
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की एक विधानसभा सीट है बांगरमऊ विधानसभा सीट. बांगरमऊ विधानसभा क्षेत्र सूबे की राजधानी लखनऊ और हरदोई जिले से सटी है. बांगरमऊ तहसील भी है. ये विधानसभा सीट 1962 के विधानसभा चुनाव से अस्तित्व में है. अब तक हुए 14 चुनाव में सबसे अधिक पांच दफे इस सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार जीते हैं. कांग्रेस के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) तीन और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का नंबर आता है, जिनके उम्मीदवारों को तीन और दो दफे जीत मिली.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
बांगरमऊ विधानसभा सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो इस विधानसभा सीट पर कभी कांग्रेस का कब्जा हुआ करता था. 1962 के चुनाव से अस्तित्व में आई इस सीट पर पहली बार कांग्रेस ने ही अपना झंडा लहराया था. ये सिलसिला 1991 तक चला. गोपीनाथ दीक्षित इस विधानसभा सीट से लगातार चार बार विधायक बने. गोपीनाथ दीक्षित कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार में सूबे के गृह मंत्री भी रहे. 1993 में ये सीट सपा के खाते में चली गई. साल 1996 और 2002 में इस विधानसभा सीट से बसपा के उम्मीदवार को जीत मिली. 2007 और 2012 में बांगरमऊ के मतदाताओं ने सपा के उम्मीदवार को जीताकर विधानसभा भेजा. बांगरमऊ विधानसभा का इतिहास रहा है कि कभी कोई महिला चुनाव जीतकर विधानसभा नहीं पहुंची. इस विधानसभा सीट से पांच दफे महिला उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई लेकिन, एक दफे भी जनता ने उन्हें विधानसभा में अपना प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं दिया.
2017 का जनादेश
बांगरमऊ विधानसभा सीट से साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कुलदीप सिंह सेंगर को उम्मीदवार बनाया था. बीजेपी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे कुलदीप सिंह सेंगर ने बांगरमऊ में पहली दफे कमल खिलाया. कुलदीप सिंह सेंगर पर गैंगरेप के आरोप लगने के बाद पार्टी की किरकिरी भी खूब हुई. बाद में बीजेपी ने कुलदीप को पार्टी से निष्कासित कर दिया. इस मामले में कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को उम्र कैद की सजा सुनाई, जिसके बाद रिक्त हुई सीट से उपचुनाव में बीजेपी ने साफ सुथरी छवि के श्रीकांत कटियार को उम्मीदवार बनाया. श्रीकांत कटियार इस सीट से विधायक हैं.
सामाजिक ताना-बाना
बांगरमऊ विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो ये अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की बहुलता वाली सीट है. इस विधानसभा क्षेत्र में अनुमानों के मुताबिक ब्राह्मण, ठाकुर, गुप्ता, कलवार और यादव मतदाता बड़ी तादाद में हैं. पाल, पासी के साथ ही दलित मतदाता भी बांगरमऊ विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
बांगरमऊ विधानसभा सीट से विधायक श्रीकांत कटियार अपने अल्प कार्यकाल के दौरान विधानसभा क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के दावे कर रहे हैं. श्रीकांत कटियार का दावा है कि उनके कार्यकाल में बांगरमऊ विधानसभा क्षेत्र के हर इलाके का विकास हुआ है. वहीं, विपक्षी दल विकास के साथ ही कुलदीप सिंह सेंगर को लेकर भी बीजेपी को घेर रहे हैं.