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Bathinda Assembly Seat: कांग्रेस के बादल को मिली थी जीत, क्या बरकरार रख पाएंगे सीट?

बठिंडा अर्बन विधानसभा सीट पर अब तक 14 बार चुनाव हुए हैं. इनमें से आठ बार कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव जीते तो वहीं चार बार शिरोमणि अकाली दल के कैंडिडेट विजयी रहे हैं.

पंजाब Assembly Election 2022 बठिंडा अर्बन विधानसभा सीट पंजाब Assembly Election 2022 बठिंडा अर्बन विधानसभा सीट
किरणजीत रोमाना
  • बठिंडा,
  • 19 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:31 AM IST
  • बठिंडा विधायक हैं मनप्रीत सिंह बादल
  • कैप्टन के मंत्रिमंडल में रहे हैं वित्त मंत्री

पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ से लगभग 225 किलोमीटर दूरी पर स्थित बठिंडा से नौ रेल लाइनें अलग-अलग स्थानों के लिए जाती हैं. बठिंडा से ही रेगिस्तान शुरू होता है जो राजस्थान में फैला हुआ है. फरीदकोट, सिरसा, मानसा, हनुमानगढ़ बठिंडा के आसपास स्थित प्रमुख शहर हैं. बठिंडा से दिल्ली-मुंबई के साथ ही देश के अन्य महत्वपूर्ण शहरों के लिए रेल कनेक्टिविटी है. बठिंडा से 40 किलोमीटर के बाद हरियाणा शुरू हो जाता है तो दूसरी तरफ 50 किलोमीटर की दूरी पर राजस्थान का हनुमानगढ़ जिला शुरू हो जाता है. बठिंडा जिला भी है जिसका मुख्यालय बठिंडा शहर है.

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बठिंडा के शहरी इलाके की प्रमुख सीट है बठिंडा अर्बन. पंजाब का सबसे पहला थर्मल प्लांट श्रीगुरु नानक देव के नाम पर 1969 में पंजाब सरकार ने बनवाया था वो भी बठिंडा अर्बन विधानसभा सीट के तहत आता है. इस थर्मल प्लांट को तोड़ने का आदेश पंजाब सरकार ने दे दिया है. इस प्लांट की जगह करीब 800 एकड़ जमीन पर दवाओं की फैक्ट्री, बड़ी इंडस्ट्रीज लगाने की बात सरकार ने कही है लेकिन इसे लेकर जनता में नाराजगी नजर आ रही है. स्थानीय विधायक मनप्रीत सिंह बादल ने चुनाव के समय इस थर्मल प्लांट की चिमनी से धुआं निकलवाने का वादा किया था.

मनप्रीत सिंह बादल ने किया था प्लांट चालू कराने का वादा

राजनीतिक पृष्ठभूमि

बठिंडा को बादल परिवार का गढ़ माना जाता है. पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल और उनके परिवार के लिए बठिंडा गढ़ है. प्रकाश सिंह बादल के छोटे भाई के बेटे मनप्रीत सिंह बादल कांग्रेस के टिकट पर पिछले चुनाव में उतरे थे और जीते भी. बठिंडा अर्बन विधानसभा सीट पर अब तक 14 बार चुनाव हुए हैं. इनमें से आठ बार कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव जीते तो वहीं चार बार शिरोमणि अकाली दल के कैंडिडेट विजयी रहे. साल 1977 में जनता पार्टी तो 1967 में निर्दलीय उम्मीदवार भी बठिंडा सीट से विधायक रहे हैं.

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बादल परिवार का है प्रभाव

2017 का जनादेश

साल 2017 के विधानसभा चुनाव में बठिंडा अर्बन सीट से कांग्रेस ने प्रकाश सिंह बादल के भतीजे मनप्रीत सिंह बादल को मैदान में उतारा तो वहीं शिरोमणि अकाली दल ने एससी सिंगला को. मनप्रीतसिंह बादल ने 63942 वोट पाकर अपने निकटतम प्रतिद्वंदी आम आदमी पार्टी (एएपी) के दीपक बंसल को 18 हजार से अधिक वोट के अंतर से हरा दिया था. दीपक बंसल को 45462 वोट मिले थे. शिरोमणि अकाली दल के सिंगला 35177 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे.

सामाजिक ताना-बाना

साल 2017 के आंकड़े देखें तो बठिंडा अर्बन विधानसभा सीट पर 2 लाख 5 हजार 590 वोटर थे. इनमें से एक लाख 15 हजार 891 पुरुष और 1 लाख 4 हजार 592 महिलाएं थीं. यहां सामाजिक समीकरणों पर बादल परिवार का सियासी रसूख भारी पड़ता है. बठिंडा अर्बन सीट से विधायक मनप्रीत सिंह बादल भी किसी और सीट से सियासत करते आए हैं.

मनप्रीत सिंह ने लंदन यूनिवर्सिटी से ली है कानून की डिग्री

विधायक का रिपोर्ट कार्ड

बठिंडा अर्बन विधानसभा सीट से विधायक मनप्रीत सिंह बादल  का जन्म 26 जुलाई 1962 को हुआ था. उनके पिता का नाम सरदार गुरदास सिंह बादल है. विधायक मनप्रीत सिंह बादल ने दिल्ली से ग्रेजुएशन करने के बाद 1987 में यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से कानून की डिग्री ली. मनप्रीत सिंह बादल पहली बार साल 1995 में गिद्दड़बाहा सीट से उपचुनाव के दौरान विधायक निर्वाचित हुए थे. शिरोमणि अकाली दल बादल के टिकट पर वे 1997, 2002, 2007 में गिद्दड़बाहा सीट से विधानसभा पहुंचते रहे. साल 2007 में अकाली दल की सरकार ने मनप्रीत को वित्त मंत्री भी बना दिया था.

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कैप्टन मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री रहे हैं मनप्रीत बादल

मनप्रीत सिंह बादल ने साल 2011 में पीपल पार्टी ऑफ पंजाब नाम से अपनी पार्टी बनाई. उन्होंने 2012 के चुनाव में उम्मीदवार भी उतारे लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला तब अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया. मनप्रीत सिंह बादल को 2017 में कांग्रेस ने बठिंडा से चुनाव मैदान में उतारा और वे जीते भी. अब इस बार देखना होगा क्या मनप्रीत बठिंडा से ही चुनाव लड़ेंगे और यदि हां तो क्या इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा बरकरार रख पाएंगे.

 

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