
उत्तर प्रदेश के बागपत जिले को ‘व्यग्रप्रस्थ’ के नाम से भी जाना जाता था. अन्य मान्यताओं के मुताबिक शहर का मूल नाम ‘व्यगतप्रस्थ’, ‘वक्षप्रस्थ’ था. बागपत पहले एक छोटे वाणिज्यिक केंद्र के रूप में पहचान रखता था. यहां करीब-करीब दो सौ से अधिक मंडियां हैं. नजीब खान के रुहेला चीफ के बेटे जाबिता खान की ओर से बसाए गए इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों की मुख्य व्यापारिक गतिविधि गुड़ और शुगर है. जूते और कृषि उपकरणों का भी यहां निर्माण होता है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
बागपत विधानसभा क्षेत्र के सियासी अतीत की चर्चा करें तो राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) का दबदबा रहा है. बागपत विधानसभा सीट से आरएलडी के नवाब कोकब हमीद पांच बार विधायक रहे. नवाब कोकब हमीद कैबिनेट मंत्री भी रहे. कोकब हमीद के बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की हेमलता चौधरी भी विधायक निर्वाचित हुईं.
2017 का जनादेश
बागपत विधानसभा सीट से साल 2017 के चुनाव में बीजेपी ने योगेश धामा को उतारा. बीजेपी के योगेश धामा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बसपा के नवाब अहमद हमीद को 31 हजार वोट से अधिक के अंतर से शिकस्त दी. आरएलडी के करतार सिंह भड़ाना तीसरे और समाजवादी पार्टी (सपा)-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप उज्ज्वल चौथे स्थान पर रहे. बसपा के टिकट पर हारे नवाब अहमद हमीद अब आरएलडी में शामिल हो चुके हैं.
सामाजिक ताना-बाना
बागपत विधानसभा क्षेत्र में करीब सवा तीन लाख मतदाता हैं. बागपत विधानसभा सीट मुस्लिम बाहुल्य सीटों में गिनी जाती है. बागपत विधानसभा क्षेत्र में जाट और ब्राह्मण वोटर भी मजबूत स्थिति में हैं. जाट वोटर भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं. बागपत सीट से नवाब कोकब हमीद पांच और नवाब शहाब छह बार विधायक रहे. इसके पीछे जाट-मुस्लिम समीकरण को श्रेय दिया जाता है.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
बागपत विधानसभा सीट से विधायक योगेश धामा के साथ ही उनकी पत्नी रेणु धामा भी राजनीति में सक्रिय हैं. विधायक योगेश धामा 10 साल तक जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुके हैं. 12 जनवरी 1976 को गाजियाबाद के हाजीपुर बेहटा में जन्में योगेश धामा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्याम लाल कॉलेज से बीकॉम किया है. उन्होंने छात्र जीवन से ही राजनीति में प्रवेश किया था और कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे. योगेश धामा की छवि सहज और सुलभ नेता की है.