
असम चुनाव (Assam Election) को लेकर बीजेपी के दिग्गज नेता हेमंत बिस्व शर्मा ने कहा कि जमीन पर कोई लड़ाई नहीं है. हम स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं. हमें डरने की कोई जरूरत नहीं, चुनाव में कांग्रेस या उनके साथी हमारे आसपास भी नहीं हैं. शर्मा ने इस दौरान मुस्लिमों, मदरसों, एनआरसी समेत कई मुद्दों पर अपनी बात कही.
बता दें कि हेमंत बिस्व शर्मा (Himanta Biswa Sarma) असम के जालुकबाड़ी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. वह असम सरकार में मंत्री हैं. शर्मा ने चुनाव को लेकर कहा कि असम में त्रिशंकु विधानसभा नहीं होने वाली. मैं ऐसा नहीं होने दूंगा, ये मेरा वादा है.
बीजेपी नेता हेमंत बिस्व शर्मा ने कहा कि अभी मेरा ध्यान सिर्फ चुनाव जीतने और वोटबैंक को मजबूत करने पर है. सीएम या और किसी पद का फैसला बाद में किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मैंने सीएम बनने के लिए कांग्रेस पार्टी नहीं छोड़ी थी. मेरे पास विधायक थे, मैं आसानी से पार्टी का विभाजन कर सकता था. लेकिन राहुल गांधी द्वारा मेरी बातों को लापरवाही से लेने के कारण मैंने कांग्रेस छोड़ दी.
हेमंत बिस्व शर्मा ने कहा कि अब अगर आपको लगता है कि मैं लोकप्रिय हूं, तो कृपया दिल्ली में बैठे लोगों से पूछें. नड्डा जी से पूछिए कि किसे सीएम बनना चाहिए. मैं तो असम को मजबूत करना चाहता हूं, ताकि हम पूरे पूर्वोत्तर पर कब्जा कर सकें. अगर मैं ऐसा करता हूं तो पूर्वोत्तर बीजेपी के नाम पर चलेगा.
शर्मा ने आगे कहा कि 1935 से ही असम का ध्रुवीकरण किया गया. असम में पहचान और विकास साथ-साथ चलते हैं. सड़कें, अस्पताल बनाने का क्या फायदा, जब एक विशेष समुदाय के लोग जमीनों पर कब्जा करेंगे, महिलाओं का बलात्कार करेंगे. इसलिए पहचान असम में सबसे महत्वपूर्ण चुनाव का मुद्दा है.
हेमंत बिस्व शर्मा ने कहा कि मियां लोग बेहद आक्रामक हैं. अजमल उनका समर्थन करता है. मियां लोग हमेशा से सांप्रदायिक रहे हैं. वे चाहते हैं कि उनकी पत्नियां दर्जन भर बच्चों को जन्म दें. वे मदरसे चाहते हैं, जबकि उनके बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर बनना चाहते हैं. इस तरह की मानसिकता का विरोध होना चाहिए.
बीजेपी नेता ने कहा कि मुझे मदरसों से समस्या है. नकवी जी (केंद्रीय मंत्री) ने कहा है कि हम मदरसों का विकास करेंगे, मैं पूछता हूं आखिर क्यों? हमने असम में उन्हें बंद कर दिया है. मैंने मदरसों में जाकर देखा है, वे छात्रों को कुछ नहीं सिखाते. वे उन्हें वहां "मुल्ला" बनना सिखाते हैं.
बिस्व शर्मा ने कहा कि आखिर मदरसा क्यों चाहिए? हम स्कूल-कॉलेज देंगे, आप बच्चों को डॉक्टर-इंजीनियर बनाओ. उन्होंने कहा कि मैं मुसलमानों के खिलाफ नहीं हूं. लेकिन मैं उन मुसलमानों के खिलाफ जरूर हूं जो बांग्लादेश से आए हैं और आक्रामक मानसिकता रखते हैं. हमें असमिया मुसलमानों का समर्थन प्राप्त है. अगर मैं एक मुस्लिम लड़की को डॉक्टर बनाने में मदद करता हूं, तो मुझे अल्लाह, भगवान से दुआ मिलेगी. मुझे अजमल के अनुयायियों की दुआएं नहीं चाहिए.
शर्मा ने आगे कहा कि रंजन गोगोई ने कहा है कि एनआरसी असम में राजनीतिक दलों द्वारा खेला जाने वाला महज एक खेल है. वह ऐसा कह सकते हैं क्योंकि वह एक अलग पद रहे हैं. लेकिन मैं असम का राजनीतिज्ञ हूं, मेरे लिए असम की संस्कृति और पहचान सबसे महत्वपूर्ण है.
हेमंत बिस्व शर्मा ने कहा कि मुझे लगता है कि असम में बीजेपी गठबंधन को 85 से ज्यादा सीटें मिलेंगी. बता दें कि असम में 27 मार्च से 126 सीटों के लिए विधानसभा चुनाव शुरू होंगे. 2 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे.