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Exit Poll: कौन हैं बालकनाथ, जिन्हें राजस्थान में वसुंधरा और पायलट से ज्यादा लोग सीएम बनते देखना चाहते हैं?

महंत बालकनाथ योगी अलवर से सांसद हैं. बीजेपी ने उन्हें तिजारा विधानसभा से चुनाव मैदान में उतारा है. बीजेपी के फायरब्रांड नेताओं में शामिल बाबा बालकनाथ का पहनावा योगी आदित्यनाथ की तरह रहता है. इसलिए उन्हें लोग राजस्थान का योगी भी कहते हैं. 

सीएम योगी के साथ बाबा बालकनाथ (फाइल फोटो) सीएम योगी के साथ बाबा बालकनाथ (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • जयपुर,
  • 01 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 3:42 PM IST

राजस्थान में गहलोत का जादू चलेगा या 5 साल में सरकार बदलने का ट्रेंड जारी रहेगा, यह 3 दिसंबर को नतीजों के साथ साफ हो जाएगा. नतीजों से पहले आए एग्जिट पोल ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों की धड़कनें बढ़ा दी हैं. आजतक एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल में कांग्रेस और बीजेपी में कड़ी टक्कर दिख रही है. आंकड़ों की बात करें तो कांग्रेस 86 से 106, बीजेपी 80 से 100 सीटें जीतती दिख रही है. आजतक Axis My India Exit Poll के सर्वे में सीएम पद के लिए एक ऐसा नाम भी सामने आया है, जिसने सभी को चौंका दिया है. 

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आजतक एक्सिस माई इंडिया एग्जिट पोल में जब लोगों से सीएम पद के लिए सवाल किया गया. तो पहली पसंद अशोक गहलोत रहे. सर्वे में जिन लोगों से बात हुई है, उनमें गहलोत को 32% लोग सीएम बनते देखना चाहते हैं. हालांकि, दूसरे नंबर पर इस लिस्ट में न तो वसुंधरा राजे का नाम है और न ही सचिन पायलट का. सीएम पद के लिए दूसरे नंबर पर लोगों की पसंद महंत बालकनाथ योगी हैं. बालकनाथ योगी को सर्वे में शामिल 10 फीसदी लोग सीएम के रूप में देखना चाहते हैं. 

कौन हैं बालकनाथ योगी?

महंत बालकनाथ योगी अलवर से सांसद हैं. बीजेपी ने उन्हें तिजारा विधानसभा से चुनाव मैदान में उतारा है. बीजेपी के फायरब्रांड नेताओं में शामिल बाबा बालकनाथ का पहनावा योगी आदित्यनाथ की तरह रहता है. इसलिए उन्हें लोग राजस्थान का योगी भी कहते हैं. 

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बाबा बालकनाथ की अलवर और उसके आसपास के इलाकों में मजबूत पकड़ मानी जाती है. यही वजह है कि बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में भी उनपर भरोसा जताया है. वे बीजेपी के हिंदुत्ववादी एजेंडे पर फिट बैठते हैं. यही वजह है कि चुनाव से पहले जब राजस्थान में बीजेपी ने अपनी इकाई का ऐलान किया था, तब उन्हें उपाध्यक्ष बनाया गया. 

महंत बालकनाथ योगी का जन्म 16 अप्रैल 1984 को राजस्थान के अलवर जिले के कोहराना गांव में एक किसान परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम सुभाष यादव और मां का नाम उर्मिला देवी है. माता पिता की इकलौती संतान हैं और उनके परिवार में उनके दादा फूलचंद यादव और दादी मां संतरो देवी है . उनका परिवार बहुत लंबे समय से जनकल्याण और साधु संतों की सेवा करता रहा है. 

6 साल की उम्र में छोड़ा घर

उनके परिवार ने उन्हें मात्र 6 वर्ष की उम्र में अध्यात्म का अध्ययन करने के लिए महंत खेतानाथ के पास भेज दिया था. महंत खेतानाथ ने ही उन्हें बचपन में गुरुमख नाम दिया था. महंत खेतानाथ से अपनी शिक्षा दीक्षा को लेने के बाद वो महंत चांद नाथ के पास आ गए. महंत चांद नाथ ने उनकी बालक के समान प्रवृत्तियों को देखकर उन्हें बालकनाथ कहना शुरू किया था. महंत चांद नाथ ने उन्हें 29 जुलाई 2016 को अपना उत्तराधिकारी चुना था. महंत बालक नाथ योगी हिंदू धर्म के नाथ संप्रदाय के आठवें संत है. बालक नाथ योगी बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के चांसलर भी है. 

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योगी आदित्यनाथ के करीबी

योगी की तरह भगवा कपड़ों में दिखने वाले बाबा बालकनाथ अकसर अपने आक्रामक तेवरों की वजह से चर्चा में बने रहते हैं. बाबा बालक नाथ ने 2019 में पहला लोकसभा चुनाव जीता. उन्होंने कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह को 3 लाख से ज्यादा वोटों से मात दी थी. 

बाबा बालकनाथ उसी नाथ संप्रदाय के महंत हैं, जिससे योगी आदित्यनाथ जुड़े हैं. बालकनाथ रोहतक स्थित बाबा मस्तनाथ मठ के महंत हैं. नाथ संप्रदाय की परंपरा के मुताबिक, योगी आदित्यनाथ राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, तो रोहतक की गद्दी को उपाध्यक्ष की पदवी हासिल है. ऐसे में वे सीएम योगी के भी करीबी माने जाते हैं. 

बाबा बालकनाथ ओबीसी कैटेगरी से आते हैं. बालकनाथ ने चुनाव आयोग में अपना नामांकन दाखिल किया. इसके मुताबिक, उनकी उम्र 39 साल है. उनके पास नकदी 45 हजार रुपए है. भारतीय स्टेट बैक शाखा पार्लियामेंट हाउस संसद भवन नई दिल्ली में 13 लाख 29 हजार पांच सौ अठावन रुपए (13,29558 ) जमा है. इसके अलावा एसबीआई तिजारा शाखा में एक अन्य बैंक खाते में 5 हजार की राशि जमा है. इस हिसाब से बैंक में कुल जमा राशि 13, 79,558 की राशि जमा है. उन्होंने 12वी तक पढ़ाई कर रखी है. 

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