
तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), सत्ताधारी ऑल इंडिया द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के साथ गठबंधन कर चुनाव मैदान में उतरेगी. बीजेपी और एआईएडीएमके के बीच गठबंधन को लेकर सहमति बन गई है. सीट बंटवारे को लेकर भी दोनों दलों में सहमति बन गई है. बीजेपी, तमिलनाडु की 20 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
एआईएडीएमके और बीजेपी में गठबंधन को लेकर हुए समझौते पर दोनों ही दलों की ओर से दो-दो नेताओं ने हस्ताक्षर किए हैं. बीजेपी की ओर से प्रदेश अध्यक्ष एल मुरुगन और प्रदेश प्रभारी सीटी रवि ने हस्ताक्षर किए हैं. दोनों दलों के बीच हुए समझौते के मुताबिक कन्याकुमारी लोकसभा सीट भी गठबंधन के तहत एआईएडीएमके ने बीजेपी के लिए छोड़ दिया है.
कन्याकुमारी लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ओर से बीजेपी उम्मीदवार उतारेगी. गौरतलब है कि कन्याकुमारी की सीट सांसद एच वसंतकुमार के निधन से रिक्त हुई थी. कन्याकुमारी के सांसद एच वसंतकुमार का कोरोना वायरस के कारण निधन हो गया था. वे कांग्रेस पार्टी के टिकट पर सांसद निर्वाचित हुए थे.
कन्याकुमारी लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव में दिवंगत सांसद वसंतकुमार के बेटे विजय वसंत ने चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर दी है. कार्ति चिदंबरम ने पहले से ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को पत्र लिखकर उनसे कन्याकुमारी लोकसभा सीट से उपचुनाव लड़ने का आग्रह किया है.
कन्याकुमारी लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर उतरे उम्मीदवार अब तक सिर्फ दो दफे ही जीतकर लोकसभा पहुंच सके हैं. साल 1996 और 2014 में बीजेपी के उम्मीदवार चुनावी बाजी जीतकर लोकतंत्र के मंदिर में पहुंचे थे. बता दें कि तमिलनाडु की 234 विधानसभा सीटों के लिए 6 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे. चुनावों के नतीजे 2 मई को घोषित किए जाएंगे.