
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मृत्यु के 4 साल बाद भी आम जनता के बीच उनका समर्थन कम नहीं हुआ है. जयललिता की लोकप्रियता का फायदा उठाने के लिए राजनेता, उनसे अपनी भावनात्मक निकटता दिखाने के लिए हर समय प्रयास करते हैं. अब तमिलनाडु के मदुरै से खबर आ रही है कि तमिलनाडु के राजस्व मंत्री आरबी उदयकुमार ने दिवंगत जयललिता और AIADMK के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री MG रामचंद्रन का मंदिर बनवाया है. जिसकी कीमत 50 लाख रुपए बताई जा रही है.
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इस मंदिर में जयललिता और एमजी रामचंद्रन की 7 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है. जिसके आसपास शेरों की प्रतिमाएं हैं जो संभवतः दोनों की शक्ति प्रतिबिम्बित करने के लिए स्थापित की गई है. इस मंदिर के अनावरण के लिए तीन दिन की महा पूजा की जा रही है.
हाल ही में 27 जनवरी को तमिलनाडु के वर्तमान मुख्यमंत्री मरीना बीच पर जयललिता के स्मारक का उद्घाटन करके आए थे. इसके बाद वे 28 जनवरी के दिन उनके गार्डन हाउस यानी 'मेमोरियल हाउस' का भी उद्घाटन करके आए थे. अब वे 30 जनवरी के दिन यानी शनिवार को उपमुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम के साथ जयललिता के इस मंदिर का अनावरण करने जा रहे हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उद्घाटन पर उद्घाटन करने की ये प्रक्रिया कुछ और नहीं, बल्कि जयललिता के सच्चे वारिस के रूप में खुद को पेश करने की CM पलानीस्वामी की कोशिशें हैं. क्योंकि उनकी प्रतिद्वंदी शशिकला जेल से छूट चुकी हैं और फिलहाल इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हैं. जल्द ही शशिकाल के बाहर आने की उम्मीद है. इसलिए पलानीस्वामी पार्टी कैडर में एक मजबूत दावा प्रस्तुत कर रहे हैं कि वे ही जयललिता के असली वारिस हैं, शशिकला नहीं.
सबसे मजेदार बात ये है कि जिन राजस्व मंत्री उदयकुमार ने मंदिर बनवाया है और जो इस वक्त सीएम पलानीस्वामी के साथ खड़े हैं, वे वही हैं जिन्होंने साल 2016 के अंत में मरने वाली जयललिता के बाद शशिकला को मुख्यमंत्री बनाने के लिए प्रस्ताव दिया था, उनका समर्थन किया था.