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‘कैप्टन सरकार चला रहे, आप पार्टी संभालें’, हरीश रावत का सिद्धू को ‘गुरु मंत्र’

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच लगातार बयानबाजी का दौर चल रहा है, इस बीच प्रदेश प्रभारी हरीश रावत दौरा कर रहे हैं. अपने दो दिन के दौरे पर हरीश रावत दोनों खेमों से मुलाकात कर रहे हैं और साथ ही कुछ सलाह भी दे रहे हैं.

सिद्धू और कैप्टन में सुलह कराने में जुटे हरीश रावत (फाइल फोटो) सिद्धू और कैप्टन में सुलह कराने में जुटे हरीश रावत (फाइल फोटो)
मौसमी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 01 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 3:02 PM IST
  • नवजोत सिंह सिद्धू से मिले हरीश रावत
  • कैप्टन बनाम सिद्धू की जंग कम करने की कोशिश

पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी अपने कुनबे को ठीक करने में लगी है. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच लगातार बयानबाजी का दौर चल रहा है, इस बीच प्रदेश प्रभारी हरीश रावत दौरा कर रहे हैं. अपने दो दिन के दौरे पर हरीश रावत दोनों खेमों से मुलाकात कर रहे हैं और साथ ही कुछ सलाह भी दे रहे हैं.

सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को जब हरीश रावत ने प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से मुलाकात की तो उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष की पीठ भी थपथपाई और साथ ही साथ लगाम भी कस दी. सिद्धू ने काम करने के लिए फ्री हैंड मांगा, लेकिन हरीश रावत ने साफ किया कि पार्टी के दायरे में रहकर ही काम करें.

पंजाब के प्रभारी हरीश रावत ने नवजोत सिंह सिद्धू को याद दिलाया कि अगर कोई बात कहनी है तो वह पार्टी के फोरम पर ही कहें. 

पूर्व एडवाइज़र के बयान से काटी कन्नी

नवजोत सिंह सिद्धू के सहयोगियों के बयान पर मचे बवाल के बीच प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वह जनता के मुद्दों को ही उठाने की कोशिश करते हैं. हालांकि, पूर्व एडवाइज़र मलविंदर सिंह माली द्वारा कश्मीर पर दिए गए बयान से सिद्धू ने कन्नी काट ली और कहा कि ये उनकी रजामंदी वाला बयान नहीं था.

नवजोत सिंह सिद्धू का मानना है कि कांग्रेस को दोबारा सत्ता में आने से कोई नहीं रोक सकता है, लेकिन उसके लिए पार्टी को घोषणापत्र में किए गए वादे पूरे करने होंगे, जिसमें बिजली दर में कटौती भी शामिल हैं.  

हालांकि, प्रभारी हरीश रावत ने संदेश दिया है कि नवजोत सिंह सिद्धू को कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ चलना चाहिए, अगर कैप्टन सरकार चला रहे हैं तो सिद्धू को पार्टी के काम पर ध्यान देना चाहिए. 

गौरतलब है कि पंजाब कांग्रेस की कमान जबसे सिद्धू के हाथ में आई है, उनके समर्थकों द्वारा लगातार कैप्टन को सीएम पद से हटाने की मांग की जा रही है. हालांकि, संकेत हैं कि पार्टी हाईकमान ने सिद्धू गुट की इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया है. 

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