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अनुप्रिया पटेल ने प्रतापगढ़ सीट पर वापस लिया प्रत्याशी, मां कृष्णा पटेल के नाम के एलान के बाद फैसला

प्रतापगढ़ सदर से कृष्णा पटेल के चुनाव लड़ने की खबर सामने आते ही अनुप्रिया पटेल ने अपनी पार्टी का प्रत्याशी वापस ले लिया. उन्होंने यह सीट भारतीय जनता पार्टी को वापस कर दी.

कृष्णा पटेल-अनुप्रिया पटेल (File Photo) कृष्णा पटेल-अनुप्रिया पटेल (File Photo)
कुमार अभिषेक
  • लखनऊ,
  • 08 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 2:42 PM IST
  • 2019 से इस सीट पर अपना दल का कब्जा
  • अपना दल ने भाजपा को वापस की सीट

चुनावों में अक्सर परिवार के सदस्य एक दूसरे के खिलाफ मैदान में उतर जाते हैं तो कभी-कभी परिवार के लिए मैदान भी छोड़ देते हैं. ऐसा ही कुछ यूपी चुनाव में मंगलवार को देखने को मिला. अनुप्रिया पटेल के अपना दल (सोनेलाल) ने प्रतापगढ़ सीट से प्रत्याशी वापस ले लिया है. यह सीट उन्हें बीजेपी गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने पर मिली थी.

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अनुप्रिया पटेल ने अपनी मां कृष्णा पटेल के सपा गठबंधन से प्रतापगढ़ सदर सीट पर चुनाव लड़ने की सूचना के बाद यह कदम उठाया है. उन्होंने यह सीट भारतीय जनता पार्टी को वापस कर दी है.

बता दें कि 2017 चुनाव में इस सीट से अपना दल (एस) के संगम लाल ने चुनाव जीता था. इसके बाद 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की थी. इसके बाद यह सीट खाली हो गई थी. संगम लाल के बाद अपना दल के ही राजकुमार पाल इस सीट पर विजयी रहे थे. पार्टी उन्हें ही दोबारा अपना प्रत्याशी बनाने जा रही थी.

गठबंधन को लेकर यह है चुनावी गणित

उत्तर प्रदेश चुनाव में अनुप्रिया पटेल की अपना दल (सोनेलाल) और उनकी मां की पार्टी अपना दल (कामेरावादी) दोनों ही मैदान में हैं. एक तरफ अनुप्रिया पटेल ने भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने का फैसला लिया तो वहीं कृष्णा पटेल अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी (SP) के साथ मिलकर सीट शेयरिंग फॉर्मूले के साथ चुनाव लड़ रही हैं. अनुप्रिया पटेल ने अपनी मां कृष्णा पटेल के सपा गठबंधन से प्रतापगढ़ सदर सीट पर चुनाव लड़ने की सूचना के बाद यह कदम उठाया है. उन्होंने यह सीट भारतीय जनता पार्टी को वापस कर दी है.

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प्रयागराज और वाराणसी सीट पर सपा से हुई थी नोकझोंक

कृष्णा पटेल के नेतृत्व वालि अपना दल (कामेरावादी) और समाजवादी पार्टी के बीच पिछले हफ्ते नोकझोंक की खबरें सामने आई थीं. सूत्रों के मुताबिक दोनों के बीच प्रयागराज और वाराणसी सीट को लेकर बात नहीं जम पा रही थी. इसके बाद अपना दल (k) ने सपा की सभी सीटें वापस लौटा दीं थी. हालांकि, सोमवार को समाजवादी पार्टी ने इन अटकलों पर रोक लगा दी थी. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ सपा ने अपना दल के साथ संयुक्त रूप से डॉ. पल्लवी पटेल को उम्मीदवार बनाया है. सपा के इस ऐलान के बाद अब माना जा रहा है कि दोनों पार्टियों के बीच तकरार कुछ कम हो गई है. 

यूपी में 7 चरणों में मतदान

यूपी में 10 फरवरी से 7 चरणों में मतदान होना है. इसके बाद 14 फरवरी को दूसरा, 20 फरवरी को तीसरा, 23 फरवरी को चौथा, 27 फरवरी को 5वां, 3 मार्च को 6वां चरण होगा. आखिरी चरण के लिए 7 मार्च को वोटिंग होगी. नतीजे 10 मार्च को आएंगे.

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