
आजतक के राजस्थान पंचायत में राज्य में किसानों की समस्या को लेकर चर्चा हुई. इसमें किसान नेता रामनारायण चौधरी और भंवरलाल जाट शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में पानी की कमी है, इसके लिए ईआरसीपी परियोजना को जल्दी शुरू होनी चाहिए.
राम नारायण चौधरी ने कहा कि मैं किसानों के बारे में राजनीति नहीं करता. सिंचाई व्यवस्था सुचारू रूप से मिलनी चाहिए. किसानों की फसल खरीद की व्यवस्था सुदृढ़ करनी चाहिए. फसल बीमा इतना अच्छा होना चाहिए, उसके अंदर जो कमियां हैं, उन्हें हटाना चाहिए. इसके अलावा एमएसपी समेत किसानों के अन्य मुद्दे हैं. ईआरसीपी के मामले में अगर बात करें तो सरकार को जल्द करना चाहिए.
वहीं किसान नेता भंवरलाल जाट ने कहा कि राजस्थान में सबसे बड़ी समस्या पानी की है. जिस समय नहर से, नदियों को नदियों से जोड़कर पानी आ जाएगा, किसानों की आधी समस्या अपने आप खत्म हो जाएगी. इसलिए ईआरसीपी को जल्द कर देना चाहिए. हम ये मांग इसलिए करते हैं क्योंकि राजस्थान में पहली बार ऐसा मौका है कि जल शक्ति मंत्री राजस्थान के जोधपुर से चुनकर जाते हैं उसके बाद भी ईआरसीपी लागू नहीं कर पाए.
भंवरलाल ने कहा कि गजेंद्र शेखावत को सरकार ने किसानों के मुद्दों को सुलझाने की भी छूट दी है, बड़ा काम हो सकता था, लेकिन हुआ नहीं. गजेंद्र शेखावत अगर रुचि लेकर करते तो ये परियोजना लागू कर देती. पहले उन्होंने कहा था कि राजस्थान सरकार पैसा नहीं दे रही है. उसके बाद गहलोत सरकार ने 9600 करोड रुपये खाते में डाल दिए, उसके बाद भी काम शुरू नहीं किया. बहाने बना रहे हैं. गजेंद्र शेखावत केंद्रीय जलशक्ति मंत्री हैं, उसके बाद भी राजस्थान सूखा है.
वहीं चौधरी ने कहा कि ऐसा इल्जाम लगाना ठीक नहीं है. मोदी जी किसानों की सेवा में दिन-रात तत्पर हैं. शेखावत अभी आए हैं, उससे पहले 70 साल में ईआरसीपी लागू नहीं हुई. कुछ मजबूरियां रही होंगी, इसलिए नहीं हो पाया. उनकी सोच है, लेकिन आगे जल्द ही ऐसा होगा. गजेंद्र शेखावत फाइनल अथॉरिटी नहीं हैं.
इसके जवाब में जाट ने कहा कि जिस समय शेखावत कृषि राज्यमंत्री थे, पहले 200 फीट पर पानी मिलता था, अब 1200 फीट पर पानी मिलता है. हमारी मांग थी कि आप पॉलिसी बना दो किसानों के लिए 18 घंटे बिजली मिल सके. हजारों ज्ञापन दिए, लेकिन उन्होंने एक भी काम नहीं किया. सरकार किसी की भी हो, बस किसानों का होना चाहिए.