
राजस्थान विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी पारा हाई है. टिकट को लेकर पार्टियों में घमासान भी देखने को मिल रहा है. इसी क्रम में वसुंधरा राजे के विश्वासपात्र यूनुस खान ने बीजेपी छोड़ने का ऐलान कर दिया है. यूनुस खान ये फैसला डीडवाना विधानसभा सीट से टिकट न मिलने की वजह से लिया है. खान का कहना है कि वो डीडवाना से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. राजस्थान की राजनीति में खान को वसुंधरा राजे का सबसे करीबी माना जाता है.
बता दें कि बीजेपी की तीसरी लिस्ट आने के बाद टिकट कटने से कई नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. अलवर शहर विधानसभा सीट से बीजेपी के पूर्व विधायक बनवारी लाल सिंघल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है. रामगढ़ से टिकट कटने से नाराज सुखवंत सिंह ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है.
'अब सब्र का बांध टूट गया है...'
बनवारी लाल सिंघल ने कहा, "अब सब्र का बांध टूट गया है. अलवर की जनता ने प्यार दिया है. अब उनके लिए निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा. पहली सूची में नाम नहीं आने पर मुझे उम्मीद थी कि रामगढ़ से टिकट मिलेगा. मगर, पार्टी ने मुझे रामगढ़ से भी टिकट नहीं दिया. पार्टी ने 178 में से अग्रवाल समाज को केवल एक टिकट दिया है. समाज में इसको लेकर गुस्सा है".
'पार्टी के विरोध में प्रचार नहीं करूंगा'
उन्होंने कहा, मैंने पार्टी को नहीं छोड़ा, पार्टी ने मुझे छोड़ दिया है. मैं पार्टी के विरोध में चुनाव प्रचार नहीं करूंगा. मैं खुद के लिए वोट मांगूंगा और चुनाव जीतकर पार्टी के साथ रहूंगा. मेरी विचारधारा हिंदूवादी है. मैं गौ-रक्षक हूं. मैं पार्टी के खिलाफ नहीं जा सकता. मगर, पार्टी ने मुझे टिकट नहीं दिया इसलिए मजबूरी में मुझे निर्दलीय चुनाव लड़ना पड़ रहा है.