
पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर करतारपुर कॉरिडोर पर सियासत गरमा गई है. वोटरों को लुभाने के लिए सियासी दलों ने करतारपुर कॉरिडोर खोलने की मांग तेज कर दी है.
बीजेपी के वरिष्ठ तरुण चुग ने पिछले हफ्ते दावा किया था कि केंद्र सरकार जल्द ही कॉरिडोर खोल सकती है. अब पूर्व केंद्रीय मंत्री और अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री को पत्र लिखकर करतारपुर कॉरिडोर खोलने की मांग की है.
हरसिमरत कौर बादल ने कहा सिख श्रद्धालु एक बार फिर कॉरिडोर के खुलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. गुरुपर्व कुछ ही दिन दूर है और इससे पहले कॉरिडोर को खोल देना चाहिए. कोविड की स्थिति भी कंट्रोल में है. बता दें कि 16 मार्च, 2020 को कोरोना महामारी के कारण बंद कर दिया गया था.
सिद्धू गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक पहुंचे
पंजाब कांग्रेस चीफ नवजोत सिद्धू मंगलवार को गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक पहुंचे. यहां सिद्धू ने करतारपुर कॉरिडोर को खुलवाने के लिए अरदास की. सिद्धू ने कहा कि मुझे विश्वास है कि बाबा (गुरु नानक देव जी) के आशीर्वाद से कॉरिडोर खोला जाएगा. मैं यहां एक विश्वास के साथ आया हूं. मैं अपने माता-पिता के निधन के बाद बाबा को अपना पिता मानता हूं. यह अनंत संभावनाओं का गलियारा है.
सियासी दल करते रहे हैं श्रेय का दावा
गौरतलब है कि सिख तीर्थयात्रियों के लिए करतारपुर कॉरिडोर खोले जाने के बाद 9 नवंबर, 2019 को दशकों का इंतजार खत्म हुआ था. कॉरिडोर खुलने से अकाली दल, बीजेपी और कांग्रेस नेताओं के बीच क्रेडिट वॉर शुरू हो गई थी. उस वक्त तत्कालीन संस्कृति मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने दावा किया था कि ये करतारपुर कॉरिडोर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ उनकी दोस्ती के कारण खोला गया था.
वहीं, भाजपा ने दावा किया कि इस मुद्दे पर पहली बार दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कदम बढ़ाया, जिसके बाद साहिब गुरुद्वारे का जीर्णोद्धार किया गया था. वहीं, पाकिस्तान गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने दावा किया था कि गलियारे के निर्माण को परवेज मुशर्रफ ने मंजूरी दी थी. बाद में कॉरिडोर खोलने का मुद्दा 2004 में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने भी उठाया था.
अमृतसर-लाहौर-करतारपुर रोड लिंक के जरिए तीर्थयात्रा भी चर्चा में आई थी. तत्कालीन (दिवंगत) भारतीय विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी ने भी शाह महमूद कुरैशी के साथ करतारपुर साहिब के लिए वीजा-शुल्क-यात्रा का मुद्दा उठाया था. हालांकि, भारत सरकार को 2012 तक पाकिस्तान से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. अगस्त 2018 में नवजोत सिंह सिद्धू दावा किया था कि पाकिस्तान तीर्थयात्रियों के लिए गलियारा खोलने को तैयार है. उनका यह बयान तब आया था जब उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को गले लगाया था.