
पंजाब की सियासत में इन दिनों शह-मात का खेल जारी है. कैप्टन अमरिंदर सिंह को कुर्सी से बेदखल कराने के नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद छोड़ दिया है और बगावती रुख अपना रखा है, लेकिन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी चुनावी समीकरण दुरुस्त करने में जुटे हैं. कांग्रेस के सियासी संकट से बेपरवाह चरणजीत चन्नी पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से उलट खुद को आम आदमी के अंदाज में सूबे की जनता को संदेश देने में जुटे हैं. सीएम की ताजपेशी के बाद से वो एक के बाद एक लोकलुभावने ऐलान कर रहे हैं, जिससे पंजाब में आम लोगों के विश्वास को फिर से जीत सकें.
चरणजीत सिंह चन्नी सत्ता की कमान संभालने के बाद से एक्शन में है. किसानों से लेकर नवजवानों और गरीबों को दिल जीतने में जुटे हैं. चन्नी एक तरफ कांग्रेस हाईकमान के 18 सूत्रीय एजेंडे को अमलीजामा पहनाने में जुट गए हैं तो दूसरी तरफ खुद को गरीबों से जोड़ने की कवायद करते नजर आते हैं. चन्नी ने पदभार ग्रहण करते ही खुद को गरीब और आम आदमी बताकर इमोशनल स्ट्राइक किया किया तो कभी वह सुरक्षा घेरा तोड़कर छात्रों से मिलते हैं तो कभी मंच पर छात्रों के बीच पहुंच भंगड़ा डाल सबका दिल जीत लेते हैं. ऐसे में 2022 चुनाव से पहले खुद को आम आदमी साबित कर आम आदमी पार्टी का एजेंडा भी झटक रहा है.
बिजली बिल माफ का ऐलान
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बुधवार पंजाब के बिजली उपभोक्ताओं के बकाया 1200 करोड़ रुपये के बिजली बिल माफ करने की घोषणा की है. सरकार की इस घोषणा से 53 लाख परिवार को फायदा होगा. यह बकाया राशि पंजाब सरकार पावर कंपनियों को देगी. इतना ही नहीं कटे हुए बिजली कनेक्शन दोबारा बहाल भी किए जाएंगे. सीएम ने कहा कि 1500 रुपये फीस दोबारा कनेक्शन के लिए ली जाती है, जिसे पंजाब सरकार देगी. इससे पहले चन्नी ने किसानों को खेती के लिए दी जा रही निशुल्क बिजली को जारी रखने का ऐलान किया था.
पंजाब में बिजली एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना रहा था. आम आदमी पार्टी ने बिजली बिल का बकाया माफ और 300 फ्री बिजली देने का वादा किया था, लेकिन चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब में बकाया बिल को माफ कर बड़ा दांव चला है. इसका सबसे बड़ा फायदा गरीबों को मिलेगा, क्योंकि 2 KW के बिजली कन्केशन वाले के बिल माफ किए गए हैं. इस तरह से चरणजीत सिंह चन्नी ने यह बताने की कोशिश की है कि यह करीबों के हितों वाली सरकार है. वो यह बात कह भी चुके हैं कि वो अमीरों की नहीं बल्कि गरीबों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
रेत मफिया पर नकेल कसने की तैयारी
पंजाब के रेत माफिया पर नकेल के संबंध में सीएम चरणजीत चन्नी ने कहा कि रेत माफिया के पुराने के नेक्सस को खत्म करने की योजना पर काम किया जा रहा है. यह जल्द खत्म हो जाएगा और जल्द ही राज्य में एक नई पॉलिसी जारी की जाएगी. बता दें कि रेत माफिया को संरक्षण देने को लेकर सरकार पर आरोप लगते रहे हैं. नवजोत सिंह सिद्धू भी यह मामला उठाते रहे हैं. कांग्रेस हाईकमान ने भी 18 सूत्रीय एजेंडे में रेत माफियाओं के मुद्दे को शामिल किया था. आम आदमी पार्टी इसे लेकर कैप्टन सरकार पर सवाल खड़े करती रही है. ऐसे में चन्नी ने माफियाओं के नेक्सस को तोड़ने का भरोसा देकर बड़ा सियासी संदेश दिया है.
सरकारी कर्मचारियों पर मेहरबान
चरणजीत सिंह चन्नी ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में ही सरकारी ऑफिस में अनुशासन लाने की दिशा में कदम बढ़ाया तो साथ ही सरकारी कर्मचारियों पर मेहरबान भी नजर आए थे. उन्होंने राज्य के सरकारी कर्मचारियों को तोहफा दिया था. उन्होंने राज्य के सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह में 15 फीसदी का इजाफा किया है, जिससे पंजाब के साढ़े चार लाख सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा. इसके अलावा राज्य सरकार ने कर्मचारियों के कुछ भत्तों को भी फिर से चालू करने का फैसला किया. साथ ही सरकारी कर्मचारियों को भरोसा दिलाते हुए कहा था कि उन्हें कुछ समय दें वह हर कर्मचारी की समस्या को दूर करेंगे.
