
राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं. कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. राज्य में अशोक गहलोत को सरकार गंवानी पड़ी है. इस चुनाव में स्विंग वोटर सुर्खियां बटोर रहे हैं. इन वोटर ने ही राजस्थान की सत्ता में बड़ा उलटफेर किया है और रिवाज कायम रखा है. डेटा को देखा जाए तो कांग्रेस ने राजस्थान में इस बार 0.23 प्रतिशत ज्यादा वोट हासिल किए हैं. लेकिन, 30 सीटों का नुकसान हो गया है. जबकि बीजेपी के वोटिंग परसेंटेज में जबरदस्त 2.92 फीसदी सुधार हुआ है और सीधे 42 सीटों का फायदा पहुंचा है. बीजेपी और कांग्रेस के बीच 2.16 प्रतिशत वोट शेयर का अंतर है. कहा जा रहा है कि कांग्रेस के साथ असली खेल बसपा और हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLTP) ने किया है.
दरअसल, इस चुनाव में बसपा को 1.82 प्रतिशत और RLTP को 2.39% वोट मिले हैं. यानी दोनों दलों का वोट प्रतिशत जोड़ा जाए तो यह 4.21 प्रतिशत हो जाता है. जबकि बीजेपी के मुकाबले कांग्रेस 2.16 प्रतिशत वोट कम लाई है. यानी RLTP और BSP के वोटिंग परसेंटेज ने कांग्रेस के सारे समीकरण बिगाड़ दिए हैं.
'मजबूत नहीं बन सका तीसरा मोर्चा'
राजस्थान में कुल 200 सीटें हैं. एक उम्मीदवार के निधन के बाद 199 सीटों पर चुनाव हुआ है. एक दिन पहले आए नतीजे में बीजेपी को 115 और कांग्रेस को 69 सीटें मिली हैं. जबकि अन्य छोटी पार्टियों, निर्दलीयों और बागियों को कुल 15 सीटें ही मिल सकीं. यानी तीसरा मोर्चा भी मजबूत रूप से नहीं उभर सका. राजस्थान की जनता ने सिर्फ बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही मुख्य मुकाबला माना.
'इस बार निर्दलीय-बागी-छोटे दल से 12 विधायक कम जीते'
जानकार कहते हैं कि पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 99 सीटें जीती थीं. बीजेपी को 73 सीटों पर जीत मिली थी. मायावती की पार्टी बसपा के 6 उम्मीदवार चुनाव जीते थे. हालांकि, चुनाव के बाद ये सभी विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे. इसी तरह, RLP के 3, निर्दलीय 13 और अन्य 5 विधायक चुनाव जीते थे. यानी कुल ऐसे विधायकों की संख्या 27 थी. लेकिन, इस बार यह संख्या घटकर 15 पहुंच गई.
'32 विधायक चुनाव हारे'
जानकार यह भी कहते हैं कि राजस्थान में कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों के खिलाफ एंट्री इनकंबेंसी का माहौल था. इसके बावजूद पार्टी ने टिकट दिया और मैदान में उतारा. इसका असर परिणामों में भी देखने को मिला. कांग्रेस से सीएम समेत 26 मंत्री चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन इनमें से 17 हार गए. 98 विधायकों को रिपीट किया गया था, लेकिन सिर्फ 66 ही चुनाव जीत सके.
'बसपा के इस बार तीन विधायक जीते'
बागियों के प्रभाव की बात करें तो कांग्रेस से एक, बीजेपी से सात बागी जीते. अन्य की बात करें तो भारत आदिवासी पार्टी से तीन, बसपा के दो, आरएलटीपी के एक, आरएलडी का एक समेत 15 उम्मीदवार चुनाव जीते. आरएलटीपी भले एक ही सीट जीत पाई, लेकिन, उसका वोटिंग परसेंटेज प्रभावित करने वाला रहा है.
कौन-कहां से जीता...
बताते चलें कि नागौर जिले की चर्चित खींवसर विधानसभा सीट पर आरएलपी (राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी) सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने जीत हासिल की है. उन्होंने दो हजार वोट के अंतर से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रेवंतराम डांगा को हरा दिया है. कांग्रेस से तेजपाल मिर्धा को उतारा गया था. बसपा सादुलपुर और बारी में चुनाव जीती है. भारत आदिवासी पार्टी ने धरियावद, आसपुर और चोरासी सीट पर कब्जा किया है.