
मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में विधानसभा चुनावा के आज नतीजे आ गए. बीजेपी ने जहां मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में जीत हासिल की है, वहीं कांग्रेस को तेलंगाना की सत्ता मिल गई. इन चुनाव नतीजों के बीच हिंदी पट्टी वाले मध्यप्रदेश और राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस के अलावा एक और पार्टी चर्चा में है. ये पार्टी है BAP (भारतीय आदिवासी पार्टी). विधानसभा चुनाव से सिर्फ 3 महीने पहले बनी पार्टी ने अपने प्रदर्शन से सभी को चौंका दिया है. यहां तक कि BAP दिल्ली-पंजाब की सत्ताधारी AAP से भी आगे निकल गई है.
आम आदमी पार्टी ने मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान में 200 से ज्यादा उम्मीदवार उतारे थे. लेकिन पार्टी का खाता भी नहीं खुला. आप के ज्यादातर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. वहीं, तीन महीने पहले बनी भारतीय आदिवासी पार्टी ने कुछ ही सीटों पर चुनाव लड़कर अपनी छाप छोड़ दी है. BAP को मध्यप्रदेश में 1 जबकि राजस्थान में 3 सीटों पर जीत मिली है.
बीटीपी से निकली BAP
भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) में विभाजन के बाद आदिवासी नेताओं ने कुछ महीने पहले ही नए राजनीतिक संगठन 'भारतीय आदिवासी पार्टी' की नींव रखी. इस पार्टी ने राजस्थान-एमपी के आदिवासी इलाके में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के सामने न सिर्फ चुनौती पेश की, बल्कि चार सीटों पर जीत भी हासिल की.
भारत आदिवासी पार्टी (BAP) को आधिकारिक तौर पर तीन महीने पहले लॉन्च किया गया था. पार्टी में राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र हजारों आदिवासी कार्यकर्ता शामिल हुए थे. BAP के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल रोत हैं. BAP पार्टी ने राजस्थान और मध्य प्रदेश में आदिवासी समुदायों के लिए आरक्षित और आदिवासी बाहुल्य सीटों पर चुनाव लड़ा था. पार्टी ने करीब 25 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे.
AAP का खराब प्रदर्शन
उधर, दिल्ली और पंजाब में सरकार बनाने के बाद केजरीवाल हिंदी बेल्ट के तीनों राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में AAP का जनाधार बढ़ाने की कोशिश में लगे हुए हैं. इसी के तहत मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में 200 से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. केजरीवाल ने दिल्ली-पंजाब की तरह इन राज्यों में भी मुफ्त बिजली-पानी और शिक्षा का वादा किया था. कई रैलियों और रोड शो के बावजूद AAP को कोई फायदा नहीं मिला.
चुनाव आयोग के मुताबिक, आम आदमी पार्टी को छत्तीसगढ़ में 0.97% वोट मिलता दिख रहा है. जबकि मध्यप्रदेश में 0.42% और राजस्थान में 0.37% वोट मिल रहा है.