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Punjab Elections: पंजाब की सियासत का रास्ता काशी से, जानें EC को क्यों बदलनी पड़ी वोटिंग की तारीख

पंजाब में मतदान की तारीख आगे बढ़ा दी गई है. पंजाब में पहले 14 फरवरी को मतदान होना था. वहीं 16 फरवरी को गुरु रविदास जयंती है. गुरु रविदास जयंती पर पंजाब के एससी समुदाय के लोग वाराणसी जाते हैं. इसी कारण मतदान को टालने की मांग तेज हो रही थी.

वाराणसी स्थित गुरु रविदास का जन्मस्थल वाराणसी स्थित गुरु रविदास का जन्मस्थल
रोशन जायसवाल
  • वाराणसी,
  • 19 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:46 AM IST
  • 16 फरवरी को मनाई जाएगी गुरु रविदास जयंती
  • दुनियाभर के लाखों श्रद्धालु टेकते हैं मत्था
  • पीएम मोदी भी इस स्थान पर मत्था टेक चुके हैं

गुरु रविदास की जयंती पर वाराणसी में लगने वाले मेले की वजह से चुनाव आयोग को पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीख बदलनी पड़ी है. अब 14 फरवरी को होने वाला मतदान 20 फरवरी को होगा. 

16 फरवरी को गुरु रविदास के जन्मदिवस को देखते हुए यह फैसला तमाम राजनीतिक दलों की आपत्ति के बाद लिया गया है. क्योंकि इस दिन न केवल देश, बल्कि दुनिया के कोने-कोने से लाखों की तादाद में रैदासी वाराणसी में गुरु रविदास के जन्मस्थल पर मत्था टेकने आते हैं. 

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पंजाब में 14 फरवरी को ही विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान चुनाव आयोग ने करके सबको चौका दिया था. जिसके बाद पंजाब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस पर सबसे पहले चुनाव आयोग से तारीख में बदलाव करने की गुजारिश की तो अन्य राजनीतिक दलों ने भी आवाज उठाई. जिसके बाद अब पंजाब में चुनाव 20 फरवरी को होना तय हुआ है.   

गुरु रविदास जन्म स्थान पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट सीर गोवर्धनपुर, वाराणसी के ट्रस्टी कृष्ण लाल सुरवा ने मतदान की तारीख को आगे टालने पर कहा कि उन्हें इससे काफी हैरानी हुई थी. उन्होंने बताया कि गुरु रविदास के जन्मस्थल पर खुद पीएम मोदी 2016 और 2019 में आ चुके हैं. इसके अलावा सीएम योगी भी कई बार यहां आ चुके हैं. पूर्व में भारत के पूर्व राष्ट्रपति से लेकर अन्य नेता भी आ चुके हैं. 

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पीएम मोदी दे चुके हैं 50 करोड़ की सौगात

बात गुरु रविदास के जन्मस्थल की करें तो खुद पीएम मोदी 2019 में इस जगह को 50 करोड़ रुपये की सौगत दे चुके हैं. इसमें रविदास की 25 फुट की मूर्ति भी शामिल है. कृष्ण लाल सुरवा ने बताया कि 25 देशों से श्रद्धालु यहां मत्था टेकने के लिए आते हैं, लेकिन इस बार कोविड के कारण अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद है, इसलिए श्रद्धालुओं की संख्या कम होगा.

गुरु रविदास के जन्म स्थल के महत्व के बारे में वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ विश्व विद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रवि प्रकाश पांडेय ने बताया कि संत रविदास हिंदुओं के लिए श्रद्धा का केंद्र है. वर्षों से मंदिर की दिव्यता और भव्यता बढ़ती जा रही है. उन्होंने कहा कि हर साल पंजाब ही नहीं, बल्कि कनाडा, इंग्लैंड सहित 25 देशों से श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं. 

यह जगह हमेशा से ही दलित राजनीति का धुरी रही है. इसीलिए यहां न केवल इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह के अलावा पीएम मोदी और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती तक आ चुकी हैं. यूपी, पंजाब विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी लगातार पिछले कुछ वर्षों से यहां मत्था टेकने के लिए आ रही हैं.

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जानिए गुरु रविदास के बारे में...

गुरु रविदास का जन्म काशी में हुआ था. गुरु रविदास भक्ति आंदोलन के प्रणेता, उद्भव कर्ता और अग्रदूत स्वामी रामानंद के परम शिष्य थे. रविदास ने अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से न केवल काशी, बल्कि संपूर्ण जगत में वैचारिक परिवर्तन किया. मन चंगा तो कठौती में गंगा उनकी प्रसिद्ध उक्ति है. गुरु रविदास की जन्मस्थली जो आज एक भव्य रूप ले चुकी है. उसमें लोग आज बहुत ही श्रद्धा से आते हैं और नतमस्तक होते हैं. 


 

 

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