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असम की रैली में बोले मनमोहन- लचर है मोदी सरकार की पाकिस्तान नीति

मनमोहन सिंह ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह देश के लोगों से किए गए वादे पूरे करने में भी बुरी तरह नाकाम रही है. मनमोहन ने कहा कि पाकिस्तानी आतंकवादियों का सिर्फ जम्मू-कश्मीर में ही आना-जाना जारी नहीं है, बल्कि वे पंजाब और अन्य पड़ोसी राज्यों से भी आ रहे हैं.

मनमोहन सिंह मनमोहन सिंह
प्रियंका झा
  • गुवाहाटी,
  • 07 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 4:29 AM IST

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने असम में एक रैली के दौरान केंद्र सरकार की पाकिस्तान को लेकर नीति पर सवाल खड़े किए. सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की पाकिस्तान नीति लचर है.

मनमोहन सिंह ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह देश के लोगों से किए गए वादे पूरे करने में भी बुरी तरह नाकाम रही है. मनमोहन ने कहा कि पाकिस्तानी आतंकवादियों का सिर्फ जम्मू-कश्मीर में ही आना-जाना जारी नहीं है, बल्कि वे पंजाब और अन्य पड़ोसी राज्यों से भी आ रहे हैं.

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पठानकोट हमले को बताया कमजोरी
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि पठानकोट एयरबेस पर हुआ हालिया हमला हमारी कमजोरी का सबसे ताजा प्रमाण है. उन्होंने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर, पिछले दो साल से कृषि क्षेत्र का विकास थमा पड़ा है जिससे भारतीय किसानों को बड़े पैमाने पर संकट का सामना करना पड़ रहा है. मोदी पर हमला जारी रखते हुए मनमोहन ने कहा कि उनके विदेश दौरों को बड़ी उपलब्धि के तौर पर दिखाया जा रहा है, लेकिन हर कोई जानता है कि इनसे अब तक हासिल कुछ नहीं हुआ है. लोकसभा चुनाव से पहले विदेशी बैंकों में भारतीयों की ओर से रखे गए काले धन वापस लाने के मोदी के वादे का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि दुर्भाग्यवश यह सरकार भारत के लोगों से किए गए वादे पूरे करने में बुरी तरह नाकाम रही है.

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मनमोहन ने कहा कि इन दो सालों में वह (मोदी) एक ही चीज हासिल कर पाए हैं कि उन्होंने करोड़ों लोगों के बैंक खाते खुलवा दिए. लेकिन लोग पूछ रहे हैं कि जब उनके पास बैंक में रखने के लिए कुछ है ही नहीं तो वे बैंक खातों का करेंगे क्या? पूर्व प्रधानमंत्री रैली के दौरान बोले कि अंग्रेजी में एक कहावत है कि करनी की आवाज कथनी से ज्यादा तेज होती है. बहरहाल, ऐसा लगता है कि मोदी सार्वजनिक जीवन की इस बुनियादी बात को भूल गए हैं. उन्होंने कहा कि अब गैर-जरूरी मुद्दों को अहम मुद्दों के तौर पर लाकर लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिशें जानबूझकर की जा रही हैं.

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