हरियाणा: गठबंधन टूटा, अब JJP टूटने का भी खतरा, विधायक दल की बैठक में नहीं पहुंचे 5 विधायक

जेजेपी के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला ने अपने दिल्ली स्थित फार्म हाउस पर अपने विधायकों की एक बैठक बुलाई. लेकिन इस बैठक में उनके 10 विधायकों में से 5 विधायक ही पहुंचे. जेजेपी के 5 विधायक दुष्यंत की मीटिंग में नहीं पहुंचे.

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Dushyant Chautala (File Photo) Dushyant Chautala (File Photo)

राहुल गौतम

  • चंडीगढ़,
  • 12 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 2:24 PM IST

हरियाणा में BJP और JJP के बीच गठबंधन टूट चुका है, जिसके बाद सियासी उठापटक जारी है. मुख्यमंत्री मनोहल लाल खट्टर अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं. नए मुख्यमंत्री का नाम भी सामने आ चुका है. बीजेपी अब नायब सिंह सैनी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाने जा रही है. शाम को दोबारा शपथ ग्रहण कार्यक्रम होने की बात कही जा रही है. इस बीच सूत्रों के मुताबिक 10 विधायकों वाली जननायक जनता पार्टी (JJP) के 5 विधायकों का कुछ पता नहीं चल पा रहा है.

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दरअसल, JJP के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला ने अपने दिल्ली स्थित फार्म हाउस पर अपने विधायकों की एक बैठक बुलाई. लेकिन इस बैठक में उनके 10 विधायकों में से 5 विधायक ही पहुंचे. जेजेपी के 5 विधायक फिलहाल दुष्यंत की मीटिंग में नहीं पहुंचे हैं. जो विधायक पहुंचे हैं, उनके नाम नैना चौटाला, दुष्यंत चौटाला, रामकरण काला, अमरजीत धांडा और अनूप धानक है. हालांकि, जेजेपी के प्रवक्ता अरविंद भारद्वाज ने दावा किया है कि जेजेपी को कोई भी विधायक टूटने वाला नहीं है. सभी एकजुट हैं.

जेजेपी ने मांगी थीं एक से दो सीटें

अरविंद भारद्वाज ने कहा कि उनकी पार्टी हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीट और 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. बीजेपी के साथ गठबंधन पर भारद्वाज ने कहा कि इस बारे में पार्टी जल्द ही स्टेटमेंट जारी करेगी. इससे पहले सोमवार देर रात हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने एक से दो सीटें मांगी थी.

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विधायकों को बुलाया था फार्म हाउस

सूत्रों के अनुसार बीजेपी अलाकमान ने दुष्यंत चौटाला को कहा था कि जो गठबंधन का आगे विचार होगा, उससे अवगत कराया जाएगा. इसके बाद चंडीगढ़ में बीजेपी विधायकों के साथ निर्दलीयों विधायकों की बैठक बुलाई गई, उसमें गठबंधन में शामिल रही जेजेपी विधायकों को नहीं बुलाया गया. ऐसे में जेजेपी ने अपने विधायकों की दिल्ली के फार्म हाउस पर बुला लिया था. 

निर्दलीयों का बीजेपी को समर्थन

हरियाणा में निर्दलीयों की संख्या छह है. हरियाणा के निर्दलीय विधायक गोपाल कांडा ने खट्टर के इस्तीफे से पहले कहा था कि हमने सीएम खट्टर से मुलाकात की है. हमारे हिसाब से गठबंधन टूट गया है. पहले भी JJP की कोई जरूरत नहीं थी. लोकसभा चुनाव में बीजेपी 10 में से 10 सीटें जीतेगी. इस दौरान एक और निर्दलीय विधायक रणधीर सिंह गोलान ने भी कहा कि हमें सीएम ने बुलाया था. उन्होंने नए तरीके से समर्थन मांगा है. हमारा समर्थन लेटर गवर्नर को सौंपा जाएगा.

हरियाणा विधानसभा का गणित

हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं. इन 90 सीटों में से 41 बीजेपी के पास हैं. वहीं 30 सीटें कांग्रेस, 10 सीटें इंडियन नेशनल लोकदल, एक हरियाणा लोकहित पार्टी और 6 निर्दलीय हैं. हरियाणा में बहुमत के लिए 46 विधायक चाहिए. हरियाणा में बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जेजेपी के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी. उस चुनाव में बीजेपी को 41 जबकि जेजेपी को 10 सीटें मिली थीं. हरियाणा में इसी साल विधानसभा चुनाव भी होने हैं. लोकसभा चुनाव के बाद अक्टूबर-नवंबर में यहां विधानसभा चुनाव हो सकते हैं. 

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JJP के समर्थन से बनी थी सरकार

90 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 46 है. पिछले चुनाव में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. 41 सीटों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. इसके बाद दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के समर्थन से सरकार बनी थी. इस सरकार में मनोहर लाल खट्टर सीएम और दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम बनाए गए थे. लगभग 4 साल तक गठबंधन में सरकार चलाने के बाद अब दोनों पार्टियां अलग-अलग हो गई हैं.

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