तमिलनाडु में कई राजनीतिक पार्टियां है. दो का नाम तो लोग सबसे ज्यादा जानते हैं. AIADMK और DMK. लेकिन इसके बावजूद तमिलनाडु की राजनीति में कई छोटी-छोटी पार्टियां भी महत्वपूर्ण किरदार निभाती हैं. ऐसी ही एक पार्टी है नाम तमिलर काची (Naam Tamilar Katchi - NTK). ये पार्टी छोटी है लेकिन ये लाखों वोट्स को इधर से उधर कर सकती है. इस पार्टी के प्रमुख पूर्व फिल्म निर्देशक हैं. इनका नाम है सेंथामिझन सीमान (Senthamizhan Seeman). इन्हें तमिलनाडु का ठाकरे कहा जाता है. क्योंकि इनकी जड़ें द्रविडियन आंदोलन से भी जुड़ी हुई हैं. (फोटोःइंस्टाग्राम/सेंथामिझन सीमन)
नाम तमिलर काची (Naam Tamilar Katchi - NTK) ने इस बार तमिलनाडु चुनाव में 234 सीट पर अपने कैंडिडेट उतारे हैं. इनमें से आधी महिलाएं हैं. 2019 लोक सभा चुनाव में सेंथामिझन सीमान (Senthamizhan Seeman) यानी तमिलनाडु के ठाकरे ने किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं किया. इसके बावजूद पार्टी ने 4 फीसदी वोट हासिल किया. ये वामदलों और दलित पार्टियों के सामूहिक वोट प्रतिशत से ज्यादा था. (फोटोःइंस्टाग्राम/सेंथामिझन सीमन)
सेंथामिझन सीमान (Senthamizhan Seeman) ने साल 2009 में अपनी पार्टी बनाई. पार्टी श्रीलंका में LTTE पर हुआ अंतिम हमले के समय बनाई गई थी. सीमन के भाषणों में तमिल संस्कृति और पहचान की बातें जरूर होती हैं. वो हर बार इस बात पर जोर डालते हैं कि तमिल लोगों को वापस अपनी जड़ों को पहचानना होगा. उन्हें पुरानी तमिल संस्कृति और परंपराओं को मानना चाहिए और उसे फैलाना चाहिए. वहीं विरोधी दलों के लोग सीमन पर आरोप लगाते हैं कि वो तमिलों के बीच फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं. (फोटोःइंस्टाग्राम/सेंथामिझन सीमन)
एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए सेंथामिझन सीमान (Senthamizhan Seeman) ने कहा कि वो इस समय 50 साल के हैं. उन्होंने इस बार 234 कैंडिडेट्स खड़े किए हैं. सीमन ने बताया कि मेरा हर कैंडिडेट सिर्फ 2 से 3 लाख रुपए ही चुनाव प्रचार में खर्च कर रहा है. क्योंकि हमने पैसे क्राउड फंडिंग से अरेंज किए हैं. हमें 15 लाख रुपए इसी के जरिए मिले हैं. (फोटोःइंस्टाग्राम/सेंथामिझन सीमन)
सेंथामिझन सीमान (Senthamizhan Seeman) ने कहा कि मैंने उन लोगों को अपना कैंडिडेट बनाया है जिन लोगों को आम राजनीति से बाहर कर दिया गया था. मेरे सभी कैंडिडेट्स में 50 फीसदी कैंडिडेट्स महिलाएं हैं. इसके अलावा 13 मुस्लिम, 55 दलित (इनमें 13 नॉन-रिजर्व सीट) पर खड़े हैं. सेंथामिझन सीमान की लिस्ट में सिर्फ एक ब्राह्मण कैंडिडेट को टिकट मिला है. (फोटोःइंस्टाग्राम/सेंथामिझन सीमन)
सेंथामिझन सीमान (Senthamizhan Seeman) की विचारधारा में समय के साथ काफी बदलाव आया है. पहले वो नास्तिक हुआ करते थे. बाद में वो पेरियार की विचारधारा को मानने लगे. अब वो तमिल राष्ट्रीयता की बात करते हैं. उनकी पार्टी के पोस्टर्स पर उनके माथे में विभूति लगाए हुए देखा जा सकता है. उनके द्वारा की गई मंदिरों की यात्रा काफी चर्चा में रहती है. (फोटोःइंस्टाग्राम/सेंथामिझन सीमन)
सेंथामिझन सीमान (Senthamizhan Seeman) की तरफ से तमिल आइडेंटिटी की लड़ाई को इस तरह के आंदोलन का रूप देने की वजह से उन्हें तमिलनाडु का बाल ठाकरे कहा जाता है. इस बात पर हंसते हुए सीमान कहते हैं कि इसमें बुरा क्या है. तब तो बाल ठाकरे को मराठा सीमान भी कहा जा सकता है. सीमान कहते हैं कि तमिल संस्कृति और पहचान को लेकर देश में बातचीत काफी देर से शुरू हुई. (फोटोःइंस्टाग्राम/सेंथामिझन सीमन)
सेंथामिझन सीमान (Senthamizhan Seeman) कहते हैं कि भारत कभी एक देश नहीं था, जब तक ब्रिटिश नहीं आए. उन्होंने इसे एक नाम दिया. इसे आपस में जोड़ा. लेकिन हम (तमिल) तो पहले से थी, तेलुगु लोग थे. मलयाली लोग थे. मैं हमेशा अपनी संस्कृति और परंपराओं की बात करता है. मैं दूसरों को उल्टा-सीधा नहीं बोलता. मैं किसी को नीचा नहीं दिखाता. (फोटोःइंस्टाग्राम/सेंथामिझन सीमन)
सेंथामिझन सीमान (Senthamizhan Seeman) कहते हैं कि तमिल हिंदू नहीं है. बल्कि एक विभिन्नताओं से भरा समुदाय है. तमिलों को हिंदुओं के साथ जोड़ने का काम ब्रिटिश ने किया. मैं हमेशा से पेरियार की विचारधारा को मानने की कोशिश करता रहा. अब मैं उसी रास्ते पर चलने की कोशिश कर रहा हूं जिसे पेरियार ने दिखाया था. जहां तक बात रहीं तमिल लोगों की तो मैं उनका नेतृत्व करता हूं. मुझे उनकी बात माननी पड़ेगी. उनके कहने पर मंदिर जाना होगा. मेरा मानना भगवान में नहीं है लेकिन भगवान जैसा काम करने वाले इंसान में है. (फोटोःइंस्टाग्राम/सेंथामिझन सीमन)
सेंथामिझन सीमान (Senthamizhan Seeman) ने कहा कि मैं DMK, AIADMK या किसी अन्य पार्टी के साथ चुनाव नहीं लडूंगा. यही नहीं दिनाकरण या कमल हासन की पार्टी के साथ भी नहीं जाउंगा. अगर मैं इन ताकतवर लोगों की पार्टियों से हाथ मिलाऊंगा तो लोग मुझे गरीब, छोटा और कमजोर समझेंगे. मेरा मकसद कमल या दिनाकरण को सीएम बनाना भी नहीं है. मैं तो सिर्फ तमिल लोगों और इस राज्य की भलाई चाहता हूं. (फोटोःइंस्टाग्राम/सेंथामिझन सीमन)