
राजस्थान की अलवर लोकसभा सीट पर पांचवें चरण के तहत सोमवार को मतदान संपन्न हो गया है. अलवर सीट पर 66.78 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. अलवर सीट पर इस बार कुल 11 उम्मीदवार मैदान में हैं. कांग्रेस ने इस सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह को टिकट दिया है. जबकि बीजेपी ने महंत बालकनाथ को टिकट दिया है. महंत बालकनाथ मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले हैं. इस सीट से बहुजन समाज पार्टी, अंबडेकराइट पार्टी ऑफ इंडिया के भी उम्मीदवार चुनाव लड़े.
2014 में बीजेपी इस सीट पर बीजेपी जीती थी, लेकिन 2018 की शुरुआत में हुए उपचुनाव में बीजेपी ने अलवर और अजमेर सीट कांग्रेस के हाथों गंवा दी. इसके बाद ये सीट बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गई है. कांग्रेस किसी भी हालत में इस को अपने पास बरकरार रखना चाहती है तो वहीं बीजेपी एक बार फिर से इस सीट को अपने खाते में डाला चाहती है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
अलवर संसदीय सीट पर आजादी के बाद से अब तक हुए कुल 16 आम चुनावों में 10 बार कांग्रेस, 3 बार बीजेपी, 1 बार जनपा दल, 1 बार भारतीय लोकदल और 1 बार निदर्लीय का कब्जा रहा. साल 2014 के चुनाव में बीजेपी के चांदनाथ यहां सांसद बने.
अलवर लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद चांद नाथ के निधन के बाद 2018 की शुरुआत में उपचुनाव हुए थे. इस चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दलों की तरफ से यादव उम्मीदवार मैदान में उतरे थे. कांग्रेस की तरफ से पूर्व सांसद डॉ करन सिंह यादव ने बीजेपी के पूर्व सांसद डॉ जसवंत सिंह यादव को 1,96,496 मतों के भारी अंतर से पराजित किया. कांग्रेस के करन सिंह यादव को 6,42,416 और बीजेपी के जसवंत सिंह यादव को 4,45,920 वोट मिले थे.
2014 का जनादेश
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के दौरान बीजेपी उम्मीदवार चांदनाथ ने कांग्रेस सांसद और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह को 2,83,895 मतों के भारी अंतर से पराजित किया. बीजेपी से चांदनाथ को 6,42,278 और कांग्रेस से जितेंद्र सिंह को 3,58,383 वोट मिले थे.
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