
मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में चुनाव नतीजों के बाद सीएम को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. राजस्थान में बीजेपी के 25 नए विधायकों ने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से मुलाकात की. इसे वसुंधरा के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर माना जा रहा है. वसुंधरा मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे मानी जा रही है. उधर, तेलंगाना में कांग्रेस नेता भट्टी विक्रमार्क और उत्तम कुमार रेड्डी कांग्रेस आलाकमान से मिलने के लिए आज दिल्ली रवाना होंगे. मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ आज दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करेंगे. माना जा रहा है कि एमपी प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे सकते हैं.
राजस्थान: बीजेपी प्रभारी अरुण सिंह ने जयपुर में बीजेपी विधायकों से मुलाकात की. उन्होंने एक एक कर विधायकों से बात की. इससे पहले उन्होंने कहा कि संसदीय बोर्ड तय करेगा कि राजस्थान में सीएम कौन होगा.
तेलंगाना: तेलंगाना में रेवंत रेड्डी का मुख्यमंत्री बनना लगभग तय है. पार्टी आलाकमान की पहली पसंद रेड्डी ही हैं. माना जा रहा है कि वे कल या गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं.
230 सीटों वाले मध्यप्रदेश में बीजेपी ने 163 सीटें हासिल की हैं. वहीं, कांग्रेस को 66 सीटों के साथ संतोष करना पड़ा. सूत्रों ने सोमवार को बताया कि कमलनाथ के मंगलवार को खड़गे से मिलने की संभावना है और उन्हें पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख के पद से इस्तीफा देने के लिए कहा जा सकता है.
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेतृत्व सीट बंटवारे को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश और नीतीश कुमार समेत इंडिया ब्लॉक के कई नेताओं के खिलाफ कमलनाथ की टिप्पणियों से भी नाराज है. दरअसल, एमपी में सपा ने चार से 6 सीटें मांगी थीं. जबकि जदयू ने एक सीट मांगी थी. हालांकि, कमलनाथ इस पर राजी नहीं हुए. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेतृत्व कथित तौर पर कमलनाथ द्वारा पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात नहीं करने, बल्कि सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करने से भी नाराज हैं.
उधर, राजस्थान में बीजेपी द्वारा 115 सीटें जीतने के बाद सीएम पद को लेकर कश्मकश जारी है. बीजेपी ने इस चुनाव में किसी भी राज्य में सीएम चेहरे का ऐलान नहीं किया था. हालांकि विधायकों ने वसुंधरा से मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात बताया. लेकिन विधायकों ने कहा कि अगर पार्टी वसुंधरा राजे को सीएम पद के लिए चुनता है तो वे उनका समर्थन करेंगे. नसीराबाद विधायक रामस्वरूप लांबा ने कहा कि लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजे के कामों को देखा है और सीएम के बारे में फैसला पार्टी का संसदीय बोर्ड करेगा. उन्होंने कहा, पीएम मोदी और वसुंधरा राजे के काम के कारण ही बीजेपी राजस्थान में सत्ता में लौटी है.
झालरापाटन सीट से विधानसभा चुनाव जीतने वाली वसुंधरा राजे के अलावा, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अर्जुन मेघवाल, और पार्टी सांसद बाबा बालकनाथ और दीया कुमारी भी सीएम पद के दावेदार हैं. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और राज्य इकाई के अध्यक्ष सीपी जोशी पार्टी आलाकमान के साथ बैठक के लिए दिल्ली में हैं. सूत्रों ने बताया कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. वहीं, शेखावत और बालकनाथ भी संसद सत्र में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं.
वसुंधरा बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. वे 2003 से 2008 और 2013 से 2018 तक राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. 2018 में पार्टी ने उन्हें सीएम चेहरा बनाया था. लेकिन पार्टी को हार मिली थी. इस चुनाव में बीजेपी ने राजस्थान में सीएम चेहरे का ऐलान नहीं किया था. चुनाव पीएम मोदी के नाम पर लड़ा गया.