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पंजाब कांग्रेस में एक बार फिर से अंदरूनी कलह सामने आई है. अब पंजाब कांग्रेस के पार्टी प्रवक्ता प्रितपाल सिंह बलियावाल ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. बलियावाल पार्टी प्रवक्ता के अलावा हरियाणा और हिमाचल प्रदेश किसान कांग्रेस के राष्ट्रीय समन्वयक और पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ मीडिया विश्लेषक भी थे.
'सिद्धू के साथ काम कर पाना संभव नहीं'
बलियावाल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में लिखा है कि पंजाब पार्टी अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ मिलकर काम करना संभव नहीं है. क्योंकि सिद्धू लगातार बेकार के ट्वीट के जरिए पार्टी विरोधी और सरकार विरोधी गतिविधियों में शामिल होकर पार्टी को शर्मसार कर रहे हैं. बलियावाल ने कहा कि पार्टी ने पंजाब की कमान गलत हाथों में सौंप दी है. एक प्रवक्ता के रूप में पाकिस्तान के साथ उनके संबंधों के साथ-साथ उनकी बकवास और सरकार विरोधी टिप्पणियों का बचाव बहुत ही कठिन हो गया है.
'2022 में सरकार बन जाती लेकिन...'
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि हम कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुनील कुमार जाखड़ के नितृत्व में 2022 में सरकार बनाने की मजबूत क्षमता में थे, लेकिन आपने सिद्धू को चुनने को फैसला किया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अच्छा कर रहे थे, लेकिन सिद्धू के दैनिक ट्वीट से पार्टी की छवि खराब हो रही है.
'सिख विरोधी दंगों के आरोपी को रख लिया पार्टी में'
बलियावाल आगे लिखते हैं कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के आरोपी जगदीश टाइटलर को जब पार्टी ने अहम भूमिका दी तो पार्टी के कार्यकर्ताओं की भावना को ठेस पहुंचा. फिलहाल, मैंने सभी जिम्मेदारियों से इस्तीफा देने का फैसला किया है.
बता दें कि बालियावाल अकेले कांग्रेसी नेता नहीं हैं जिन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़ा है. इससे पहले शुक्रवार को पटियाला शहरी कांग्रेस प्रमुख ने अपने समर्थकों के साथ पार्टी में सौतेले व्यवहार का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था. कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी और लोकसभा सांसद परनीत कौर ने भी घोषणा की है कि अपने पति कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ हैं, जो उनकी पार्टी पंजाब एल का उद्घाटन करेंगे.