
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर, योगी आदित्यनाथ के खिलाफ गोरखपुर से चुनाव लड़ रहे हैं. चंद्रशेखर ने ऐलान किया है कि वह चुनाव के बाद, गोरखपुर या कुशीनगर में ही अपना घर बनाकर रहेंगे. उन्होंने गोरखपुर की बदहाली पर, योगी आदित्यनाथ पर जमकर निशाना साधा. गोरखपुर की लड़ाई पर चंद्रशेखर से आजतक ने एक्सक्लूसिव बातचीत की.
'अब लोगों ने बोलना शुरू कर दिया है'
चंद्रशेखर ने कहा, 'जब यहां आए थे, तो लगता था रास्ता कठिन है, लेकिन जब गोरखपुर की गलियों में गया तो पता लगा कि यहां लोग पीड़ित हैं. मैंने प्रयास किया कि लोग जागें और अपनी चुप्पी तोड़ें. इस प्रयास में हमें सफलता हासिल हुई. उन्होंने कहा कि दो तरह का लोकतंत्र होता है- एक लोकतंत्र है चुप रहना और सहना, दूसरा है अधिकार छीन कर लेना. जब मैं आया था तो यहां बेबसी दिखी थी, लेकिन अब लोगों ने बोलना शुरू कर दिया है.
'गोरखपुर की जनता पीड़ित है'
2 दिन पहले मैंने रोड शो का कार्यक्रम तैयार किया और कल जो रोड शो हुआ, उसमें हजारों लोग आए. इतनी संख्या में आए लोगों को देखकर उत्साह और बढ़ गया है. हमें जनता का साथ मिल रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि गोरखपुर की जनता पीड़ित है, लेकिन समझ नहीं पाती कि किसे अपना दुख कहें. क्योंकि जो मुख्यमंत्री हैं और यहां से उम्मीदवार हैं, उन्हें परेशानियां दिखती नहीं हैं.
गोरखपुर से चुनाव लड़ना सोचा-समझा फैसला
प्रदेश के मुख्यमंत्री का गढ़ रही गोरखपुर सीट से चुनाव लड़ने के फैसले पर उन्होंने कहा, 'भारतीय लोकतंत्र की सुंदरता यह है कि प्रधानमंत्री गुजरात के हैं, लेकिन बनारस में जाकर चुनाव लड़ते हैं. ठीक उसी तरह, राहुल गांधी यहां के हैं और केरल में जाकर चुनाव लड़ते हैं, फिर मैं तो उत्तर प्रदेश का ही हूं.'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए उन्होंन कहा, 'मैंने तो पहले ही कहा था कि एक क्रूर तानाशाह व्यक्ति मुख्यमंत्री है, तो वह जहां से चुनाव लड़ेंगे मैं वहीं से चुनाव लड़ूंगा. मैंने यही फैसला किया था. अगर भगत सिंह ने पहले ही सोच लिया होता कि अंग्रेजों से नहीं लड़ना है, तो भारत को आजादी नहीं मिल पाती.'
मेरा मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ना एक सोचा समझा फैसला है और बीजेपी के सबसे ताकतवर उम्मीदवार के खिलाफ लड़ने का फैसला सोच समझकर ही लिया गया है. दूसरे दल तो डमी प्रत्याशी उतार रहे हैं. लोग भी चाहते थे कि एक मजबूत उम्मीदवार उनके खिलाफ उतरे.
'गोरखपुर या कुशीनगर में बनाऊंगा अपना घर'
'चंद्रशेखर आजाद यहां आजादी दिलाने के लिए आया है और लोगों के मन में एक डर था कि कहीं मैं चुनाव के बाद यहां से चला न जाऊं. उन्हें डर था कि अगर हम आपके साथ खड़े हो जाएं तो कहीं ये न हो कि हमारे खिलाफ मुकदमे हों और हमें जेल भेज दें, हमारी जमीन दबा लें या हमारे घर तुड़वा दें, तो मैंने उन्हें विश्वास दिलाया है और आजतक के माध्यम से यह ऐलान कर रहा हूं कि मैं गोरखपुर या कुशीनगर ही अपना घर बनाऊंगा और यहीं रहूंगा.'
जीतने के लिए ही ये फैसला लिया
उन्होंने कहा,'मैं पहला ऐसा व्यक्ति हूं जो सहयोग से चुनाव लड़ रहा हूं. लोकतंत्र में ऐसा होना बड़ा मुश्किल है, लेकिन मैंने समझ बूझ कर फैसला लिया है और जीतने के लिए फैसला लिया है कि मुख्यमंत्री को हराएं, ताकि भविष्य में वे कोई तानाशाही नहीं कर पाएं.' उन्होंने आगे कहा, 'असंभव क्या है यह बताइए, मैं उसको भी संभव करके दिखाऊंगा. यह लोकतंत्र है, जनता वोट देती है, कोई एक आदमी ठप्पा नहीं लगाता है और मुख्यमंत्री ने यहां पर अकेले ठप्पा लगाने की कोशिश की है.
'वह चुनाव जीतने के लिए हर किस्म के हथकंडे अपना रहे हैं'
उन्होंने आगे कहा, 'एक अधिकारी को यहां पर तैनात कर दिया गया है, जो हमारे विधानसभा में जोनल मजिस्ट्रेट है. यह सहकारिता मंत्रालय लखनऊ से अटैच है और चुनाव आयोग का निर्देश था कि 3 साल से ज्यादा जो व्यक्ति एक जगह पर है उन्हें हटाया जाए, लेकिन उन्हें मजिस्ट्रेट बना दिया गया, तो वह चुनाव जीतने के लिए हर किस्म के हथकंडे अपना रहे हैं. वह भी पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं तो वह कैसे आश्वस्त हैं कि वह ही जीतेंगे.'
'योगी ने गोरखपुर में विकास के कौनसे झंडे गाड़े?'
पूरा गोरखपुर खुदा पड़ा है. यहां पर कई महीने तक लोग डूब कर रहते हैं, तो जब मैं जनता को बताता हूं कि मैं यहां क्यों आया हूं और मेरा मकसद क्या है, तो लोग उससे जुड़ते हैं. जो लोग टैक्स देते हैं, तो वो डूब कर क्यों रहें. जनता उन पर भरोसा क्यों करे जो 1998 से 2017 तक, 5 बार यहां पर सांसद रहे. उन्होंने गोरखपुर के लिए क्या किया? विकास के कौनसे झंडे गाड़े? और अगर उन्होंने विकास किया, तो उस पर वोट क्यों नहीं मांग रहे हैं?
5 साल से आप मुख्यमंत्री हैं, तो गोरखपुर में कितने लोगों को रोजगार मिला और कितने रेहड़ी पटरी वालों को पक्की दुकान में ली और कितना यातायात और जन की समस्या सूची और सफाई कितना हुआ.
आखिर में उन्होंने कहा कि मैं एफिडेविट देकर, यह कहना चाहता हूं कि मुख्यमंत्री के मठ से 350 मीटर पर डेढ़-डेढ़ फिट पानी भरा हुआ है. सौ-सवा मीटर तक आदमी मोटरसाइकल से नहीं जा सकता. और अगर मैं झूठ बोल रहा हूं, तो 420 का मुकदमा लगा दो. लेकिन इसके लिए मैं एफिडेविट दे सकता हूं. यह डूब क्षेत्र है, जिन्होंने इस क्षेत्र को डुबाया है, इस बार जनता उनको डुबा देगी.'