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बाड़मेर में 50 हजार, जोधपुर में 18000... राजस्थान की 10 सीटों पर प्रभाव, पाकिस्तान से आए माइग्रेंट क्यों कह रहे NOTA पर देंगे वोट?

इस समुदाय की राजस्थान के करीब 10 विधानसभा क्षेत्रों में अच्छी-खासी आबादी है. सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढ़ा ने कहा कि ये प्रवासी पाकिस्तान में उत्पीड़न से बचकर और सम्मानजनक जीवन की उम्मीद में भारत आए थे, लेकिन किसी भी सरकार ने बुनियादी सुविधाओं से संबंधित उनके मुद्दों पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया.

पाकिस्तान से शरणार्थी के रूप में आए हिंदू दो दशक से अधिक समय से राजस्थान में रह रहे हैं. (फाइल फोटो/इंडिया टुडे) पाकिस्तान से शरणार्थी के रूप में आए हिंदू दो दशक से अधिक समय से राजस्थान में रह रहे हैं. (फाइल फोटो/इंडिया टुडे)
aajtak.in
  • जोधपुर,
  • 17 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 10:51 AM IST

राजस्थान में रहने वाले पाकिस्तानी प्रवासी समुदाय लोग (हिंदू शरणार्थी) जिनके पास भारतीय नागरिकता है, ने 25 नवंबर के विधानसभा चुनावों में 'नोटा' दबाने की बात कही है. इन प्रवासियों का आरोप है कि राजस्थान की पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार और वर्तमान कांग्रेस सरकार दोनों ने उनको नजरअंदाज किया है. हालांकि इस समुदाय के कुछ सदस्यों के पास वोट देने का अधिकार है और कुछ के पास नहीं हैं, लेकिन इन सभी को राजनीतिक दलों से बहुत उम्मीदें हैं.

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पाकिस्तान से आए प्रवासियों के कल्याण के लिए काम करने वाले सीमांत लोक संगठन के अनुसार, जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर और बीकानेर जिलों के विधानसभा क्षेत्रों में फैले समुदाय के 2 लाख से अधिक सदस्यों के पास वोट देने का अधिकार है. बाड़मेर के चोहटन विधानसभा क्षेत्र में इन प्रवासियों की संख्या सबसे अधिक 50,000 है. जोधपुर में पाकिस्तानी प्रवासी समुदाय की आबादी 18,000 है, जिनमें से लगभग 15,000 ने भारतीय नागरिकता प्राप्त कर ली है.

राजस्थान के 10 विधानसभा क्षेत्रों में इनकी अच्छी-खासी आबादी

इस समुदाय की राजस्थान के करीब 10 विधानसभा क्षेत्रों में अच्छी-खासी आबादी है. सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढ़ा ने कहा कि ये प्रवासी पाकिस्तान में उत्पीड़न से बचकर और सम्मानजनक जीवन की उम्मीद में भारत आए थे, लेकिन किसी भी सरकार ने बुनियादी सुविधाओं से संबंधित उनके मुद्दों पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि वे (पाकिस्तान से आए प्रवासी) यहां भी खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं. इसलिए विरोध स्वरूप हमने इस चुनाव में नोटा का बटन दबाने का फैसला किया है.'

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राजनीतिक दलों से मुद्दों को घोषणापत्र में शामिल करने की है मांग

इस समुदाय की मांग है कि उनके मुद्दों को विभिन्न पार्टियों के घोषणापत्रों में शामिल किया जाए. हिंदू सिंह सोढ़ा ने कहा कि कांग्रेस ने पिछले चुनावों में अपने घोषणापत्र में पाकिस्तानी प्रवासियों के मुद्दों को शामिल किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद अपने वादे पूरे नहीं किए. उन्होंने कहा, हमारा समुदाय अब भी चाहता है कि पार्टियां हमारे मुद्दों को अपने घोषणापत्र में शामिल करें क्योंकि यह 'सरकार पर एक नैतिक जिम्मेदारी डालता है'.

बीजेपी ने हिंदू शरणार्थियों के लिए कॉलोनियां बनाने का किया वादा

ये प्रवासी लगातार अपने मुद्दों के समाधान के लिए एक उचित तंत्र की मांग कर रहे हैं, इनमें से सबसे महत्वपूर्ण अपने लिए एक आवासीय योजना की मांग है. बीजेपी ने गुरुवार को राजस्थान के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया और हिंदू शरणार्थियों के लिए मुख्यमंत्री शरणार्थी कल्याण योजना शुरू करने का वादा किया. भगवा पार्टी ने जोधपुर में हिंदू शरणार्थियों के लिए घर और कॉलोनियां बनाने की बा​त कही है, जिसे कांग्रेस सरकार ने ध्वस्त कर दिया था.

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