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India Today Conclave South 2021: डीएमके की बागडोर संभालने को तैयार हैं स्टालिन? कनिमोझी ने दिया ये जवाब

क्या पिता करुणानिधि के बाद स्टालिन डीएमके की बागडोर संभालने को तैयार हैं? इस पर कनिमोझी ने कहा कि मेरा मानना है कि एमके स्टालिन के पास काफी अनुभव है. वह चेन्नई के मेयर रहे. उन्होंने डिप्टी चीफ मिनिस्टर का कार्यभार संभाला. वह लोकसभा चुनाव लड़े और सांसद बने. मेरा मानना है कि उन्होंने मेयर और डिप्टी चीफ मिनिस्टर रहते हुए यह साबित किया है कि वह एक अच्छे प्रशासक हैं. लोग उन पर भरोसा करते हैं.

डीएमके की सांसद कनिमोझी (Photo Credit: Yasir Iqbal) डीएमके की सांसद कनिमोझी (Photo Credit: Yasir Iqbal)
aajtak.in
  • चेन्नई,
  • 12 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 12:41 PM IST
  • सत्ताधारी पार्टी अन्नाद्रमुक पर निशाना साधा
  • एमके स्टालिन के नेतृत्व पर लोगों को भरोसा-कनिमोझी
  • '10 साल में तमिलनाडु में कोई कंपनी नहीं लगी'

डीएमके की सांसद कनिमोझी ने पार्टी प्रमुख एम के स्टालिन के नेतृत्व पर भरोसा जताया है. उन्होंने कहा कि एमके स्टालिन के पास काफी अनुभव है, लोगों को उनके नेतृत्व पर भरोसा है. तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के बीच चेन्नई में आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ-2021 के मंच पर पहुंचीं कनिमोझी ने शुक्रवार को यह बात कही.

जब उनसे पूछा गया कि क्या पिता करुणानिधि के बाद स्टालिन पूरी तरह से डीएमके की बागडोर संभालने को तैयार हैं? इस पर कनिमोझी ने कहा, 'मेरा मानना है कि उनके (एमके स्टालिन) पास काफी अनुभव है. वह चेन्नई के मेयर रहे. उन्होंने डिप्टी चीफ मिनिस्टर का कार्यभार भी संभाला. वह लोकसभा चुनाव लड़े और सांसद बने. मेरा मानना है कि उन्होंने मेयर और डिप्टी चीफ मिनिस्टर रहते हुए यह साबित किया है कि वह एक अच्छे प्रशासक हैं. लोग उन पर भरोसा करते हैं.'

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अन्नाद्रमुक को बताया नाकाम

डीएमके की सांसद कनिमोझी ने राज्य में सत्ताधारी पार्टी अन्नाद्रमुक पर निशाना साधा. कनिमोझी ने कहा कि अन्नाद्रमुक सरकार राज्य के विकास करने में नाकाम रही है. तमिलनाडु कंपनियों के लिए पहली पसंद नहीं रहा है, लेकिन इस सरकार के कार्यकाल में कोई कंपनी राज्य में नहीं आई है.

फेमिनिन फोर्सः विमेन इन तमिलनाडु एंड पॉलिटिक्स पर विषय पर बात करते हुए कनिमोझी ने बताया कि वह चुनाव के दौरान पूरे राज्य का दौरा कर रही हैं लेकिन कोई अन्नाद्रमुक सरकार से खुश नहीं है. राज्य में बेरोजगारी बहुत है. कनिमोझी ने कहा कि पिछले 10 साल में तमिलनाडु में कोई कारखाना नहीं लगा है. कोई निवेश नहीं आया है.  तमिलनाडु कंपनियों की पहली च्वॉइस रही है. लेकिन पिछले 10 साल में ऐसा कुछ होता नहीं दिखा, बुनियादी ढांचा, शिक्षा, रोजगार के मुद्दे पर अन्नाद्रमुक नाकाम रही है. 