किसानों का विश्वास जीतने में जुटे
चरणजीत सिंह चन्नी सीएम पद की शपथ लेने के बाद से पंजाब के किसानों के बीच विश्वास हर हाल में बनाए रखना चाहते हैं. वो अपनी हर एक प्रेस कॉफ्रेंस में किसान आंदोलन का समर्थन करते नजर आते हैं और केंद्र की मोदी सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की गुहार भी लगा रहे हैं. वो कह चुके हैं कि किसानों की फसल बाजार में आने पर ही अर्थव्यवस्था चलती है और अगर ये तीन कानून लागू हुए तो पंजाब बर्बाद हो जाएगा. इतना ही नहीं चन्नी ने यहां तक कह दिया कि किसानों पर आंच आई तो अपना गला काट कर दे दूंगा. किसानों का आंदोलन कमजोर नहीं पड़ने देंगे. पंजाब की सियासत में किसान काफी निर्णायक भूमिका में है, जिन्हें साधने के लिए आम आदमी पार्टी से लेकर अकाली दल तक सक्रिय हैं. ऐसे में चरणजीत चन्नी भी किसानों के भरोसे को कांग्रेस के साथ बनाए रखना चाहते हैं.
राजा का नहीं सेवक का राज
चरणजीत सिंह चन्नी मुख्यमंत्री बनने के बाद से लगातार सक्रिय हैं. वो राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में अपने दौरों के जरिए कुछ ऐसा करने की कवायद शुरू कर दी है, जिससे उनके साथ ही पार्टी की छवि भी सुधरे और लोगों तक यह संदेश देने की कोशिश कर रहे है कि अब पंजाब में किसी राजा का राज नहीं बल्कि सेवक का राज है. कैप्टन से आम लोगों का मिलना तो दूर की बात विधायकों से भी मुलाकात नहीं हो पाती थी. ऐसे में चन्नी विधायकों से मिलने के साथ जनता के चहेते भी बनने की कवायद में है. चन्नी आम लोगों के बीच जाकर संपर्क स्थापित कर रहे हैं.
टी स्टाल पर चाय पिया, छात्रों के साथ भांगड़ा
मुख्यमंत्री बनने के बाद चन्नी ने श्री दरबार साहिब में अपनी टीम के साथ माथा टेकने के बाद ही अमृतसर के ज्ञानी टी स्टाल पर बैठकर चाय की चुस्कियां ली और बोले हमसे मिलना कभी, यह पंजाब दिखाएंगे तुम्हे, नींद से जागो, नए ख्वाब दिखाएंगे तुम्हे... तो उनका मकसद केवल बोलना नहीं बल्कि यह संदेश देना था. इसी के बाद चन्नी जब जालंधर स्थित एक धार्मिक स्थल में जाने से पहले डीएवी यूनिवर्सिटी में हेलिकाप्टर से उतरे तो उन्होंने तमाम सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए युवाओं के साथ न केवल मुलाकात की, बल्कि उनसे अपने अंदाज में हाथ भी मिलाया. इसके बाद जब कपूरथला स्थित पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी पहुंचे तो वहां स्टूडेंट्स के साथ मंच पर भांगड़ा कर लोगों के दिल जीतने की कवायद करते दिखे.
चन्नी मुख्यमंत्री बनने के बाद जब रविवार को बठिंडा के एक गांवों में कपास की फसल को बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेने पहुंचे तो उन्होंने अपने काफिले को रुकवा कर एक बरात में शामिल होकर वधू को आशीर्वाद और शगुन देते हुए कहा, लै भैणों (ले बहन), शादी मुबारक होवे (हो). एक महिला ने सिर पर मिठाई की भरी परात रखी हुई थी. चन्नी ने वह उतरवाई और उसमें से खुद मिठाई निकालकर खाने लगे. वहीं, मंडी कलां (बठिंडा) के मृतक किसान सुखपाल सिंह के घर पहुंचे तो उसके परिवार के साथ ही खाना खाया.
दलित समीकरण को दुरुस्त किया
चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री बने हैं, जिसके जरिए राज्य के दलित एजेंडे को साधने का कांग्रेस ने बड़ा सियासी दांव चला है. पंजाब में देश के सबसे ज्यादा दलित 32 फीसदी दलित मतदाता है, जिन्हें साधने के लिए आम आदमी पार्टी और अकाली दल ने दलित डिप्टी सीएम का वादा किया था जबकि बीजेपी दलित मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया था. ऐसे में कांग्रेस ने चुनाव से पहले दलित सीएम बनाकर उसे अमलीजामा पहना दिया है. चरणजीत ने इस बात को सार्वजनिक रूप से कहा कि जब मैं पैदा हुआ तो मेरे घर पर छत नहीं थी. मेरी मां तुरी और गारे से ईंट जोड़ती थी, लेकिन कांग्रेस ने हमें सीएम बनाकर हमारे साथ-साथ दलित समाज के सम्मान को बढ़ाने का काम किया है.