
आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों ने डोर-टू-डोर कैंपेन के साथ साथ चुनावी प्रचार का काम भी तेज कर दिया है. जनता के बीच छाप छोड़ने के लिए 'आप' उम्मीदवार अनोखे तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. रोहिणी-H के वार्ड-59 से 'आप' उम्मीदवार मनीष गोयल रोज सुबह गलियों में निकलते हैं. चुनावी गीत के साथ गिटार बजाते हुए युवा वोटर्स को लुभाने की कोशिश करते हैं.
अन्ना आंदोलन के बाद से ही पार्टी से जुड़े हैं
गौरतलब है कि मनीष गोयल अन्ना आंदोलन के बाद से ही पार्टी से जुड़े हुए हैं. वे अभी हाल में संपन्न हुए पंजाब विधानसभा में पार्टी की ओर से प्रचार-प्रसार का जिम्मा संभाल रहे थे. वे वहां भी गिटार की धुनों पर आम आदमी पार्टी के लिए वोट मांग रहे थे. फिलहाल वे खुद एमसीडी चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में वे इस अनोखे तरीके को जोर-शोर से अपना रहे हैं. उन्होंने चुनावी गीत लिखा है जिसके जरिए वे दिल्ली नगर निगम के भ्रष्ट नेताओं की पोल खोलते हुए अरविंद केजरीवाल को वोट करने की अपील कर रहे हैं. संगीतमय प्रचार के दौरान 'आप' समर्थक वार्ड के लोगों के बीच में पर्चे बांटकर दिल्ली सरकार की उपलब्धियां भी गिनवा रहे हैं.
बीजेपी नेताओं पर लगाते हैं गैरजिम्मेदारी का आरोप
मनीष से बातचीत पर वे कहते हैं कि उनका वार्ड रोहिणी विधानसभा के अंतर्गत आता है. यहां से नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता नेता हैं. इसके बावजूद एमसीडी शासित भाजपा के नेताओं ने अपने वरिष्ठ नेता के विधानसभा क्षेत्र का भी ध्यान नहीं रखा. गंदगी से जनता परेशान है. मनीष ने दावा किया कि निगम में 'आप' की सत्ता आने पर इलाके की साफ-सफाई का खास ध्यान रखा जाएगा. यहां यह बताना जरूरी हो जाता है कि 2015 के विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की जबरदस्त लहर के बावजूद रोहिणी से बीजेपी ने जीत हासिल की थी. ऐसे में मनीष गोयल का इस इलाके से चुनाव जीतना एक बड़ी चुनौती भी है.
दोस्त चटाई लेकर चलते हैं साथ
गौरतलब है कि मनीष के दोस्त कैंपेन में चटाई लेकर चलते हैं. थकान महसूस होने पर इलाके के किसी पार्क में चटाई बिछाकर आराम करने लगते हैं. इस दौरान कैंपेन कर रहे 'आप' समर्थकों के बीच नाश्ता और जूस बांटा जाता है. मनीष ने बताया कि दोस्तों और इलाके के लोगों के साथ बातचीत में वोटरों के रुझान की जानकारी मिलती है. साथ ही सर्वे फॉर्म पर चर्चा होती है. इस चटाई पर चर्चा के बाद उनके समर्थक फिर इलाके में प्रचार के लिए निकल जाते हैं.