
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पीएम मोदी के बयान पर आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी और लोगों के अलावा किसी और को उनकी चिंता करने की जरूरत नहीं है. पायलट ने कहा कि उनके पिता जीवन भर एक समर्पित कांग्रेसी रहे और प्रधानमंत्री के बयान तथ्यों से परे हैं और उनका उद्देश्य लोगों का ध्यान भटकाना है.
दरअसल, राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने दावा किया था कि राजेश पायलट ने एक बार पार्टी की भलाई के लिए इस कांग्रेस परिवार को चुनौती दी थी. लेकिन यह परिवार ऐसा है कि राजेश जी को दंडित करने के बाद वे उनके बेटे को भी दंडित करने में जुटे हैं.
पीएम मोदी ने आरोप लगाते हुए दावा किया था कि जो कोई भी कांग्रेस में सच बोलता है उसे राजनीति से बाहर कर दिया जाता है और जाहिर तौर पर सुझाव दिया कि 1997 में पार्टी अध्यक्ष पद के लिए सीताराम केसरी के खिलाफ चुनाव लड़ने के बाद राजेश पायलट ने कांग्रेस नेतृत्व का पक्ष खो दिया.
पीएम मोदी के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए सचिन पायलट ने न्यूज एजेंसी के कहा, "मेरे दिवंगत पिता ने 1998 में शरद पवार के साथ कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सीताराम केसरी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. उस समय, सोनिया गांधी सक्रिय राजनीति में नहीं थीं. केसरी ने वह चुनाव जीता और बाद में कार्यसमिति में पवार और मेरे पिता दोनों को नामांकित किया."
उन्होंने कहा, एक स्वस्थ लोकतांत्रिक संगठन और राजनीतिक दल को इसी तरह काम करना चाहिए. जहां तक मेरा सवाल है, मुझे बहुत कम उम्र में संसद सदस्य बनने का मौका दिया गया था और मैंने कई वर्षों तक केंद्र सरकार और राज्य स्तर पर कई जिम्मेदारियां निभाई हैं. किसी को भी मेरी और मेरे राजनीतिक भविष्य की चिंता नहीं करनी चाहिए. मेरी पार्टी और लोग इस बारे में चिंता करेंगे और मेरी अच्छी देखभाल करेंगे.
पायलट ने कहा कि उनके पिता इंदिरा गांधी से प्रेरित होकर कांग्रेस में शामिल हुए और उन्होंने लंबे समय तक जनता की सेवा की और जीवन भर सांप्रदायिक ताकतों से लड़ते रहे. जहां तक सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का सवाल है, इस परिवार के साथ हमारे दशकों से संबंध हैं. यह रिश्ता दिल का है, यह रिश्ता पुराना है.