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छत्तीसगढ़ में CM का VVIP शपथ ग्रहण, होटलों में लगा 'नो रूम' का बोर्ड

भूपेश के शपथ ग्रहण समारोह में सोनिया, राहुल और पूर्व पीएम समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री और मंत्री शाम‍िल होंगे. होटल, धर्मशाला और गेस्ट हॉउस खचाखच भरे हैं. 'नो रूम' का बोर्ड हर जगह लगा हुआ.

छत्तीसगढ़ में सीएम पद के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी (Photo:aajtak) छत्तीसगढ़ में सीएम पद के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी (Photo:aajtak)
सुनील नामदेव
  • रायपुर,
  • 17 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 12:30 AM IST

छत्तीसगढ़ में नए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ताजपोशी की तैयारी जोरशोर से चल रही है. भूपेश बघेल सोमवार को साइंस कॉलेज मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी शामिल होंगे. इसके अलावा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भी आएंगे. वहीं, कई राज्यों के कांग्रेस के बड़े नेता साइंस कॉलेज मैदान पहुंचेंगे. वीवीआईपी मूवमेंट को देखते हुए सुरक्षा की तगड़ी व्यवस्था कर ली गई है.

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रायपुर में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में तीन बड़े मंच तैयार हो रहे हैं. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मुख्यमंत्रियों के लिए विशेष मंच बनाया गया है. 68 विधायकों और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के लिए अलग अलग मंच बनाया गया है. शपथ ग्रहण समारोह के ल‍िए साइंस कॉलेज मैदान में सुरक्षा का तगड़ा बंदोबस्त किया गया है. यहां वीआईपी और वीवीआईपी के लिए मल्टी लेयर सिक्योरिटी सिस्टम तैनात किया गया है.

रायपुर रेंज के आईजी दीपांशु काबरा के मुताबिक राज्य भर से कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के जुटने के चलते यातायात व्यवस्था को ठीक बनाए रखने के लिए तगड़ा बदोबस्त किया गया है. उन्होंने बताया कि शहर के भीतर के सभी मार्गों में प्रवेश पर भारी वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. ऐसे वाहनों को आउटर से गुजारा जायेगा.

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कई होटलों में तो 'नो रूम' का बोर्ड

दीपांशु काबरा ने आगे बताया कि समारोह स्थल के चारों ओर पार्किंग की व्यवस्था की गई है , ताकि यातायात और परिवहन से किसी को दिक्कत न हो. उधर शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए रविवार दोपहर से ही बड़ी तादाद में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का रायपुर में जुटना शुरू हो गया है. शहर के तमाम छोटे बड़े होटल , धर्मशाला और गेस्ट हॉउस पूरी तरह से भर चुके हैं. कई होटलों में तो 'नो रूम' का बोर्ड तक लगा दिया गया है. ऐसी स्थिति में कई कार्यकर्ता अपने नाते रिश्तेदारों के यहां भी रुक रहे हैं.

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