
मैनपुरी का जिक्र आते ही जेहन में आता है समाजवादी पार्टी का नाम. सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के गृह जिले में एक विधानसभा सीट है भोगांव विधानसभा सीट. 1942 की अगस्त क्रांति के दौरान जिस इलाके के छात्रों ने तेवर दिखाते हुए बेवर के थाने पर तिरंगा फहरा दिया था, कृष्ण कुमार, जमुना प्रसाद त्रिपाठी और सीताराम गुप्ता की धरती भी इसी विधानसभा क्षेत्र में आती है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
भोगांव विधानसभा सीट पर साल 1985 में कांग्रेस के शिव वक्ष सिंह राठौर, 1989 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के शिवराज सिंह चौहान, 1991 में सपा के राम अवतार शाक्य, साल 1993 में सपा के उपदेश सिंह चौहान, 1996 में फिर से सपा के राम अवतार शाक्य, साल 2002 से लेकर 2012 तक सपा के आलोक शाक्य विधायक रहे.
2017 का जनादेश
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव के गढ़ मैनपुरी की इस सीट पर कमल खिला. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे रामनरेश अग्निहोत्री ने सपा के आलोक शाक्य को करीब 20 हजार वोट के बड़े अंतर से पराजित कर दिया. रामनरेश को साइकिल के गढ़ में कमल खिलाने का इनाम भी मिला. रामनरेश को योगी मंत्रिमंडल में जगह दी गई. मैनपुरी में ये एक मात्र सीट थी जो बीजेपी जीत पाई. अन्य चारो सीट पर सपा का कब्जा रहा.
समाजिक ताना-बाना
भोगांव विधानसभा सीट पर लोधी और शाक्य बिरादरी के वोटर प्रभावशाली स्थिति में हैं. भोगांव में ठाकुर, यादव, ब्राह्मण के साथ ही दलित वोटर भी ठीक-ठाक स्थिति में हैं. अनुमानों के मुताबिक भोगांव विधानसभा क्षेत्र में करीब साढ़े तीन लाख वोटर हैं.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
मैनपुरी के भोगांव विधानसभा क्षेत्र से विधायक रामनरेश अग्निहोत्री क्षेत्र में विकास कार्य कराने के दावे कर रहे हैं. वहीं, विपक्षी समस्याएं गिनाते नहीं थक रहे. साल 2022 के चुनाव में सपा के गढ़ में अपनी इकलौती सीट बचाने के लिए बीजेपी भी पूरा जोर लगाएगी. देखना होगा कि क्या मुलायम सिंह यादव के गढ़ में बीजेपी अपनी सीट बरकरार रख पाएगी?