
उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता अतीक अहमद राज्य के शक्तिशाली यादव कुनबे में जारी जंग की नई वजह बनते दिख रहे हैं. पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव इस ठकराव को खत्म करने की भरसक कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह सब बेकार ही जा रहा है और मुख्यमंत्री अखिलेश व उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच हर दिन ही रस्साकशी देखने को मिल रही है.
अखिलेश की चुनावी लिस्ट ने मचाई हलचल
इस बार अखिलेश यादव की 'चुनावी लिस्ट' ने समाजवादी पार्टी में हलचल मचा रखी है. इस लिस्ट को लेकर खबर फैली कि सीएम अखिलेश ने अतीक अहमद सहित शिवपाल यादव के कुछ करीबी लोगों के टिकट काट दिए हैं. सूत्रों के मुताबिक, अखिलेश यादव ने पार्टी उम्मीदवारों के जीतने की संभावना पता लगाने के लिए एक निजी एजेंसी को सर्वे का काम दिया था. इस सर्वे से मिले फीडैबक के आधार पर मुख्यमंत्री ने कुछ मौजूदा मंत्रियों और विधायकों सहित कई लोगों का नाम उम्मीदवारों की लिस्ट से हटा दिया.
नाम कटने की खबर से हरकत में अतीक
अखिलेश यादव की लिस्ट में अपने नाम कटने की खबर मिलते ही, अतीक अहमद तुरंत लखनऊ के लिए रवाना हुए और यहां सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव के साथ लंबी मुलाकात की. शिवपाल के बेहद करीबी माने जाने वाले अतीक को पहले ही कानपुर देहात से टिकट का वादा किया गया था, लेकिन अखिलेश की लिस्ट में अतीक का नाम कटने की खबर ने राजनीतिक सरगर्मियां तेज कर दी है.
इलाहाबाद के बाहुबली अतीक अहमद ने इस बाबत मंगलवार को शिवपाल यादव की मौजूदगी में मुलायम सिंह से भी मुलाकात की. इस लंबी चली मुलाकात ने अखिलेश कैंप पर कुछ चिंता की लकीरें जरूर डाल दी हैं, क्योंकि ऐसी अटकलें ही इस मामले में मुलायम सिंह अपने भाई शिवपाल के साथ हैं.
अतीक ने खेला निर्दलीय कार्ड
मुलायम सिंह से मुलाकात के बाद जब मीडिया ने अतीक से इस बाबत सवाल पूछे तो इस बाहुबली ने कहा, 'नेताजी ने मुझसे चुनाव की तैयारी करने को कहा है.' जब उनसे दोबारा पूछा गया कि क्या आपको टिकट का भरोसा दिया गया हैस, तो उन्होंने कहा, 'टिकट तो छोटा मुद्दा है. आप जानते हैं कि मैं कई बार निर्दलीय जीतता रहा हूं.'
निर्दलीय चुनाव जीतने को लेकर अतीक का यह बयान भले ही दबाव बनाने के लिए कहा गया हो, लेकिन शिवपाल की मौजूदगी में सपा सुप्रीमो के साथ उनकी मुलाकात चाचा-भतीजे के बीच जंग की नई बिसात बिछाता जरूर दिख रहा है. पिछले दो-तीन दिनों की ही बात लें तो अखिलेश द्वारा हटाए गए बिसवां के विधायक रामपाल यादव को वापस लाकर शिवपाल यादव ने उन्हें चुनौती भी दी है.