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पंजाब में बिजली के रेट का मामला क्या है? जिसपर CM अमरिंदर को घेर रहे हैं सिद्धू

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू लगातार अपनी ही सरकार को निशाने पर ले रहे हैं और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमला कर रहे हैं. इस पूरे विवाद के केंद्र में पंजाब में बिजली कंपनियों के साथ हुई एक डील है, जिसके कारण बिजली के दाम बढ़े हैं. 

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (PTI) पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 1:41 PM IST
  • पंजाब में सिद्धू बनाम अमरिंदर का दंगल जारी
  • बिजली के बढ़े दामों को लेकर हो रहा है विवाद

पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Elections) से पहले कांग्रेस पार्टी के भीतर दंगल चल रहा है. पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) लगातार अपनी ही सरकार को निशाने पर ले रहे हैं और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) पर हमला कर रहे हैं. इस पूरे विवाद के केंद्र में पंजाब में बिजली कंपनियों के साथ हुई एक डील है, जिसके कारण बिजली के दाम बढ़े हैं. 

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू इस डील को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. सिद्धू की डिमांड बिजली के दामों में कमी लाने की है, इसी मसले पर पंजाब सरकार और पंजाब कांग्रेस आमने-सामने है. 

नवजोत सिंह सिद्धू ने क्या आरोप लगाए?

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की मांग है कि पंजाब सरकार (Punjab Government) को तुरंत विधानसभा का स्पेशल सेशन बुलाना चाहिए और बिजली कंपनियों के साथ हुई PPA डील को रद्द करना चाहिए, ताकि बिजली के बढ़े दामों को तुरंत कम किया जा सके. 

नवजोत सिंह सिद्धू का दावा है कि बिजली दामों का मसला उन 18 प्वाइंट्स का हिस्सा है, जो केंद्रीय नेतृत्व ने पंजाब के लिए तय किए हैं और इसको लेकर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से बात हो चुकी है. 

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पंजाब में सिद्धू बनाम अमरिंदर !


क्या है बिजली कंपनियों के साथ हुई PPA डील?

बिजली कंपनियों के साथ हुई इस डील का विवाद साल की शुरुआत में चर्चा में आया था. 1 जनवरी को पंजाब में 36 पैसा प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली के दाम बढ़े थे. दरअसल, पंजाब सरकार और बिजली कंपनियों के बीच PPA यानी पावर परचेज़ एग्रीमेंट हुआ है. ये एग्रीमेंट बीजेपी-अकाली दल सरकार के वक्त साइन किया गया था, जिसका तब कांग्रेस ने विरोध किया था. 

हालांकि, अब कांग्रेस सरकार में ही यह एक बड़ा मसला बना है. पंजाब सरकार द्वारा तीन प्राइवेट पावर प्लांट के साथ ये डील साइन की गई है, इसके मुताबिक सरकार को इन कंपनियों को तय मात्रा में एक राशि देनी होगी जो बिजली खरीद के लिए है. ये राशि तब भी देनी होगी जब राज्य सरकार को बिजली की जरूरत नहीं होगी. 

महंगे रेट में बिजली खरीद रही पंजाब सरकार

इस डील को लेकर अदालत तक भी विवाद पहुंचा था, लेकिन वहां से राज्य सरकार को झटका लगा था और प्राइवेट पावर प्लांट्स को बकाया राशि देने को कहा गया था. डील के मुताबिक, पंजाब सरकार प्राइवेट पावर प्लांट (Private Power Plant) से 8 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीदती है, जो कि दिल्ली या हरियाणा जैसे राज्यों के मुकाबले काफी महंगा दाम है. महंगी बिजली खरीद के कारण आम लोगों को भी बिजली महंगे दाम में ही मिलती है, इसी वजह से पंजाब में बिजली के रेट को लेकर बड़ा संकट पैदा हो रहा है. 

राज्य सरकार के मुताबिक, करीब 65 हजार करोड़ रुपये बिजली कंपनियों के बिजली खरीदने के लिए दिए जा रहे हैं. हालांकि इसके बाद भी इसी साल गर्मियों के वक्त पंजाब में बड़ा बिजली संकट पैदा हो गया था, जब राज्य में डिमांड काफी ज्यादा हो गई थी. 

पंजाब के विधानसभा चुनाव से पहले नवजोत सिंह सिद्धू लगातार इस मसले को लेकर अपनी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. वहीं राज्य में सरकार बनाने की कोशिश में जुटी आम आदमी पार्टी तय लिमिट तक मुफ्त बिजली और उसके आगे सस्ती बिजली देने का वादा कर चुकी है.  

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