
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने पहले कानूनों की अवहेलना कर बिना अधिकार होते हुए मंत्री स्तर के सरकारी बंगले के फर्नीचर और 14 एसी के साथ अपनी पार्टी को कार्यालय के लिए आबंटित कर दिया. अब जब शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर दिल्ली के उपराज्यपाल ने आबंटन को रद्द किया है, तो केजरीवाल मनगढ़ंत बयानबाजी कर खुद को दया के पात्र के रूप में दर्शाने का प्रयास कर रहे हैं.
गुप्ता ने आरोप लगाया कि केजरीवाल अच्छे से जानते हैं कि दिल्ली में लैंड यू़ज मामले में फैसले लेना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है. फिर भी 5 अक्टूबर, 2015 को उन्होंने बिना कानून, भूमि एवं भवन, वित्त विभागों की मंजूरी लिए बिना अपने सचिव से रिहायशी सरकारी बंगले को राजनीतिक दल को आबंटित करने का प्रस्ताव बनाने का निर्देश दिया. सचिव के बनाए प्रस्ताव पर पी.डब्ल्यू.डी. ने आपत्ति जताई लेकिन सभी आपत्तियों को नजर अंदाज कर अरविंद केजरीवाल ने मंत्री स्तरीय सरकारी बंगले 206, राउज एवेन्यू को अपने राजनीतिक दल को आबंटित कर दिया.
गुप्ता ने आरोप लगाया कि न सिर्फ आबंटन गैर कानूनी तरीके से किया गया बल्कि पी.डब्ल्यू.डी. विभाग को वहां से सरकारी फर्नीचर और 14 ए.सी. को भी नहीं हटाने दिया. ये 1977 में बनाए गए सरकारी संपत्ति आबंटन नियमों की भी अवहेलना है.
13 हजार की थाली में क्या-क्या खाया- विजेंद्र गुप्ता
बंगले के अलावा खाने में 13 हजार रुपए की थाली पर भी विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने इसके लिए तय नियमों का पालन नहीं किया. ना तो पहले कोटेशन मंगवाए गए और ना ही उसके लिए टेंडर जारी किए गए. गुप्ता ने बताया कि दिल्ली में उपराज्यपाल और विधानसभा स्पीकर भी अगर गैर फाइव स्टार से खाना किसी कार्यक्रम के लिए मंगवाएंगे तो उसके लिए अधिकतम सीमा 1250 रुपए की है.
वहीं फाइव स्टार से खाना मंगवाने पर अधिकतम 2500 रुपए की सीमा है. फिर बिना किसी से पूछे 13 हजार की थाली क्यों मंगवाई गई. गुप्ता ने कहा कि यदि इसमें कोई अफसर भी शामिल है तो उप पर अभी तक दिल्ली सरकार ने क्यों कोई कार्रवाई नहीं की.