
Rajasthan Assembly Election Result: राजस्थान में सुबह से वोटों की गिनती जारी है. 200 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी ने बढ़त बनाते हुए बहुमत के आंकड़े (100) को पार कर लिया है. बीजेपी को मिल रही इस बढ़त के बीच अब राजस्थान की सियासत में 'लाल डायरी' एक बार फिर चर्चा में आ गई है. वही, 'लाल डायरी' जिसके कुछ पन्नों को सार्वजनिक करके राजेंद्र गुढ़ा ने अपनी ही (कांग्रेस) सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया था.
बता दें कि राजस्थान के चुनाव से पहले कथित लाल डायरी के चार पन्ने सार्वजनिक कर उदयपुरवाटी विधायक राजेंद्र गुढ़ा ने राजस्थान की सियासत को गर्मा दिया था. अशोक गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए गए राजेंद्र गुढ़ा ने आरोप लगाया था कि इस (लाल) डायरी में गहलोत और दूसरे नेताओं के 'अवैध लेनदेन' का ब्यौरा दर्ज है. डायरी के कुछ पन्नों की कथित तस्वीर सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई थी.
लाल डायरी में कौन से राज?
गुढ़ा ने दावा किया था कि लाल डायरी में विधायकों के लेन-देन का हिसाब है. बीजेपी का हेलिकॉप्टर खाली क्यों गया था और बीजेपी के विधायक अपनी पार्टी के बाड़ेबंदी से क्यों भागे थे उसका भी जिक्र है. राजस्थान क्रिकेट एसोशिएसन के चुनाव का हिसाब-किताब भी लाल डायरी में है.
पन्नों में खनन मामले का भी जिक्र
लाल डायरी के पन्नों में जीआर खटाना की एक माइन से जुड़े मामले का भी जिक्र था, जिससे कुंजीलाल मीणा और गौरव गोयल इनकार करते रहे. गुढ़ा ने आरोप लगाया था कि जीआर खटाना को सचिन पायलट के खेमे से तोड़ने के लिए अवैध रूप से माइन्स का संचालन सौंपा गया था.
क्या है लाल डायरी की कहानी?
राजेंद्र गुढ़ा ने दावा किया था कि जिस वक्त सचिन पायलट की बगावत की वजह से कांग्रेस की सियासत में बवाल मचा हुआ था, तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी धर्मेंद्र राठौड़ के यहां इनकम टैक्स का छापा पड़ा था. उस समय धर्मेंद्र राठौड़ सिविल लाइन के सोमदत्त अपार्टमेंट में मौजूद थे. धर्मेंद्र डायरियों में अपनी दिनचार्या लिखते थे. गुढ़ा का दावा था कि धर्मेंद्र राठौड़ ने पहले पुलिस से मदद मांगी कि किसी तरह से उनकी डायरियों को यहां से निकाला जाए, मगर पुलिस ने ज्यादा मदद नहीं की थी.
फ्लैट में थे सिर्फ पांच अधिकारी
दावे के मुताबिक पुलिस से बार-बार मदद मांगने पर एक एडिशनल एसपी पहुंचे थे. उस वक्त इनकम टैक्स के अधिकारी मनोज यादव और अनिल ढाका सिर्फ 5 सुरक्षाकर्मियों के साथ फ्लैट में मौजूद थे. तभी वहां पहुंचे एडिशनल एसपी ने कहा था कि फ्लैट में एक विधायक को छुपाकर रखा गया है और उन्हें तलाशी लेनी है, लेकिन इनकम टैक्स के अधिकारियों ने उन्हें लौटा दिया था.
करणी सेना के कार्यकर्ताओं की मौजूदगी
एएसपी को लौटाने के बाद राजेंद्र गुढ़ा, धीरज गुर्जर और एक पुलिस अधिकारी को भेजा गया था. गुढ़ा के साथ करणी सेना के 30-40 कार्यकर्ता हंगामा करते हुए आए थे. गुढ़ा उपर गए और कमरा खटखटाया था. कमरा जैसे ही खुला लंबे कद के गुढ़ा ने पैर अड़ा दिया था. ताकतवर गुढ़ा और धीरज गुर्जर अंदर दाखिल हो गए थे. धीरज गुर्जर इनकम टैक्स के अधिकारियों से उलझ गए और अंदर मौजूद धर्मेंद राठौड़ के कर्मचारियों ने डायरी के बारे में बता दिया था. डायरियों की तस्वीरें खींच-खींच कर अधिकारी उपर वाले अधिकारी को भेज रहे थे.
चाकू से काटी थी बालकनी की जालियां
गुढ़ा ने बताया था कि उन सारी डायरियों को छीनकर बाहर निकलना चाहा था, लेकिन सामने की तरफ सीआरपीएफ का बड़ा दस्ता सोमदत्त अपार्टमेंट में दाखिल हो गया था. गुढ़ा ने अपने कर्मचारी से पीछे की तरफ आने को कहा था और डायरियों को नीचे फेंकने चले गए थे. बालकनी में जालियां लगी हुई थी. गुढ़ा ने किचन से चाकू लाकर जालियां काटीं और डायरियां फेंक दीं थीं.
CCTV के DVR ले गए थे पुलिसकर्मी
नीचे गुढ़ा के कर्मचारियों ने डायरियां ले लीं थीं. जब वह नीचे आ रहे थे तो इनकम टैक्स के अधिकारियों ने वहां पहुंच चुके सुरक्षाकर्मियों को इस बारे में बता दिया था. पुलिस अधिकारी CCTV के DVR ले गए थे. गुढ़ा ने कहा था कि हमने वो लाल डारियां जला दी हैं, लेकिन उनके पास कुछ डायरियां मौजूद थीं. गुढ़ा का यह भी दावा है कि उन्होंने जब पूरी कहानी सीएम अशोक गहलोत को सुनाई थी तो उन्होंने कहा था कि तुम्हें तो हॉलीवुड में होना चाहिए था.
आरोपों से इनकार करते रहे गहलोत
हालांकि, अशोक गहलोत 'लाल डायरी' को लेकर लगते रहे आरोपों से हमेशा इनकार करते रहे. चुनाव से पहले उन्होंने बीजेपी के आरोपों को झूठा बताते हुए कहा था कि 'लाल डायरी' का षडयंत्र बीजेपी नेताओं ने राजस्थान के एक तत्कालीन मंत्री के साथ मिलकर रचा था. गहलोत ने यह भी कहा था कि उन्हें इन आरोपों की चिंता नहीं है.