
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मौके तलाश रही समाजवादी पार्टी को विधानसभा चुनाव से पहले एक नया पार्टनर मिला है. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) ने घोषणा की है दोनों राज्यों में उनका दल समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगा. रविवार (21 अक्टूबर) को जीजीपी के चीफ हीरा सिंह मार्कम ने ये घोषणा की. जीजीपी पहले कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ने का मन बना रही थी. गठबंधन में लगातार हो रही देरी की वजह से पार्टी ने अब अखिलेश यादव के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
जीजीपी मुखिया हीरा सिंह ने कहा कि कांग्रेस गठबंधन में देरी कर रही है और अब छत्तीसगढ़ में नामांकन की भी प्रक्रिया शुरू हो गई है, इसलिए उनके साथ अब चुनाव में उतरना संभव नहीं है. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी छत्तीसगढ़ में अब 60 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि समाजवादी पार्टी को 18 सीटें मिली हैं. समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न साइकिल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 'हैंडल हमारे हाथ में है, जबकि पैडल उनके नियंत्रण में है."
बता दें कि जीजीपी छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल इलाकों में अच्छी खासी पहुंच रखती है. कांग्रेस के साथ गठबंधन फेल होने पर उन्होंने बताया कि कांग्रेस के कुछ नेता जीजीपी नेताओं से बात करते हैं, लेकिन वे कभी भी जिम्मेदार आदमी के पास अपनी बात नहीं रखते हैं. उन्होंने कहा, "पहले तो कोई बात नहीं करना चाहता है...और यदि बात भी करता है तो कहता है कि एक सीट ले लो, तीन सीट ले लो...इस तरह बात आगे कैसे बढ़ सकती है."
जीजीपी ने कहा कि मध्य प्रदेश में भी उनकी पार्टी के नेता एमपी कांग्रेस के मुखिया कमलनाथ से बात की, लेकिन गठबंधन को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका. बता दें कि कुछ दिन पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने समाजवादी पार्टी और जीजीपी के साथ गठबंधन पर कहा था कि हमलोग सभी संभावित साझीदारों के साथ बातचीत कर रहे हैं. सिंधिया ने कहा था कि हमारा मकसद बीजेपी को बाहर करना है, हम किसी भी दल के साथ एलायंस से इनकार नहीं कर रहे हैं.
हीरा सिंह मार्कम ने कहा कि आदिवासी इलाकों में कांग्रेस की भी सीटें हैं, और उन्होंने भी वहां काम किया है, इसलिए कोई भी सीटें छोड़ने को तैयार नहीं था. गठबंधन के बाद उत्तर प्रदेश से सटे एमपी के जिलों में एसपी चुनाव लड़ेगी जबकि दक्षिण में जीजीपी सियासी दंगल में उतरेगी. एमपी में सपा लगभग 50 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि जीजीपी 70 सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारेगी.