
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए 25 नवंबर को मतदान होना है. इससे पहले सोशल मीडिया पर गहलोत सरकार में मंत्री शांति धारीवाल का वीडियो वायरल हुआ है, इसे लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है. वीडियो में एक महिला मंत्री शांति धारीवाल को पैसे लौटाते दिख रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान इस वीडियो का जिक्र कर कांग्रेस पर निशाना साधा. पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि पैसे का इस्तेमाल वोट खरीदने के लिए किया जा रहा था.
एक वीडियो में महिला को ये कहते सुना जा सकता है कि भैया ने उसे 25,000 रुपये दिए थे, जिस पर मंत्री के एक सहयोगी ने उसे रोका और पूछा कि वह इस समय इस मामले को क्यों उठा रही है. महिला के हाथ में पैसे भी नजर आ रहे हैं.
पीएम मोदी ने कोटा में रैली के दौरान वीडियो का जिक्र किया और कहा, राजस्थान के दागी मंत्री ने एक और हरकत की है, जिसे पूरा देश कल से देख रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा, ''एक मां को पैसे का लालच देकर उनका वोट खरीदने का प्रयास किया गया. मैं न केवल पैसे ठुकराने के लिए बल्कि दागी मंत्री और उनके साथियों को तीखा जवाब देने के लिए भी महिला की सराहना करना चाहता हूं.''
बीजेपी ने भी साधा निशाना
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने धारीवाल का ये वीडियो शेयर किया है. उन्होंने लिखा, कोटा के कुन्हाड़ी में जनसंपर्क के दौरान धारीवाल जी द्वारा महिला को ₹25000 दिए गए परंतु महिला ने रुपए लौटा दिए. महिलाओं को यह पैसे नहीं सम्मान और न्याय चाहिए. धारीवाल वही है, जिसने बलात्कार को जायज ठहराया था. आज महिलाओं ने कांग्रेस मुक्त कोटा का मन बना लिया है.
Women of Rajasthan oppose Shanti Dhariwal; return money; demand justice & respect
कोटा के कुन्हाड़ी में जनसंपर्क के दौरान धारीवाल जी द्वारा महिला को ₹25000 दिए गए परंतु महिला ने रुपए लौटा दिये । महिलाओं को यह पैसे नहीं सम्मान और न्याय चाहिए । धारीवाल वही है जिसने बलात्कार को… pic.twitter.com/i91ZWQ2MdE
महिला ने दी सफाई
वहीं, इसके बाद महिला का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इसमें वह सफाई देते नजर आ रही है कि पैसा वोट के लिए नहीं था. नए वीडियो में महिला कहती दिख रही है कि पैसा मंदिर के लिए मूर्तियां खरीदने के लिए था. उन्होंने हमें 25,000 रुपये दिए जबकि 25,000 रुपये और चाहिए थे. ये पैसे वोट के लिए नहीं दिए गए थे.