
तेलंगाना में रेवंत रेड्डी का मुख्यमंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है. रेवंत रेड्डी तेलंगाना कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं. सूत्रों के मुताबिक, रेवंत रेड्डी आलाकमान की पहली पसंद हैं. वे कल या गुरुवार को सीएम पद की शपथ ले सकते हैं.
वरिष्ठ उत्तम कुमार रेड्डी और भट्टी विक्रमार्क ने भी सीएम के पद पर अपनी दावेदारी पेश की है. हालांकि, हाईकमान ने उन्हें डिप्टी सीएम या अच्छा पोर्टफोलियो देने की बात कही है. कांग्रेस आलाकमान ने तेलंगाना में रोटेशनल सीएम जैसे किसी भी फॉर्मूले पर बात करने से इनकार कर दिया है.
रेवंत रेड्डी को मिल रहा जीत का श्रेय
तेलंगाना में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है. कर्नाटक के बाद तेलंगाना दक्षिण का दूसरा राज्य है, जहां कांग्रेस की खुद की सरकार बनती दिख रही है. तेलंगाना में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी को शुरुआत से ही सीएम रेस में सबसे आगे माना जा रहा था.
रेवंत रेड्डी तेलंगाना विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कांग्रेस का चेहरा बने रहे. वे प्रचार के दौरान हमेशा राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ नजर आए. तेलंगाना में जीत का सबसे ज्यादा श्रेय भी रेवंत रेड्डी को मिल रहा है. यही वजह है कि सीएम पद के लिए उनका नाम सबसे आगे रहा. रेवंत रेड्डी तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं. रेड्डी तेलंगाना में कांग्रेस के उन तीन लोकसभा सांसदों में शामिल हैं, जिन्होंने 2019 में जीत हासिल की थी.
एबीवीपी से की राजनीति की शुरुआत
रेवंत रेड्डी का जन्म 1969 में अविभाजित आंध्र प्रदेश के महबूबनगर हुआ. रेड्डी ने अपनी छात्र राजनीति की शुरुआत एबीवीपी से की. बाद में वे चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी में शामिल हो गए. 2009 में वे आंध्र की कोडांगल से टीडीपी के टिकट पर विधायक चुने गए. 2014 में वो तेलंगाना विधानसभा में टीडीपी के सदन के नेता चुने गए.
2017 में रेवंत रेड्डी कांग्रेस में शामिल हो गए. हालांकि, वे 2018 में विधानसभा चुनाव हार गए. हालांकि, कांग्रेस ने उनपर भरोसा जताते हुए 2019 लोकसभा चुनाव में मलकाजगिरि से टिकट दिया, इसमें उन्होंने जीत हासिल की. 2021 में कांग्रेस ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देते हुए प्रदेश अध्यक्ष बना दिया.