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मध्य प्रदेश में कांग्रेस के चुनाव प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर यह कहते हुए निशाना साधा है कि राज्य सरकार विकास के दावों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है और फर्जी विज्ञापनों पर पैसे उड़ा रही है.
इंडिया टुडे ग्रुप को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू के दौरान सिंधिया ने कहा, 'मध्य प्रदेश सरकार ने सारा पैसा विज्ञापनों पर खर्च कर दिया है. जमीनी स्तर पर यहां कोई विकास नहीं हुआ. सड़क और बिजली पर जो कुछ निवेश भी हुआ वह राज्य सरकार ने नहीं, बल्कि केंद्र ने किया है.'
उन्होंने कहा, 'मुख्य हाईवे से गुजरिए सड़कें खराब पड़ी हैं. मुख्यमंत्री 24 घंटे बिजली का दावा करते हैं, लेकिन मुझे कोई भी एक गांव दिखा दीजिए जहां 24 घंटे बिजली आती हो.'
सिंधिया का संबंध ग्वालियर के राज घराने से है और उन्हें चुनावी सभाओं में जनता का बेहतर रिस्पांस मिल रहा है. दूसरी तरफ शिवराज खुद को किसान का बेटा बताकर लोगों का दिल जीतने की कोशिश कर रहे हैं. शिवराज का दावा है कि कांग्रेस दीन परिवारों से आने वाले नेताओं पर विश्वास नहीं करती है इसलिए वो पूर्व राजाओं को प्रोजेक्ट करने में लगी रहती है.
हालांकि सिंधिया का कहना है, 'चुनाव में कोई राजा नहीं होता. मैं लोकतंत्र के मंदिर में जनता का जनादेश चाहता हूं.'
मध्य प्रदेश में क्षत्रपों के बीच अंदरूनी झगड़ों की वजह से पहले भी कांग्रेस के चुनावी अभियान को झटका लगा है. इस बार भी जब से कांग्रेस ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रोजेक्ट करना शुरू किया है तब से दिग्विजय सिंह नाराज हैं. हालांकि सिंधिया ने किसी भी कलह से इनकार करते हुए कहा, 'कांग्रेस नेताओं के बीच कोई झगड़ा नहीं है. हम आपस में जुड़े हुए हैं. वो बीजीपी है जिसका घर बंटा हुआ है.'
42 वर्षीय सिंधिया ने राहुल गांधी से हो रही तुलना का भी बचाव किया. उन्होंने कहा, 'मैं महत्वाकांक्षी नहीं हूं. राहुल गांधी हमारी पार्टी के अविवादित नेता हैं. मुझे चुनाव अभियान का प्रभारी बनाया गया है और मैं अपनी पूरी क्षमता से इस काम को अंजाम दे रहा हूं. इसके अलावा मुझे मुख्यमंत्री बनने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं.'