
उत्तर प्रदेश के कैराना से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रहे नाहिद हसन की गिरफ्तारी को लेकर बीजेपी और सपा में जुबानी जंग छिड़ी हुई है. हसन की आपराधिक छवि को लेकर अब उस सीट से उनके किसी रिश्तेदार को उम्मीदवार बनाया जा सकता है. इस बात का संकेत पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने खुद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया है.
यूपी सरकार के पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान के सपा में शामिल होने के मौके पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने इस बात के संकेत दिए हैं. हालांकि बीजेपी आपराधिक छवि के लोगों को उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर समाजवादी पार्टी पर हमलावर है.
हसन की बहन को टिकट दे सकती है सपा
जब अखिलेश यादव से नाहिद हसन की गिरफ्तारी और कैराना से उम्मीदवारी को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, नाहिद अंसारी को अगर गिरफ्तार कर लिया गया है तो उनके परिवार में जिनके ऊपर एक भी मुकदमा नहीं है उन्हें टिकट दे देंगे.
अखिलेश यादव के इस बयान के बाद अटकलें लगाई जा रही है कि समाजवादी पार्टी नाहिद हसन की बहन इकरा को चुनावी मैदान में प्रत्याशी बनाकर उतार सकती है.
सपा ने दंगाईयों को दिया टिकट: बीजेपी
बता दें कि बीजेपी प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करते हुए सपा पर निशाना साधते हुए सीएम योगी ने कहा था कि समाजवादी पार्टी ने जो उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है उसने कैराना से हिंदू पलायन के लिए जिम्मेदार लोगों को टिकट दिया गया है.
उन्होंने कहा था कि मुजफ्फरनगर के दंगाईयों को टिकट दिया गया है और साथ-साथ लोनी में अपराधी और हिस्ट्रीशीटर को भी प्रत्याशी बनाया गया है. यही समाजवादी पार्टी का चरित्र है यही बीजेपी और समाजवादी पार्टी में अंतर है.
यही वजह है कि अब नाहिद हसन की जगह सपा उनके परिवार से किसी और को उम्मीदवार बना सकती है जिसपर कोई भी आपराधिक मामला दर्ज ना हो.
सपा के एक विधायक जेल और एक बेल पर होते हैं: अनुराग ठाकुर
सीएम योगी से पहले अनुराग ठाकुर भी इस मामले को लेकर अखिलेश यादव पर निशाना साध चुके हैं. कानपुर के पूर्व पुलिस कमिश्नर असीम अरुण के बीजेपी में शामिल होने पर सपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि दंगा करने वाले समाजवादी पार्टी में जबकि दंगाइयों को पकड़ने वाले भारतीय जनता पार्टी में आते हैं. उन्होंने कहा था कि जेल और बेल सपा का खेल है. उनके एक विधायक जेल में तो एक बेल पर रहते हैं.
बता दें कि पहले शामली जिले की कैराना सीट से सपा ने नाहिद हसन को अपना उम्मीदवार बनाया था. उसकी उम्मीदवारी पर सवाल इसलिए खड़े हो रहे थे क्योंकि उन पर पहले से कई आपराधिक केस दर्ज हैं.
जमीन खरीदने के मामले में उन पर धोखाधड़ी का भी केस चल रहा है. शामली की विशेष कोर्ट उन्हें भगोड़ा तक घोषित कर चुकी थी जिसके बाद उसने खुद ही पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. वहीं बीजेपी की माने तो कैराना से जो हिंदुओं का पलायन हुआ है, उसमें भी सपा के नाहिद हसन की अहम भूमिका रही है.
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