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UP Election: चंद्रशेखर आजाद को सता रहा है डर! योगी आदित्यनाथ कैंसिल करवा देंगे नॉमिनेशन

भीम आर्मी चीफ ने कहा कि जनता अब मन बना चुकी है और हम जीतेंगे. मुख्यमंत्री को इतनी फौज इसलिए उतारनी पड़ी क्योंकि उन्हें पता है कि चंद्रशेखर मजबूती से लड़ रहा है. चंद्रशेखर ने आगे कहा कि मुझे मुकदमे से कोई डर नहीं लगता है.

चंद्रशेखर 'रावण' और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ चंद्रशेखर 'रावण' और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ
कुमार कुणाल
  • नई दिल्ली,
  • 04 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 5:00 PM IST
  • चंद्रशेखर आजाद ने सीएम योगी के खिलाफ गोरखपुर सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था
  • चंद्रशेखर का कहना है कि सीएम सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रहे हैं

यूपी चुनाव होने में अब कुछ ही दिन बाकी हैं. इससे पहले यहां की सियासत तमाम बयानबाजी से गर्म है. इसी बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखपुर शहर सीट से अपना नॉमिनेशन भी दाखिल कर दिया है. लेकिन दूसरी तरफ भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद को अपने नॉमिनेशन को लेकर चिंता सता रही है.

चंद्रशेखर ने आरोप लगाते हुए कहा है कि योगी आदित्यनाथ, गोरखपुर से उनके नॉमिनेशन को कैंसिल करवा देंगे. दरअसल, चंद्रशेखर आजाद ने ऐलान किया है कि वह गोरखपुर सदर सीट से सीएम योगी के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ेंगे.

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चंद्रशेखर ने आरोप लगाते हुए कहा कि वह सत्ता में हैं, सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रहे हैं और जो बन पड़ रहा है वह कर रहे हैं. चंद्रशेखर ने कहा कि अगर आपने 5 साल काम किया तो ऐसा क्यों है कि नॉमिनेशन में पूरी फौज उतारनी पड़ रही है और वह भी समय और मुहूर्त तय करके... क्योंकि मुख्यमंत्री हताश हैं.

उन्होंने कहा कि मुझे यह डर है कि मुख्यमंत्री सत्ता का दुरुपयोग करके कहीं मेरा नॉमिनेशन ना कैंसिल करवा दें, क्योंकि जो कार्यशैली मुख्यमंत्री की है वह इतने डर में है कि वह नॉमिनेशन कैंसिल करवा सकते हैं. चंद्रशेखर ने आगे कहा कि मैं इस आधार पर यह बात कह रहा हूं क्योंकि मैंने चुनाव आयोग को एक लेटर लिखा है कि जो वहां एसएसपी हैं, वह बीजेपी के सांसद के दामाद हैं और वह मुख्यमंत्री के ट्वीट को रिट्वीट करते हैं. उन पर मनीष गुप्ता हत्याकांड का आरोप लगा और उसको वह मैनेज करने में लगे हुए हैं.

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भीम आर्मी चीफ ने आरोप लगाया कि सरकारी सिस्टम पर योगी का कब्जा है और वह इस मशीनरी का दुरुपयोग करेंगे. मेरे पास कई सारे समाज के लोगों का फोन आया कि वह समर्थन करेंगे, लेकिन खुलकर इसलिए नहीं सामने आ सकते क्योंकि मुख्यमंत्री रासुका लगा देंगे और वह अपनी जाति के अधिकारियों का उपयोग कर रहे हैं. वह जनता पर फैसला छोड़ दे कि वह किसको अपना नेता चुनना चाहते हैं.
 

 

 

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