
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को पनामा पेपर लीक्स मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर जमकर निशाना साधा. पीएम को हमला करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी कालाधन वापस लाने के ‘बड़े वादे’ करते हैं, लेकिन पनामा मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के बेटे का नाम आने पर उन्होंने जांच नहीं करवाई.
राहुल ने 11 अप्रैल को असम विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से पूर्व कमलपुर में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'पनामा पेपर लीक हो गए हैं और पनामा में रखे गए कालेधन के बारे में कई नाम उजागर हुए हैं. इसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के बेटे अभिषेक सिंह का खाता होने का भी जिक्र है. मोदी विदेशों में रखे कालेधन को वापस लाने के आपसे बड़े वादे करते हैं. उन्हें कम से कम बताना चाहिए कि उन्होंने मुख्यमंत्री के बेटे का नाम आने पर जांच के आदेश क्यों नहीं दिए.'
'ललित मोदी पर भी चुप थे पीएम'
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि संसद में उन्होंने मोदी से पूछा कि आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी को वापस देश क्यों नहीं लाया गया जो देश से भाग गए हैं. लेकिन मोदी जी ने जवाब में एक भी शब्द नहीं कहा. राहुल ने आरोप लगाया, ‘विजय माल्या ने देश छोड़ने से पहले संसद भवन में वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी. हजारों रुपये की चोरी करने वाले ललित मोदी भी देश से बाहर हैं.'
उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार कालाधन जमा करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. राहुल ने कहा, 'जेटली हाल में नया फेयर एंड लवली सिस्टम लाए थे जहां कोई भी गैंगस्टर, गुंडा, नशा तस्कर सरकार को मामूली कर देकर इसे उजला कर सकता है. मोदी ने कालाधन वापस लाने के बारे में लोकसभा चुनावों में केवल गलत वादे किए.
राहुल गांधी ने कहा, 'मोदी के आश्वासन के मुताबिक किसी भी भारतीय के बैंक खाते में 15 लाख रुपये नहीं आए.' बता दें कि पनामा पेपर्स गोपनीय दस्तावेज हैं जिसमें इस बात का उल्लेख है कि किस तरह धनी लोगों ने अपने धन को विदेशों में छुपा रखा है.
'सिर्फ हिंसा की बात करती है बीजेपी-आरएसएस'
दमदमा में एक अन्य चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि इस बार असम विधानसभा चुनावों में विपरीत विचारधारा के दो दल चुनाव लड़ रहे हैं. राहुल ने कहा, 'कांग्रेस भाईचारे की भावना के साथ शांति और विकास में विश्वास करती है. दूसरी तरफ बीजेपी और आरएसएस हैं जो विभाजनकारी राजनीति में संलिप्त हैं और केवल हिंसा की बात करते हैं. एक भारतीय को दूसरे से लड़ाते हैं, हिंदुओं को मुसलमानों से लड़ाते हैं.'
'जहां बीजेपी वहां हिंसा'
राहुल ने दावा किया कि जिस राज्य में भी बीजेपी की सरकार बनती है वहां हिंसा होती है. उन्होंने कहा, 'शांतिपूर्ण और विकसित हरियाणा में सत्ता में आने के पांच-छह महीने के अंदर ही उन्होंने एक जाट को दूसरे जाट से लड़ाया. 15 वर्ष पहले जब बीजेपी की वर्तमान चुनाव सहयोगी अगप राज्य में सत्ता में थी और भगवा दल की केंद्र में सरकार थी तो केवल बुरी खबरें आती थीं. हिंसा और लोगों की मौत की. इसके बाद कांग्रेस सत्ता में आई और शांति बहाल की.'
उन्होंने आरोप लगाए कि अगप के शासनकाल में असम में प्रगति और विकास नहीं हुआ. राहुल ने पूछा, 'अब वे आकर आपसे कह रहे हैं कि सत्ता में वापस लाइए. उन्हें वोट क्यों दें जब वे असम में विकास नहीं कर सकते?'