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कनिमोझी ने कहा कि तमिलनाडु में इस सरकार में समावेशी विकास का अभाव दिखा है. यह हमारी (डीएमके) बुनियादी अवधारणा रही है. सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के आइडिया के साथ डीएमके आगे बढ़ेगी. महिलाओं की राजनीति में भूमिका के सवाल पर कनिमोझी ने कहा कि भारत में बच्ची की शादी पहली प्राथमिकता होती है. लेकिन डीएमके ने पहली बार तमिलनाडु में अपनी सरकार के दौरान यह सुनिश्चित किया था कि लड़की की शिक्षा पहले पूरी की जाएगी.

टूजी मामले में क्या बोलीं?

2जी और टेलीकॉम घोटाले के सवाल पर कनिमोझी ने कहा कि आप इसलिए भ्रष्टाचार पर बात कर रहे हैं क्योंकि इस पर आपका परसेप्शन बना हुआ है, लेकिन कोर्ट में यह साबित नहीं हुआ. हमने चुनौतियां का सामना किया. रोज जूझते रहे हैं. फेयर ट्रायल हुआ और हमारे खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप साबित नहीं हुआ. 

कनिमोझी ने टूजी मामले के समय के माहौल का याद करते हुए कहा कि इससे हमें सीखऩे को मिला. ट्रायल ने हमें यह सीख दी कि लाइफ सिर्फ ब्लैक एंड व्हाइट नहीं होती है. मैंने ट्रायल का इंतजार करने का फैसला किया था. चार्जशीट में दावा किया गया कि मैंने दस्तावेजों पर साइन किया लेकिन सच्चाई ये थी कि मैं वहां थी नहीं. बाद में कई पत्रकारों ने अफसोस जताया कि आप कंपनी की डायरेक्टर नहीं थीं और इतना कुछ कैम्पेन चला.

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वंशवाद थोप नहीं सकते, लोग चुनते हैं

वंशवाद के सवाल पर कनिमोझी ने कहा कि आप लोगों पर इसे थोप नहीं सकते हैं, लोग चुनते हैं. अपने परिवार के राजनीति में आने के सवाल पर कनिमोझी ने कहा कि उनके पति और बेटा सभी सिंगापुर के नागरिक हैं. ऐसे में नहीं लगता है कि हम भविष्य में राजनीति में आ रहे हैं.

एमके स्टालिन के सवाल पर कनिमोझी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि वह रातोंरात लीडर बन गए हैं. वह सबसे ज्यादा काम करते हैं. हम लोगों के समर्थन के बिना कुछ नहीं बन सकते हैं. वंशवाद पर बात करते हुए कनिमोझी ने कहा कि हम काम करते हैं. इसके बाद लोग फैसला करते हैं कि किसे चुनना है और किसे बाहर करना है. आप किसी पर वंशवाद थोप नहीं सकते हैं. लोगों को तय करना होता है कि वे आपको चुनते हैं या नहीं.

राजनीति में एक महिला के लिए क्या चुनौतियां हैं?, द्रमुक नेता ने कहा कि पहले राजनीतिक पृष्ठभूमि होने से सहूलियत मिली, लेकिन यह इतना आसान नहीं है. लेकिन जो महिलाएं गैर राजनीतिक पृष्ठभूमि से आती हैं उन्हें 10 गुना ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. मैं पार्टी की महिला विंग के साथ काम करती हूं और कोशिश रहती है कि और लोग राजनीति में आएं.

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कनिमोझी ने विपक्ष को एकजुट होने की जरूरत पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि राष्ट्र और लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए सबको साथ आने की जरूरत है. डीएमके की जीत का दावा करते हुए कनिमोझी ने कहा कि मैं पार्टी के लिए कैम्पेन कर रही हूं. कांग्रेस के साथ सीट शेयरिंग पर उन्होंने कहा कि आप यह नहीं कह सकते कि गठबंधन में किसी को पीछे धकेला गया है. 

 

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