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तमिलनाडु का ‘थाला’ कौन? पलानीस्वामी, कमल हासन और स्टालिन समेत इन चेहरों पर नज़र

तमिलनाडु की राजनीति में हमेशा चेहरा काफी मायने रखता है, क्योंकि वहां नेता हो या अभिनेता हर किसी की फैन फॉलोइंग काफी मायने रखती है. ऐसे में इस बार तमिलनाडु में किन चेहरों पर बाज़ी लगी है और कौन सबसे बड़ा सुपरस्टार साबित होगा.

तमिलनाडु का किंग कौन? (फोटो: कमल हासन, एमके स्टालिन, ई. पलानीस्वामी: PTI) तमिलनाडु का किंग कौन? (फोटो: कमल हासन, एमके स्टालिन, ई. पलानीस्वामी: PTI)
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 04 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 1:07 PM IST
  • तमिलनाडु में 6 अप्रैल को डाले जाएंगे वोट
  • ई. पलानीस्वामी, ओ. पन्नीरसेल्वम की जोड़ी पर नजर
  • एम.के. स्टालिन, कमल हासन दे रहे हैं चुनौती

दक्षिण के सबसे बड़े राज्यों में से एक तमिलनाडु में इसी हफ्ते मतदान होना है. 6 अप्रैल को सभी 234 सीटों पर वोट डाले जाएंगे, जहां से तय होगा कि अगले पांच साल तमिलनाडु पर कौन राज़ करेगा. तमिलनाडु की राजनीति में हमेशा चेहरा काफी मायने रखता है, क्योंकि वहां नेता हो या अभिनेता हर किसी की फैन फॉलोइंग काफी मायने रखती है. ऐसे में इस बार तमिलनाडु में किन चेहरों पर बाज़ी लगी है और कौन सबसे बड़ा सुपरस्टार साबित होगा, एक नज़र डालिए...

1.    ई. पलानीस्वामी
मुख्यमंत्री होने के नाते हर किसी की नज़र ई. पलानीस्वामी पर ज़रूर टिकी है. जयललिता के निधन के बाद पार्टी में जो रार छिड़ी उससे निकलकर सत्ता का कार्यकाल पूरा करना ही पलानीस्वामी के लिए सबसे बड़ी चुनौती रही. भले ही पॉपुलैरिटी के मामले में उनका रुतबा जयललिता नहीं है, लेकिन पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा वही हैं. ऐसे में उनपर अपनी सीट जीतने के साथ-साथ पार्टी को सम्मानजनक आंकड़ा पहुंचाने की ज़िम्मेदारी है. 

2.    ओ. पन्नीरसेल्वम
जब जयललिता का निधन हुआ, तब ओ. पन्नीरसेल्वम को ही उनका उत्तराधिकारी माना जा रहा था. शुरुआती वक्त में ऐसे हालात भी बन गए थे, लेकिन पार्टी में जब बवाल शुरू हुआ तो उन्हें पीछे हटना पड़ा. वह पार्टी में बड़े पद पर रहे, सरकार में डिप्टी बन गए. हालांकि, अभी भी पार्टी कार्यकर्ताओं पर उनकी पकड़ बरकरार है. ऐसे में सत्ताधारी दल में ओ. पन्नीरसेल्वम का रुतबा और उनका परफॉर्मेंस मायने रखता है. 

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ई. पलानीस्वामी के रोड शो का नज़ारा (फोटो: PTI)


3.    एम.के. स्टालिन
डीएमके प्रमुख और इस चुनाव के सबसे बड़े चैलेंजर एम.के. स्टालिन के लिए ये चुनाव खास है. वह पहली बार अपने पिता एम. करुणानिधि की गैर-मौजूदगी में चुनाव लड़ रहे हैं. लोकसभा चुनाव में पार्टी को अप्रत्याशित जीत मिली थी, ऐसे में अब उम्मीद है कि विधानसभा चुनाव में भी वैसा ही होगा. चुनाव से पहले आए सर्वे भी एम.के. स्टालिन को अगला सीएम बता चुके हैं. ऐसे में इस जीत के भरोसे सत्ता में वापसी, पार्टी की मजबूती और भविष्य जैसे कई लक्ष्य एम.के. स्टालिन के सामने हैं. 

4.    कमल हासन
अभिनेता से नेता बने कमल हासन लोकसभा चुनाव के पहले से ही राजनीति में एक्टिव हैं. अब उन्होंने राजनीति में किसी भी पद के लिए तैयार रहने की भी बात कह दी है, ऐसे में उनपर निगाहें है. तमिलनाडु का इतिहास है कि कोई बड़ा सुपरस्टार अक्सर वहां सत्ता का भी किंग साबित होता है. कमल हासन चुनाव लड़ रहे हैं, भले ही अभी उनकी पार्टी अपने दम पर बहुमत लाने का दम ना रखती हो लेकिन अगर राजनीतिक लड़ाई लंबी छिड़ती है तो कमल हासन बड़ा फैक्टर साबित होंगे. 

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रोड शो के दौरान कमल हासन (फोटो: PTI)


5.    टीटीवी दिनाकरण 
जयललिता के निधन के बाद जब AIADMK में कई धड़े बनने शुरू हुए तो सबसे बड़ा नाम और चेहरा शशिकला का था. शशिकला को जेल हुई, तो उनके भतीजे टीटीवी दिनाकरण ने कमान संभाली. जब पार्टी में उनकी ना चली, तो वो अलग राह चल दिए. अब दिनाकरण भी चुनाव में किस्मत आजमा रहे हैं. मौजूदा हालात बताते हैं कि कुछ क्षेत्रों में दिनाकरण की पकड़ मजबूत है, ऐसे में वो भी राजनीतिक मोहरा साबित हो सकते हैं. 

6.    उदयनिधि स्टालिन
डीएमके हमेशा से ही एक परिवार के इर्द-गिर्द वाला ही दल रहा है. एम. करुणानिधि के बाद एम.के. स्टालिन ने कमान संभाली और इसी कड़ी में अब उदयनिधि स्टालिन का नाम जुड़ा है. डीएमके यूथ विंग के प्रमुख उदयनिधि पहली बार चुनावी राजनीति में कूद रहे हैं. युवाओं में उनकी फैन फॉलोइंग तगड़ी है और पार्टी उन्हें भविष्य के नेता के तौर पर प्रोजेक्ट भी कर रही है. ऐसे में जो स्थिति बंगाल में अभिषेक बनर्जी, महाराष्ट्र में आदित्य ठाकरे के साथ दिखती है, वही चीज़ यहां उदयनिधि के साथ भी है. 

इन बड़े चेहरों के अलावा कई ऐसे नाम भी हैं, जो तमिलनाडु के चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. और ना सिर्फ तमिलनाडु बल्कि देश की नज़र उनपर टिकी है. फिर चाहे वो खुशबू सुंदर हो, अलागिरी हो जो डीएमके से अलग होकर चुनाव लड़ रहे हैं. या फिर सुपरस्टार रजनीकांत हों, जो राजनीति में ना आकर भी बहुत बड़ा फैक्टर बने हुए हैं. 

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