआ. ग्रामीण पंजाब में शहरी इलाकों के मुकाबले अधिक मतदान दर्ज किया गया. राज्य में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, अकाली दल-बसपा और भाजपा-पंजाब लोक कांग्रेस के साथ बहुकोणीय लड़ाई देखी गई. पंजाब विधानसभा चुनाव कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है. कांग्रेस ने 2017 के चुनाव में 80 सीटें जीतीं थी. इसके बाद आम आदमी पार्टी को 17 और शिरोमणि अकाली दल को 14 सीटें मिली थीं. 

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पंजाब के लोगों ने रविवार को सभी 117 सदस्यीय विधानसभा के लिए विधायकों को चुनने के लिए मतदान किया. भारत के चुनाव आयोग (ECI) के अनुसार, 2017 में 77.36 प्रतिशत की तुलना में 2022 में राज्य में 65.32 प्रतिशत मतदान हुआ. सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के जोरदार प्रचार के बाद आज सुबह आठ बजे मतदान शुरू हुआ, जो शाम छह बजे तक चला.

रुझानों से पता चलता है कि शुरुआती घंटों में मतदान धीमा था लेकिन शाम होते-होते वोटिंग परसेंटेज बढ़ गया. दोपहर 3 बजे तक 57.58 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें शहरी इलाकों में ग्रामीण पंजाब की तुलना में कम भागीदारी देखी गई.

अमृतसर में वोटिंग के लिए खड़ी महिला मतदाता. (फोटो- पीटीआई)

कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई

2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों को कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है, जो राज्य में सत्ता बनाए रखने के लिए चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस ने 2017 में पंजाब की 117 में से 80 सीटें जीती थीं. वहीं, राज्य में सत्ता के लिए आम आदमी पार्टी की ओर से दिल्ली मॉडल का प्रचार किया गया. आम आदमी पार्टी ने लोकसभा सांसद भगवंत मान को अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है. 

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हालांकि, आप के पूर्व नेता कुमार विश्वास ने पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर खालिस्तान समर्थक अलगाववादियों के साथ संबंध रखने का आरोप लगाने के बाद चुनाव से पहले आप को कितना नुकसान होगा, ये 10 मार्च को पता चल पाएगा. फिलहाल, केजरीवाल ने कुमार विश्वास के दावों से साफ इनकार किया है. 

मालवा में लड़ाई

पंजाब में यह चुनाव कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए भी प्रतिष्ठा की लड़ाई है, जो 2017 में राज्य में कांग्रेस को सत्ता में लेकर आए थे. पिछले साल सितंबर तक मुख्यमंत्री के रूप में काम करने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया था. इसके बाद कैप्टन ने कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस बना ली और भाजपा के अलावा शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा. 

कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस ने 2017 में पंजाब के मालवा बेल्ट के पटियाला में 8 सीटों में से 7 पर जीत हासिल की थी, जबकि एक सीट शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को मिली थी. वहीं, आम आदमी पार्टी पिछले विधानसभा चुनाव में मालवा क्षेत्र में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी.

पंजाब में वोटिंग के दौरान कोरोना के नियमों का भी पालन किया गया.

पंजाब में कांग्रेस का सफाया हो जाएगा : कैप्टन अमरिन्दर सिंह

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पटियाला से पंजाब लोक कांग्रेस के उम्मीदवार कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रविवार दोपहर एक मतदान केंद्र पर वोट डाला. उनके साथ उनके परिजन भी थे. आजतक से बात करते हुए, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, "इस चुनाव में कांग्रेस का सफाया हो जाएगा और पंजाब लोक कांग्रेस-भाजपा गठबंधन पंजाब में सरकार बनाएगी."

उन्होंने दिल्ली के सीएम और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा. कुमार विश्वास द्वारा केजरीवाल पर लगाए गए आरोपों का जिक्र करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि आरोप सही हो सकते हैं. उन्होंने कहा, "यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है, इसलिए पंजाब को ऐसे तत्वों के खिलाफ मतदान करना चाहिए."

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